New Delhi. नई दिल्ली। जीएसटी (GST) प्रणाली से जुड़ी सबसे बड़ी घोषणा मंगलवार को हो गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया गया। बैठक में जीएसटी स्लैब घटाकर तीन से सिर्फ दो कर दिए गए। यानी अब उपभोक्ताओं को टैक्स स्लैब की जटिलता से राहत मिलेगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 22 सितंबर 2025 से नई दरें लागू होंगी। उन्होंने कहा – “हमने स्लैब कम कर दिए हैं। अब केवल दो स्लैब होंगे और हम क्षतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) पर भी विचार कर रहे हैं। ये सुधार खासतौर पर आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं।”
अब जीएसटी के स्लैब क्या होंगे?
नई व्यवस्था में सिर्फ दो स्लैब होंगे – 5% और 18%। वहीं तीसरा स्लैब विशेष श्रेणी में रखा जाएगा। काउंसिल ने 28% का स्लैब खत्म कर दिया। अब ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता वस्तुएं 18% या उससे कम टैक्स दायरे में आएंगी।
किन सामानों पर सिर्फ 5% GST लगेगा?
काउंसिल ने रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं पर टैक्स को काफी हद तक कम किया है। अब निम्न वस्तुओं पर केवल 5% GST लगेगा – हेयर ऑयल
टॉयलेट सोप और साबुन की टिकिया
शैंपू
टूथब्रश और टूथपेस्ट
साइकिल
टेबलवेयर और किचनवेयर नमकीन, भुजिया
सॉस, पास्ता और चॉकलेट कॉफी व अन्य घरेलू सामान
इन सामानों पर पहले 12% या 18% टैक्स देना पड़ता था।
किन चीजों पर खत्म हुई जीएसटी?
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं पर टैक्स को पूरी तरह शून्य (0%) कर दिया है। इसमें शामिल हैं –
अल्ट्रा हाई टेम्परेचर
दूध छेना और पनीर
सभी प्रकार की भारतीय रोटियां (रोटी, पराठा आदि) इस निर्णय से दूध और दूध उत्पादों की कीमत में कमी आएगी। खासतौर पर मध्यमवर्ग और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
किन वस्तुओं पर घटी 28% जीएसटी? अब तक 28% जीएसटी वाली कई वस्तुओं को घटाकर 18% कर दिया गया है। इसमें शामिल हैं – एयर कंडीशनर (AC) 32 इंच से बड़े टीवी और सभी टीवी वॉशिंग मशीन छोटी कारें 350cc इंजन क्षमता तक की मोटरसाइकिलें इससे इन वस्तुओं की कीमतों में 10% तक कमी आएगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला? वित्त मंत्री ने कहा कि इन सुधारों का मकसद टैक्स ढांचे को सरल बनाना और आम आदमी को राहत देना है। उन्होंने कहा – “आम आदमी के दैनिक उपयोग की चीजों पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा की गई है और दरों में कमी आई है।
“किसानों और कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा।” “स्वास्थ्य क्षेत्र को भी टैक्स राहत दी गई है।” विशेषज्ञों का मानना है कि स्लैब घटने से टैक्स अनुपालन आसान होगा और कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। आम जनता और बाजार पर असर आम आदमी को राहत: घरेलू उत्पादों की कीमतें कम होंगी। किसानों को लाभ: दूध, पनीर और कृषि उत्पादों पर टैक्स खत्म होने से उत्पादन लागत घटेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा: इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स सस्ते होने से मांग बढ़ेगी। महंगाई पर नियंत्रण: टैक्स दरों में कमी का सीधा असर थोक और खुदरा बाजार पर पड़ेगा।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया बैठक के बाद उद्योग संगठनों ने सरकार का स्वागत किया। व्यापारिक संगठनों का कहना है कि स्लैब की संख्या घटने से टैक्स प्रणाली आसान होगी और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा।