कुरूद में धूमधाम के साथ मनाई गई आंवला नवमी
कुरूद . गुरुवार को कुरूद में बहुत ही धूमधाम के साथ आंवला नवमी मनाई गई।इस अवसर पर मातृशक्तियों ने विधिवत पूजा आराधना करते हुए अपने घर परिवार की समृद्धि,संतानो की उन्नति और विकास के लिए कामना की । इस अवसर पर पंडित केपी तिवारी, सविता तिवारी ,मीना पांडे ,नेहा चंद्राकर ,भारती चंद्राकर ,नमिता चंद्राकर ,शीला दीवान ,संतोषी महावर, संतोषी चंद्राकर ,परमेश्वरी चंद्राकर, अनसूया साहू ,सुधीर झा, संतोषी चंद्राकर, संगीता महावर, शकुन अग्रवाल,नलिनी कृदत्त ,भावना चंद्राकर, नीरा ,प्रियंका , लीना आदि शामिल हुए।विदित है कि आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन पकाने और करने को शुभ माना जाता है और यह दिन दान-पुण्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।यह दिन प्रकृति और भक्ति का मेल है, जहां आंवले के पेड़ को ईश्वर का रूप मानकर उसकी पूजा की जाती है।इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल जन्म-जन्मान्तर तक मिलता है।ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माँ लक्ष्मी ने विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर आंवले के वृक्ष की पूजा की थी।एक अन्य कथा के अनुसार, इसी दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी।इसी दिन आदि शंकराचार्य ने एक निर्धन स्त्री के लिए कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी, जिसके परिणामस्वरूप उसके घर पर सोने के आंवले गिरे थे।मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष पर निवास करते हैं।इस दिन को 'युगादि तिथि' भी कहा जाता है।
