केंद्रीय पर्यवेक्षक के साथ तीन सहप्रभारी डॉ शिव डहरिया, लालजीत सिंह राठिया और गुरुदयाल बंजारे दावेदारों से मिलेंगे साथ ही कार्यकर्ताओं की नब्ज़ भी टटोलेंगे।
राजीव भवन में गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। दावेदार अपने साथ समर्थकों का हुजूम लेकर आए हैं तो जिलेभर से कार्यकर्ता भी बड़ी तादाद में पहुंचे हैं।
सबसे ज्यादा उत्सुकता जिलाध्यक्ष के पद को लेकर बनी हुई है। इसके लिए दर्जनभर से ज्यादा दावेदार सक्रिय हैं। वैसे तो कई नाम तैर रहे हैं किंतु पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नीशू चंद्राकर, कुरूद के दिग्गज नेता वर्तमान जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर और पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत कुरूद तपन चंद्राकर, पूर्व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद पवार का नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं।
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय नीशू चंद्राकर की स्वीकार्यता हर तरफ है।मिलनसार स्वभाव के चंद्राकर ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष के रूप में बढ़िया काम किया है। वो सबको साथ लेकर चलने के लिए जाने जाते हैं।
विपरीत परिस्थितियों में भी कुरूद में पार्टी का झंडा बुलंद रखने के लिए प्रसिद्ध नीलम चंद्राकर भी पार्टी के बेहतर जिलाध्यक्ष साबित होसकते हैं। कुरूद के तेजतर्रार नेता तपन चंद्राकर की छवि जुझारू नेता की रही है जो उन्हें जिलाध्यक्ष का चेहरा बनाती है।
जिले के युवा नेताओं में सबसे उम्मीदों भरा नाम आनंद पवार का है। पेशे से कृषक पवार शहर और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में बराबर लोकप्रिय हैं। विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व कर उन्होंने खुद को साबित भी किया है। गुटबाजी का ग्रहण नहीं लगा तो कांग्रेस की संभावनाओं को मूर्तरूप दे सके ऐसा नेतृत्व जिले को मिल सकता है।
