"धान के कटोरा मानें जाने वाले छत्तीसगढ़ प्रदेश की उपजाऊ भूमि पर अपनी खून और पसीना के बदौलत धान का एक एक दाना उगाने वाले अन्नदाताओं के साथ इस वर्ष भी धान खरीदी केन्द्रों में हुई सांय सांय धांधली"
बालोद : किसी भी उन्नत राष्ट्र की तरक्की में उस राष्ट्र के कृषि और उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य की पहचान धान उत्पादन के मामले में समस्त संसार भर के अंदर विशेष स्थान रखता है। गौरतलब हो कि भगवान श्री राम चंद्र जी के ननिहाल मानें जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य की इस सरजमीं के हर कण में धान और किसान स्पष्ट रूप से बसे हुये दिखाई देते हैं। शायद इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य की धनहा उपजाऊ भूमि को धान का कटोरा भी कहने का चलन बरसों से चली आ रही है। वंही उद्योग के मामले में भी छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर राइस मिलों की संख्या सबसे अधिक है। चांवल की उसना और अरवा मिल का उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत बना लिया है और इसी के चलते संसार भर के अंदर छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलों के मामले में पहला स्थान हासिल कर लिया है। सूबे के हजारों बेरोजगार इन राइस मिलों के बदौलत अपने परिवारों के लिए दो बख्त की रोटी बड़ी आसानी से जुटा पाने में सफल हो पा रहे हैं। हालांकि कृषि क्षेत्र और राइस मिल उद्योग में और भी कई तरह की सुधार करने की आवश्यकता जताई जा रही है और सरकार भी इस दिशा में अग्रसर होने का दावा भी कर रही है। इस बीच इस वर्ष धान खरीदी का कार्य ले देकर या पेल ठकेल कर लगभग संपन्न हो ही गया है। गनीमत यह रही कि बारिश ने धान खरीदी कार्य में खलल नहीं डाला है। वरना विष्णुदेव साय की सांय सांय सुशासन में धनिया उसी वक्त बोंआ जाता है। बहरहाल कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता से जाने के बाद विष्णुदेव साय सरकार के लिए प्रदेश के किसानों से जुड़ी हुई धान खरीदी का यह कार्य निश्चित रूप से बहुत बड़ी जिम्मेदारी वाला कार्य था। इस बीच धान खरीदी के दौरान राइस मिलर संघ से जुड़े हुए मामलों को लेकर सरकार और मिलर संघ के बिच बहुत दिनों तक मनमुटाव देखने की घटनाक्रम सर्व विदित है। उक्त घटनाक्रम के चलते कई जगहों पर धान का उठाव समय पर नहीं हुआ था। परिणामस्वरूप किसानों से लेकर धान खरीदी केन्द्रों पर धान खरीदी की जिम्मेदारी संम्हालने वाले लोगों की हालत पतली हो गई थी। वंही सरकार से मनमुटाव को खत्म करने के बाद राइस मिल संघ ने धान खरीदी केन्द्रों से धान उठाव का काम शुरू कर दिया है,लेकिन इस बीच जो भी परेशानी धान खरीदी केन्द्रों में विराजमान अधिकारीयों ,कर्मचारियों और उनके साथ किसानों ने देखा है निश्चित रूप से वह असहनिय माना जा सकता है।आपदा में अवसर समझकर कई भाजपाई कमल भैय्ये प्राधिकृत अधिकारियों ने धान खरीदी केंद्र में पदस्थ प्रबंधकों के साथ मिलकर किया धान खरीदी कार्य में खुलेआम गड़बड़ झाला, बावजूद इसके तीन कृषि कानून रद्द कर खुद को किसान हितैषी डबल इंजन सरकार कहलाने का दावा ठोंकने वाले लोगों की हुई बोलती बंद, धान खरीदी केन्द्रों पर हुई गड़बड़ी को लेकर लगातार जांच पड़ताल जारी होने की बात कही जा रही है किन्तु अन्नदाताओं और अन्नदाताओं के सरदार को चूना लगाने वाले लोगों को लेकर सांय सांय कार्यवाही को लेकर अन्नदाताओं का कई सवाल हैं।