विनोद नेताम
TOBBHARAT DESK RAIPUR : राजनीति का रंग देखिए कोयला ब्लॉक के लिए हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में कोयला खदान का चिन्हांकन आवंटन करती है केंद्र सरकार,यानी भाजपा की नरेन्द्र मोदी सरकार।
जबकि हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में केन्द्र सरकार के द्वारा चिन्हांकित कोयला खदानों के लिए ग्राम सभा, फॉरेस्ट क्लियरेंस, पर्यावरण स्वीकृति करती है छत्तिसगढ़ राज्य में स्थित भूपेश बघेल सरकार। वैसे छत्तिसगढ़ सरकार के द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित विषयों पर किए गए ज्यादातर कार्य फर्जी होने की बात जगजाहिर है। वंही अब हसदेव में जंगलों की कटाई को लेकर छत्तिसगढ़ भाजपा नेतृत्व हसदेव बचाने की मांग लेकर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव का घेराव कर रही है। निश्चित तौर भारतीय राजनीति का शायद यही असली रंग और यही असली रूप है। जब फायदा मिले तो जमाई और फायदा निकल जाने के बाद कौन किसका लूगाई। कमाल की राजनीति है शायद इसलिए लोग राजनीति को गंदगी का खदान मानते हैं। बहरहाल भाजपा की बढ़ती हुई ताकत से हैरान तो वंही खुद की खिसकती सियासी जमीन से परेशान शायद कांग्रेस पार्टी के लगभग हर नेताओं के पेट में गैस विगत कुछ वर्षों से महज इसलिए भर जाता है कि केन्द्र सरकार अडानी और अंबानी को फोकट में पाचनशक्ति मजबूत करने वाला बुटी प्रदान कर राहा है। जब से केन्द्र की सत्ता से कांग्रेस पार्टी का चोली-दामन वाला साथ छुटा है तब से एक ही रट लगाए जा रहे है,जबकि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने पार्टी की विचारधारा से खुद को अलग कर दूसरे राह पकड़ रहे है। बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर नेताओं की मानें तो मौजूदा केन्द्र सरकार कार्पोरेट जगत को लाभ पहुंचाने हेतू देश में मौजूद संसाधनों को इनके हाथों में बेंच रही है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के अंदर नेशनल हेराल्ड मामले में देश की संपत्ति को बेंच खाने का आरोप इन्हीं कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता झेल रहे है। ऐसे में कांग्रेसी पार्टी का एक और दोहरा रवैया इन दिनों हसदेव के जंगलों में साफ नजर आ राहा है। अडानी के लिए छत्तीसगढ़ में हसदेव का जंगल बेरहमी से काटा जा रहा है।
अडानी के खिलाफ राहुल गांधी कई मंच पर बोल चुके हैं कि वे मोदी के मित्र हैं और मोदी उन्हें फायदा पहुंचा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और भूपेश बघेल सीएम हैं। ऐसे में हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में निवासरत ज्यादातर लोगों का छत्तिसगढ़ सरकार और कांग्रेस पार्टी से सवाल है,कि अडानी के मित्र सिर्फ मोदी है या फिर कांग्रेस पार्टी भी ?
भूपेश बघेल ने एक दिन कहा कि केंद्र के आदेश न माने तो ऊपर से बत्ती पड़ती है,हालांकि वे साफ नहीं कर पाए कि बत्ती कौन देता है।
पिछले दिनों मोहन भागवत छत्तीसगढ़ आये और भूपेश बघेल के कहने पर चंदखुरी स्थित कौशल्या का मंदिर देखने गए।
राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, पर कभी राजस्थान कभी छत्तीसगढ़ की सरकार उन्हें असहज कर रही है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 15 साल बाद सत्ता बस्तर और सरगुजा के आदिवासियों के दम पर मिला है,लेकिन बस्तर में सिलगेर और सरगुजा में हसदेव के जंगलों में वृक्षों की कटाई से संबंधित विषय में ये सरकार जनता के खिलाफ रही है।
राहुल गांधी के लिए आदिवासी हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं। वे नियमगिरि ओडिशा में आदिवासियों के लिए अपने ही यूपीए सरकार के खिलाफ खड़े हो गए थे। हसदेव पर भी उन्होंने कहा था कि आप जल्द रिजल्ट देखेंगे,पर अचानक फिर कटाई शुरू हो गई।
अब मौका है भूपेश बघेल की विदाई राहुल गांधी तय करें। वे सिर्फ 25 सौ क्विंटल धान की खरीदी और नरवा,घुरवा और गोबर के दम पर चुनाव जीतने का दम भर रहे हैं।
यंहा के लोगों को उम्मीद है,कि राहुल गांधी आदिवासियों के खिलाफ किसी भी कीमत पर नहीं जाएंगे।अडानी के खिलाफ लड़ाई में पार्टी के भीतर भी राहुल गांधी अकेले हैं। राहुल गांधी तक हसदेव की बात पहुंचानी होगी।
वर्तमान समय में अडानी के कोयला ब्लॉक हेतू छत्तीसगढ़ में हसदेव का जंगल बेरहमी से काटा जा रहा है! हालांकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस पार्टी के हर बड़े नेताओं ने हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में स्थित जंगलों को बचाने हेतू स्थानीय आदिवासियों की लड़ाई में साथ देने का वादा करते हुए इन्होंने इन गरीब आदीवासियों को हसीन सपने दिखाए थे। कुछ दिन पहले गोली खाने से लेकर पेड़ का एक डंगाल तक नहीं कटने देंगे यंहा तक जूम्माजूम्मा कुछ दिन पहले जबदस्त तरीके से मिडिया में टी एस सिंहदेव के मुख मंडल से मुख्यमंत्री भूपेंश बघेल के हवाले जबदस्त शब्दों का मायाजाल परोसा गया। उस वक्त लोगों को एक बार सही मायने में लगने लगा कि गंगाजल हाथ में रखकर कसम खाने वाले लोग वादे के पक्के होते है। गौरतलब हो कि भारत जोड़ो यात्रा जरीए भारत की आत्मा को अपने में आत्मा सात करने का दम भरनेवाली कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हसदेव के जंगलों को कांट कर यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी जनता के पीठ में खंजर अच्छा से गोदती है। प्रशासनिक अधिकारियों की तथा सैकड़ों पुलिस बल की मौजूदगी में सैकड़ों पुराने वृक्षों को खोल खदान के नाम से काटा जा रहा है। सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में पेंड्रा मार घाट बर्रा जंगल जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस बल तैनात है किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। पेट्रोल से चलने वाले इलेक्ट्रॉनिक आरा मशीन से पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी है जहां कल तक यह पेड़ हरे-भरे नजर आ रहे थे अब वह अटूट में तब्दील होते हो रहे है। काश 2012 में खदान खोलने के बाद ग्रामीणों के रोजगार शिक्षा पुनर्वास स्वास्थ्य तथा अन्य चीजों पर प्रशासन की नजर होती तो क्षेत्र में कुछ और स्थिति होती है।