रायपुर: छत्तिसगढ़ की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से भूचाल आ गया है,वैसे भूचाल आने की संभावना काफी पहले से बनी हुई थी,लेकिन मौजूदा कांग्रेसी सरकार के ढाई साल पूरा होने के बाद इन संभावनाओ को और ज्यादा बल मिलते हुए देखा गया है ! बहरहाल पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा के जरिए पार्टी आलाकमान को बगावती तेवरों से रूबरू कराते हुए छत्तिसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव पहुंच गए हैं,दश जनपद दिल्ली द्वार!अब टी एस सिंहदेव को दिल्ली पार्टी हाईकमान के द्वारा मानसून सत्र के मध्य क्यों बुलाया गया है यह सर्व विदित है! वैसे भी कांग्रेस पार्टी विगत कई वर्षों से पार्टी नेताओं के बगावती तेवरों से आहत हैं !हालांकि कांग्रेस हाईकमान के द्वारा मामले पर विचार करते हुए और पार्टी नेताओं के बगावती तेवरों से अनुभव प्राप्त करते हुए इस बार छत्तिसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी दिल्ली बुला लिया!इस दौरान राज्य के विधानसभा में मानसून सत्र का दौर भी सुचारु रूप संचालित होता रहा है,जंहा प्रदेश के आम जनता से जुड़े हुए विषयों पर चर्चा किया जाना सुनिश्चित है !वैसे दिल्ली में भी ईडी की पुछताछ से संबंधित विषयों को लेकर कांग्रेस पार्टी में माहौल गर्म बनी हुई है!ईडी मुख्यालय दिल्ली में कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी की नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित विषयों को लेकर दोबारा पुछताछ होना है! सोनिया गांधी से हो रही ईडी की पुछताछ को लेकर कांग्रेस पार्टी मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार पर लगातार हमलावर है! कांग्रेस पार्टी आज दिल्ली के सड़कों पर सरकार खिलाफ फिर पर्दशन करने हेतू सड़क पर उतर आई है!गरमा गर्मी के इस दौर में प्रदेश के किसानों का कांग्रेस पार्टी और मौजूदा सरकार से एक सवाल है!जब राज्य के किसानों को भरे सावन में खाद नहीं मिल रहा है! तब सरकार को विधानसभा में बैठकर राज्य के किसानों तक खाद कैसे पहुंचाई जाए यह सुनिश्चित करने के बजाए घर का झगड़ा शांत करने हेतू दिल्ली का चक्कर लगा रही है! खाद के लिए तरसते किसान सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों देख रही है ,कि शायद सरकार विधानसभा में चर्चा पश्चात कुछ ना कुछ उपाय निकाल लेगी !मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली दौरा कर रहे है ! राज्य में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है! प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की सुविधा से लगभग सभी रूबरू ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री का लगातार प्रदेश से बाहर रहना कंहा तक उचित है! वैसे भी टी एस सिंहदेव पंचायत मंत्रालय का भार विभाग में उनके अनुसार कार्य नहीं होने के कारण छोड़ चुके है! राजनीतिक दृष्टिकोण के हिसाब से यदि देखा जाए तो छत्तिसगढ़ राज्य की मौजूदा सरकार कांग्रेस पार्टी के लिए वह संजीवनी है जिसके बदौलत दिल्ली के दस जनपद बंगला तक में रौनक बरकरार रहती है! मौजूदा समय में कांग्रेस पार्टी के लिए छत्तिसगढ़ सरकार सत्ता की ऐसी चाबी है,जिसे सुशासन के रूप में आम जनता को दिखाकर गुजरात माडल को फेल साबित करने की कवायद को आगे बढ़ाते हुए आने वाले चुनावों में भाजपा के खिलाफ कम से कम खड़ा रहने की स्थिति में शामिल हो सके! ✒️ कांग्रेस पार्टी के लिए राज्य में करो या मरो वाली स्थिति ✒️ भीतरघात और अंदरूनी कलह से वजूद को लटोलटी कांग्रेस पार्टी के लिए छत्तिसगढ़ कांग्रेस पार्टी में मची भूचाल किसी बड़ी राजनीतिक संकट से कम नहीं है!वैसे भी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना लिए देश के सभी कांग्रेस शासित प्रदेशों के किला में जबदस्त तरीके से सेंध लगा रही है! सूत्रों की मानें तो छत्तिसगढ़ प्रदेश के पिछली विधानसभा चुनाव में टी एस सिंहदेव ने भारी-भरकम खर्च किया था, जिसके चलते छत्तिसगढ़ राज्य के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में उनका नाम शुमार है! चुनाव जितने के बाद मुख्यमंत्री का पद टी एस सिंहदेव की जगह कांग्रेस पार्टी ने भूपेश बघेल को दे दिया अब ऐसे में विवाद तो स्वाभाविक है! आगे आने वाले दिनों में यह विवाद शांत होती है या राजनीतिक सुनामी का रूप लेती है यह कहा नहीं जा सकता है!