रायपुर : सफेद वस्त्र , धारण करने वाले लोगों को लेकर यह धारणा है ,कि इस वस्त्र को धारण करने वाला इंसान सादा जीवन उच्च विचार वाले गुणों वाला है, क्योंकि सफेद रंग शांति , सद्भाव और एकता का प्रतीक माना जाता है ! वैसे भारतीय राजनीति के बारे में ज्यादातर लोगों का मानना है , कि भारत की राजनीति गंदी हो चुकी है , जबकि ज्यादातर भारत के राजनेता सफेद वस्त्र धारण करते हैं ! अब ऐसे में सफेदपोश लेश राजनेताओं एवं सफेद रंग की भारिभाषा के मध्य कितनी गहरी खाई है इसे समझना आसान है ! भारत आध्यात्मिक संपदा से परिपूर्ण राष्ट्र है जहां पर सर्वधर्म सद्भाव की बात कही जाती है, और समस्त संसार भारत की इसी संस्कृति का गुणगान करते हुए भारत को विश्व गुरु का दर्जा प्रदान करता है! भारत के पावन धरा की हर कण-कण में शिव का वास है, तो वहीं हर भारतीय मुसलमान की हृदय में पैगंबर मोहम्मद का निवास है! हर सिख गुरु गोविंद सिंह की तरह बलिदानी है, तो हर चर्च में मसीह का घर है ,लेकिन कुछ वर्षों के दौरान भारत में धार्मिक अस्थिरता बदस्तूर तेजी के साथ बढ़ती हुई नजर आ रही हैं ! जगह जगह धार्मिक उन्माद की मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, जबकि धार्मिक उन्माद भारत जैसे सर्वधर्म सद्भाव वाले राष्ट्र में कतई स्वीकार करने जैसी नहीं है! भारत की सभ्यता और संस्कृति में धर्मनिरपेक्षता की बात कही गई है , लेकिन भारत के सफेदपोश नेताओं ने राजनीति की तरह धर्म को भी गंदगी से भरने हेतू कोई कसर नही छोड़ा है ! धार्मिक उन्माद फैलाने में सिर्फ राजनेताओं का हाथ नहीं होता है और यह संभव भी नहीं जबतक कि धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए कट्टर विचारधारा के लोग धर्म के आड़ राजनीतिक स्वार्थ साधने वाले नेताओं के साथ नही देंगे,दराशल धर्म के आड़ में राजनीतिक दलों के नेताओं को संरक्षण देने वाले लोग ही ज्यादातर धर्म के ठेकेदार बने हुए है ! इन सबकी आपसी गठजोड़ यदि समाज की बेहतरी चाहेगी तो निश्चित तौर पर समाज और देश की दिशा बदल सकती और इनकी नियत जरा भी खराब हुई तो राष्ट्र और समाज का पतन निश्चित है ! भारत महान सभ्यता और संस्कृति वाला देश मानी जाती है ,भारत की इस धरा पर अनेक महान विभूतियों ने जन्म लिया है ,जिनकी समाजिक परोपकार को आज भी दुनिया नमन करती है ! भारत की सभी धर्म शांति सद्भाव और प्रेम का संदेश देती हुई समस्त संसार का मार्ग दर्शन किया है , लेकिन आज के वर्तमान समय में देश के ज्यादातर धार्मिक ,और आध्यात्मिक विचारों से जुड़े संगठनों के मठाधीश धर्म के नाम पर धर्म को अर्धम की ओर ले जाने का कार्य करते हैं, और बदले में सफेदपोशो के साथ मिलकर रोटी सेंकते है ! विगत दिनों भारतीय जनता पार्टी के महिला नेता द्वारा मुस्लिम धर्म को लेकर विवादित बयानबाजी कर दिया ! उक्त महिला नेता के बयानबाजी से आहत देश भर के मुशलमान भाई शुक्रवार 10 जून 2022 को देश के ज्यादातर जगहों पर जूने की नमाज अदा करने हेतू एकत्र हुए जंहा पर उक्त विवादित बयानबाजी को लेकर जूने के नमाज में शामिल भीड़ भड़क गई !