"सुशासन के बलबूते जनता के दर पर दिन रात विकास का ढोंल पिटने वाले विष्णुदेव साय सरकार के राज में नक्सलग्रस्त क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवा पत्रकार की आंय बांय हत्या"
सूत्रों कि माने तो 135 करोड़ रुपए लागत से बनने वाली सड़क निर्माण कार्य को लेकर ND TV में खबर प्रकाशित किया था जिसके बाद से लगातार वो सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए ठेकेदार से भयभीत बतायें जा रहे थे। मुकेश चंन्द्राकर 1 जनवरी के दिन से गायब चल रहे थे जिस पर उसके बड़े भाई ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन आज सूचना प्राप्त हुई है कि सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए उक्त ठेकेदार के यंहा सेप्टिक टैंक में मुकेश चंन्द्राकर का शव पाया गया है। बस्तर संभाग के युवा पत्रकार के मौत को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य के पत्रकारिकता जगत में भंयकर आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को लेकर राज्य के लगभग सभी पत्रकार कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और इसके साथ ही घटिया सरकारी सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि सूबे के ज्यादातर पत्रकार प्रदेश में उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं किन्तु कमजोर मानसिकता से लबरेज सरकारी सिस्टम महज अपनी वेतन भत्ता बढ़ाने में लगी हुई है। परिणामस्वरूप प्रदेश भर के अंदर मौजूद घटिया सिस्टम के विरुद्ध कलम के जरिए लड़ने वाले पत्रकारों की सुरक्षा भगवान भरोसे टिकी हुई है।