बालोद : भारत की पवित्र भूमि में अध्यात्म और संस्कृति का वास हुआ करता था , लेकिन देश को विकास की पटरी पर ले कर जाने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं ने अध्यात्म और सभ्य संस्कृति वाले राष्ट्र को नशा का अड्डा बनाने में कोई कसर नही छोड़ा है! राजनीति के आखड़े में मौजूद लगभग सभी पहलवानों को भंलिभांती पता है, कि नशा इंसान का नाश का कारण है! नेताओं और राजनीतिक दलों की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते भारत नशा के खपत के मामले में कई देशों के मुकाबले आगे है !
देश में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों मुकाबले शराब खत्म करने में आगे है , हालांकि राज्य में शराबबंदी की मांग काफी पहले से है और शराब बंदी की मांग को लेकर सरकारी रवैए से नाराज़ भी है ! विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में छत्तिसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी ,जिस पर अब तक छत्तिसगढ़ के सरकार द्वारा कोई खास परफारमेंस नही दिखाया गया है ! अलबत्ता राज्य सरकार , प्रदेश में शराब नीति को सरलीकरण कर गांव गांव में अवैध शराब के ज़रिए मुनाफे कमाने वाले लोगों को बढ़ावा दे रही है ! राज्य में शराब की खपत की जो आंकड़े हैं वह किसी भी सभ्य समाज और राष्ट्र हेतू उचित नहीं मानी जा सकती है ! सरकार को समाज से नशा की समाप्ति हेतू ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए सिर्फ शराब को समाजिक बुराई का संज्ञा देते हुए इसकी खात्मा की जिम्मेदारी से स्वयं अलग करना कई आशंकाओं को जन्म देता है ! समाज के बुद्धिजीवी वर्ग समाज को नशा से दूर रखने हेतू लगातार प्रयास करते रहते है ,तो वंही नशा को लेकर महान संतों ने भी समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है ! सद्गुरु कबीर दास जी ने कहा है ,कि अवगुण कहूं शराब का ,आपा अहमक साथ ! मानुष से पशुआ करें ,दाय गांठ से खात !! अर्थात मैं शराब की बुराई करता हूं , कि शराब पीकर मनुष्य पागल होता है ,मुर्ख और जानवर बनता है जेब से रकम लगता है वह अलग ! छत्तीसगढ़ राज्य एक गरीब प्रदेश है जहां पर दो जून की रोटी हेतू प्रदेश के गरीब जनता को कड़ी मेहनत और मशक्कत करना पड़ता है ! प्रदेश के ज्यादातर गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों की यंहा की महिलाएं पुरुषों के साथ मिलकर बराबर मेहनत करती है ! शराब को लेकर एक आम राय है ,लोग कहते है कि शराब का नशा इंसान को हर तरह से कमजोर करती है , और इसकी लत जल्दी नहीं छूटती है ! ऐसे में प्रदेश के गरीबों को इसकी लत लगना कितना ख़तरनाक है यह बताने की शायद आवश्यकता नहीं है ! बहरहाल बालोद जिला अंतर्गत जगन्नाथपुर जंहा के ग्रामवासी गांव में अवैध शराब बिक्री को लेकर काफी दिनों से आक्रोशित हैं ! ग्रामवासियों के द्वारा लगातार जिला प्रशासन से गांव में अवैध शराब की बिक्री अवरूद्ध करने की मांग को लेकर शिकायत करते रहे वंही जिला प्रशासन के द्वारा भी ग्रामीणों की शिकायत पर गंभीरता से कार्यवाही करते हुए गांव में अवैध तरीके से शराब बिक्री करने वाले लोगों पर कानूनी करते रहे हैं! कानूनी कार्रवाई के बावजूद जगन्नाथपुर में अवैध शराब की नदियां बहती यह निश्चित तौर चिंता का विषय है ! ग्रामवासी इस चिंता को लेकर क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा से गांव के बाहर शराब दुकान खोलने की मांग कर रहे है ताकी गांव के अंदर शराब पीकर गांव की शांत माहौल को अशांत बनाने वाले लोग बाहर ही शराब का सेवन करें ! ग्रामवासियों के द्वारा की गई शराब दुकान खोलने हेतू मांग कंहा तक उचित है और कंहा अनुचित है यह सरकार और ग्रामवासियों को तय करना है , लेकिन शराब के दुकान की जगह विधायक महोदया से गांव में बढ़ीया हास्पिटल या बढ़िया स्कूल की आवश्यकता है जिस पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है ! जनसंपर्क अभियान के दौरान संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने ग्रामवासियों को विभिन्न सरकारी निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया गया है !