इस दौरान देश के कई शहरों में हिंसा आगजानी , तोड़फोड़ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबर है । मामले में हिंसा आगजानी तोड़फोड़ जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों की तलाश जारी है कई , गिरफ्तारीयां भी हुई है , वंही दूसरी ओर उक्त महिला के विवादित बयान का समर्थन हेतू दूसरे धर्म से जुड़े हुए लोगो की सड़क पर उतरने की खबर है ! भारत निश्चित तौर पर अध्यात्मिक गतिविधियों , धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य समाजिक मानवीय मूल्यों को लेकर समाज के मध्य बेहतरीन छाप छोड़ा है , लेकिन भारतीय राजनेताओं और धार्मिक कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़े हुए लोगों ने भारत की आन बान और शान को अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतू गहरा चोंट पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर ली है , जिसके चलते जब चाहे तब यह लोग अपनी आर्थिक और राजनीतिक इच्छा पूर्ति हेतू धार्मिक विवाद खड़ा कर देते है ! राजनीति ,और धर्म दोनों ही समाज के मुख्य अंश है , लेकिन इन मुख्य अंश को संम्हालने वाला व्यक्ति अक्ल से अंधा और दिमाग से काना हो तब क्या होगा यह समझना आसान है ! भारतीय समाज और देश की आम जनता को धर्म के आड़ में रोटी सेंकने वाले धार्मिक पाखंडों को समाज से दूर रखना होगा ताकि समाज में आपसी भाईचारा को बढ़ावा मिल सके और शांति एवं सदभाव का माहौल बनी रहे ! छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला अंतर्गत तूएगोंदी गांव में राज्य की शांति को भंग करने का प्रयास किया गया है , जिसके चलते अगामी 17 जून को सर्व आदीवासी समाज ,छतिसगढ़ीहा क्रांतीसेना जेल भरो आंदोलन करने जा रही है ! विदित हो कि तूएगोंदी गांव में एक धर्म विशेष से जुड़े हुए स्वंभू महात्यागी के उकसावे में आकर सभ्य समाज के मध्य में रहने कुछ लोग गंभीर अपराध को अंजाम दे दिया , जिसके बाद में उक्त घटना को लेकर विरोध करने हेतू सर्व आदीवासी समाज छत्तिसगढ़ एवं छतिसगढ़ीहा क्रांति सेना 25 मई को बालोद महाबंद का आव्हान किया । 25 मई बालोद महाबंद के दौरान जिला के गुण्डरदेही में एक और बड़ी घटना हो गई,जिस पर बालोद पुलिस कार्यवाही कर रही है ! तूएगोंदी गांव की घटणा एक धार्मिक तथाकथित संत के आव्हान पर अंजाम दिया गया है ,यह सवा आना सत्य है! देश की सद्भाव , धर्मनिरपेक्षता , व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता जैसी अनेक अपराध उक्त महात्यागी बाबा के द्वारा की गई है , जिसके बावजूद शासन और प्रशासन के नजर में बाबा अब भी महात्यागी बना हुआ है , जबकि सर्व आदीवासी समाज और छतिसगढ़ीहा क्रांति सेना बाबा को घटना का मास्टर माइंड बताते हुए सरकार से उसकी गिरफ्तारी का मांग हेतू 17 जून को जेल भरो आंदोलन का आव्हान किया है ! छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस महकमा जेल भरो आंदोलन को लेकर सजग है , क्योंकि 25 जून को राज्य के बालोद जिला में माहौल खराब हो गया था ! ऐसे में देखना यह है , कि मामले में छत्तिसगढ़ सरकार क्या एक्सन लेती है , हालांकि 1 मई को तूएगोंदी मामले की दुसरा मास्टर माइंड ने कल बालोद पुलिस को सरेंडर करने की खबर है !