यह दुर्लभ संयोग बलरामपुर कोतवाली के सामने का बताया जा रहा है। जंहा पर सुशासन दारू पीकर लेटा हुआ है और उसके सहयोगी शराबी दारू पीकर बकते हुए दिखाई दे रहा है कि जिन शराबियों का पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने के एवज में चालान कर वाहन जप्त किया है उसे तत्काल छोड़ दें अगर नहीं छोड़े तो थाना प्रभारी 2 दिन में हटा दिया जाएगा। बहरहाल जमीन पर लेटे इस सुशासन का नाम अजित सिंह बताया जा रहा है जो कि सुशासन रूपी सुदर्शन चक्र के नाम पर दिन रात सांय सांय करते हुए आंय बांय बकलोली करने वाली सरकारी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष है।
हाल के दिनो मे कांग्रेस पार्टी की पुर्वति भूपेश बघेल की सरकार शराब घोटाला मामले को लेकर बुरी तरह से घिर चुकी है। इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य की सरजमीं पर बीजेपी सरकार की मौजूद हैं। इससे पहले कांग्रेस पार्टी राज्य में शराबबंदी करने का वायदा कर सत्ता में काबिज हुई थी वंही भाजपा अब न साहिबो बदल के रहिबो का नारा देकर सत्ता में आई है। हालांकि देखा जाए पूरे प्रदेश भर में अब तक कुछ नहीं बदला है। छट्टी से लेकर मरनी तक में खूब दारू पी रहे हैं आम छतिसगढ़ीहा लोग और भारी मुनाफा कमा रही है राज्य के अंदर मौजूद सरकार और इसके साथ ही विपक्ष।
छत्तीसगढ़ प्रदेश मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद न सिर्फ विभिन्न क्षेत्रों में अपनी काबिलियत को सिद्ध करने में सफल हो पाई है अपितु कई ऐसे भी मामले है जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश से काफी गये गुजरे हुए दिखाई दी है। मसलन शराब खोरी के मामले में बता दें कि पूरे देश भर में सबसे ज्यादा शराब पिए जाने वाले राज्यों में पहले नंबर पर छत्तीसगढ़ राज्य का नाम शुमार है। करीब तीन करोड़ की आबादी वाले इस राज्य के लगभग 35.6 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर त्रिपूरा राज्य का नाम आता है जंहा पर लगभग आबादी के 34.7 प्रतिशत लोग शराब पीने के आदी हैं वंही तिसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश का नाम है। यंहा पर करीब 34.5 फीसदी लोग शराब पीकर सरकार की सेहत को मजबूत बनाने का नेक काम करते हैं। बता दें कि शराब को किसी भी राष्ट्र की पतन का मुख्य कारण माना जा रहा है किन्तु अमृतलाल के अमृतकाल रूपी इस दौर में शराब न सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य जैसी गुरबती और ग़रीबी से जूझते रहने वाले बांसिदो की जीविका का एक मुख्य आधार बना गया है बल्कि पूरे प्रदेश के अंदर शराब अब चाय की जगह ले लिया है। यानी कि पूरे प्रदेश भर के अंदर दिन की शुरुआत ही शराब से हो रही है यह कहा जा सकता है। ऐसे में सुशासन के दम पर सांय सांय करते हुए हवा में उड़ते हुए आंय बांय बकलोली करने वाले लोगों को जरा गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या सुशासन की असली सुरत यही है?