बस्तर दशहरा के मंच पर धमतरी की धमक

 



उपासना- मनुराज,पंखुड़ी और प्रियांशी ने बाँधा समां

    विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा महोत्सव में इस वर्ष धमतरी के राष्ट्रीय स्तर के तबला वादक पंडित मनुराज पचौरी और उनकी शिष्या, राष्ट्रीय कथक कलाकार उपासना भास्कर ने ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। करीब आधे घंटे की कथक प्रस्तुति ने दशहरा महोत्सव को एक यादगार सांस्कृतिक पर्व में बदल दिया।उपासना ने अपने नृत्य का आरंभ भावपूर्ण शिव स्तुति से किया, फिर कुछ छोटी–छोटी मनमोहक तिहाइयाँ पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का उत्कर्ष था उनकी दुर्गा स्तुति, जिसे उन्होंने नगर की दो नवोदित प्रतिभाओं पंखुड़ी कुलकर्णी और प्रियांशी साहू के साथ प्रस्तुत किया। ये दोनों श्री कृष्ण संगीत महाविद्यालय की छात्राएँ हैं, और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में अपनी कलात्मक पहचान छोड़ चुकी हैं।संगीत की लहरियों पर महाविद्यालय के प्राचार्य वीरेंद्र साहू ने उपासना का साथ दिया, जबकि तबले पर पंडित मनुराज पचौरी ने अपनी अद्वितीय ताल साधना से प्रस्तुति को चार चाँद लगा दिए। मंच पर गुरु–शिष्या की यह संगति दर्शकों के दिल में बस गई।कार्यक्रम के बाद मनुराज और उपासना ने कहा कि बस्तर महोत्सव केवल बस्तरिया संस्कृति का दर्पण ही नहीं, बल्कि आदिवासी लोक जीवन की अनमोल झलक भी प्रस्तुत करता है। उन्होंने इस अवसर को स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने का सुनहरा अवसर बताया और इसी भावना से पंखुड़ी तथा प्रियांशी को अपने साथ शामिल किया।इनकी इस उपलब्धि पर महापौर रामू रोहरा, संस्थापक सदस्य पीवी पराड़कर, पूर्व विधायक हर्षद मेहता और इंदर चोपड़ा, वरिष्ठ समाजसेवी भरत सोनी, चेतन हिंदुजा, पूर्व महापौर विजय देवांगन, वरिष्ठ पत्रकार रंजीत छाबड़ा, विजय साहू, मुकेश जैन और भोजराज साहू ने हार्दिक बधाई दी।बस्तर का यह दशहरा, जो भारत में संभवतः सबसे लंबे समय तक चलने वाला उत्सव है, इस बार धमतरी के कलाकारों के कारण और भी अविस्मरणीय बन गया।