देश में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों मुकाबले शराब खत्म करने में आगे है , हालांकि राज्य में शराबबंदी की मांग काफी पहले से है और शराब बंदी की मांग को लेकर सरकारी रवैए से नाराज़ भी है ! विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में छत्तिसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी ,जिस पर अब तक छत्तिसगढ़ के सरकार द्वारा कोई खास परफारमेंस नही दिखाया गया है ! अलबत्ता राज्य सरकार , प्रदेश में शराब नीति को सरलीकरण कर गांव गांव में अवैध शराब के ज़रिए मुनाफे कमाने वाले लोगों को बढ़ावा दे रही है ! राज्य में शराब की खपत की जो आंकड़े हैं वह किसी भी सभ्य समाज और राष्ट्र हेतू उचित नहीं मानी जा सकती है ! सरकार को समाज से नशा की समाप्ति हेतू ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए सिर्फ शराब को समाजिक बुराई का संज्ञा देते हुए इसकी खात्मा की जिम्मेदारी से स्वयं अलग करना कई आशंकाओं को जन्म देता है ! समाज के बुद्धिजीवी वर्ग समाज को नशा से दूर रखने हेतू लगातार प्रयास करते रहते है ,तो वंही नशा को लेकर महान संतों ने भी समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है ! सद्गुरु कबीर दास जी ने कहा है ,कि अवगुण कहूं शराब का ,आपा अहमक साथ ! मानुष से पशुआ करें ,दाय गांठ से खात !! अर्थात मैं शराब की बुराई करता हूं , कि शराब पीकर मनुष्य पागल होता है ,मुर्ख और जानवर बनता है जेब से रकम लगता है वह अलग ! छत्तीसगढ़ राज्य एक गरीब प्रदेश है जहां पर दो जून की रोटी हेतू प्रदेश के गरीब जनता को कड़ी मेहनत और मशक्कत करना पड़ता है ! प्रदेश के ज्यादातर गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों की यंहा की महिलाएं पुरुषों के साथ मिलकर बराबर मेहनत करती है ! शराब को लेकर एक आम राय है ,लोग कहते है कि शराब का नशा इंसान को हर तरह से कमजोर करती है , और इसकी लत जल्दी नहीं छूटती है ! ऐसे में प्रदेश के गरीबों को इसकी लत लगना कितना ख़तरनाक है यह बताने की शायद आवश्यकता नहीं है ! बहरहाल बालोद जिला अंतर्गत जगन्नाथपुर जंहा के ग्रामवासी गांव में अवैध शराब बिक्री को लेकर काफी दिनों से आक्रोशित हैं ! ग्रामवासियों के द्वारा लगातार जिला प्रशासन से गांव में अवैध शराब की बिक्री अवरूद्ध करने की मांग को लेकर शिकायत करते रहे वंही जिला प्रशासन के द्वारा भी ग्रामीणों की शिकायत पर गंभीरता से कार्यवाही करते हुए गांव में अवैध तरीके से शराब बिक्री करने वाले लोगों पर कानूनी करते रहे हैं! कानूनी कार्रवाई के बावजूद जगन्नाथपुर में अवैध शराब की नदियां बहती यह निश्चित तौर चिंता का विषय है ! ग्रामवासी इस चिंता को लेकर क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा से गांव के बाहर शराब दुकान खोलने की मांग कर रहे है ताकी गांव के अंदर शराब पीकर गांव की शांत माहौल को अशांत बनाने वाले लोग बाहर ही शराब का सेवन करें ! ग्रामवासियों के द्वारा की गई शराब दुकान खोलने हेतू मांग कंहा तक उचित है और कंहा अनुचित है यह सरकार और ग्रामवासियों को तय करना है , लेकिन शराब के दुकान की जगह विधायक महोदया से गांव में बढ़ीया हास्पिटल या बढ़िया स्कूल की आवश्यकता है जिस पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है ! जनसंपर्क अभियान के दौरान संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा ने ग्रामवासियों को विभिन्न सरकारी निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया गया है !