विनोद नेताम
बालोद : भारत की पवित्र भूमि के बारे में सनातन संस्कृति के अनुसार मिट्टी के हर कण में शिव का वास होना बताया गया है , लेकिन कलयुग की इस आधुनिक युग में शिव के कण भारत की पवित्र भूमि के हर कण से लगभग समाप्ति ओर तेजी से बढ़ रही है, निश्चित तौर पर यह एक सांस्कृतिक चिंतन का विषय है। आज की मौजूदा दौर में शिव की कण की जगह भारत की भूमि पर राजनीति की विशाल कण इन दिनों बहुतायत मात्रा में मिल राहा है यह कहना शायद उचित होगा । भारत में राजनीति आज के वर्तमान युग में हर जगह हावी है , इसलिए राजनीति एक बड़ा कारोबार बन कर भारत में तेजी के साथ उभर रहा है। देश के ज्यादातर देशी नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़कर आने के बाद देश में राजनीतिक पाठशाला में भर्ती हो रहे हैं , तो वंही बड़े बड़े नौकरशाह अपनी लाखों रूपए की सरकारी नौकरी छोड़ कर राजनीतिक कारोबार में हाथ आजमा रहे है । देश के मेहनत कश किसानों के संतान अपनी कृषि योग्य भूमि को बड़े कारोबारी को बेचकर नेतागिरी में भाव चमकाने में लगा हुआ है । आखिर राजनीति गंदी है ,तो सभी के सभी इस गंदी दलदल में लोटने हेतू दिन रात क्यों मेहनत कर रहे है ,यह सोचने वाली बात है । लोग जिस दिन इसके पिछे की कारणों को सोंच कर समझ लेंगे,शायद उस दिन सेवा के नाम पर मेवा खाने वाले लोगो की चेहरों से नेतागिरी का पर्दा उठ जायेगा । ऐसा नहीं ही है ,कि देश में सभी नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं ,देश के अंदर कई जमीन से जुड़े और ईमानदार नेता रहे हैं , और है और आगे भी रहेंगे। देश की राजनीति में ज्यादातर भ्रष्ट नौकरशाह , भ्रष्ट नेताओं , के चलते बदनाम है , इसलिए समाज को साफ और स्पष्ट राजनीतिक पृष्ठभूमि की विचारधाराओ को समझने वाला व्यक्तियों की जरूरत है । बहरहाल बालोद जिला अंतर्गत अगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों की ओर से लगातार जारी है । जिला में स्थित सभी राजनीतिक दल इन दिनों पार्टी लेवल पर पार्टी की स्थिति मजबूत करने में जुटी हुई है , तो वंही जिला के अंदर मौजूद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं में अगामी विधानसभा चुनाव टिकट को लेकर एक दूसरे में गहमागहमी मची हुई है । जिला में कांग्रेस पार्टी सहित भारतीय जनता पार्टी की स्थिति लगभग एक जैसी नजर आ रही है । दोनों पार्टियों के नेताओं की आगे आने वाले दिनों में बड़ी बड़ी आपसी मिंटींग होने तक की अंदेशा लगाई जा रही है , जिसमें दोनों पार्टियों के नेताओं की मध्य अगामी विधानसभा चुनाव टिकट को लेकर आगे आने वाले दिनों खिंचतान होने की संभावना है । अब देखना यह है कि तमाम राजनीतिक तुर्रम बाजी के बाद आगे आने वाले दिनों में 2023 विधानसभा चुनाव किन किन चेहरों पर लड़ी जाएगी ।