
बालोद/गुरुर :- शरीर दान , जिसे देह दान भी कहा जाता है, चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के उद्देश्य से मृत्यु के बाद पूरे शरीर का दान है। शरीर दान चिकित्सा छात्रों और शोधकर्ताओं को मानव शरीर को समझने में मददगार साबित होता है। जीते जी इंसान किसी का मदद तो करता ही है, मरने के बाद भी किसी इंसान या संस्था के लिए भी मर कर जीते है तो सोचिए मृत शरीर का दान करना कितना नेक का कार्य है। ऐसे ही एक ताजा घटना बालोद जिला के गुरुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम नरबदा निवासी भागीरथी साहू के मृत्यु उपरांत देखने को मिला जहां पर मृतक के वायदे मुताबिक उसके मृत शरीर को रिम्स मेडिकल साइंस रायपुर को सौंपा गया है। रायपुर मेडिकल साइंस रिम्स के टिम इस प्रकार से बताया गया जिसमें डाक्टर जी एन त्रिवेदी डिपार्टमेंट ऑफ रिम्स कैमरा मेन अमित कुमार महापात्र, रुपेश एंबुलेंस ड्राइवर,शिव कुमार, बंजारे,पूनम डहरिया, दुलेंद्र ध्रुव शामिल थे।