बालोद -: छत्तीसगढ़ प्रदेश की पावन धरा को धान का कटोरा माना गया है। इस बीच प्रदेश के अंदर मौजूद सभी मेहनतकश किसानों ने अपनी मेहनत और पसीने से उपजाई हुई धान को अपने खेतों से कटाई कर लिया है और जैसा कि हमारे सुधी पाठकों को यह भली-भांति से पता है कि समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर के अंदर धान की फसल को मुख्य खाद्य फसल के रूप में जाना जाता है तो वंही धान की फसल ही मुख्य नगदी फसल के रूप लिया जाता है। अब जब किसानों की फसल खेतों से कांट लिये गये है तब ऐसे में जाहिर सी बात है कि किसान अपनी मेहनत से उपजाई हुई धान को बेचने के लिए मंडी या धान खरीदी केन्द्र की ओर रूख करेंगे। किसान यदि सही समय पर अपनी मेहनत और पसीने से उपजाई हुई धान को बेंच पाने में सफल साबित होते हैं तो जाहिर सी बात है उनके घरों में खुशहाली और समृद्धि आयेगी किन्तु किसी कारण वश किसान चूक जाते हैं तब क्या होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है।ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य पहचान धान से ताल्लुक रखती है लिहाजा यंहा की सियासी गलियारों में किसान और धान ही चर्चा ज्यादातर होती है। सूबे के कुचे गलियारों से लेकर खेत खलिहानों और विधानसभा अंदर तक धान और किसान ही मुख्य चर्चा का केन्द्र बना हुआ प्रतीत नजर आता है। ऐसे में इन दिनों समूचे प्रदेश भर के अंदर धान खरीदी का काम भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार सांय सांय करते हुए दिखाई दे रही है हालांकि साय जी के सरकार में जो धान खरीदी निती अपनाई गई है उसे देखकर लगता है कि आगे आने वाले दिनों में भी इस वर्ष किसानों की धान खरीदी का काम तय समय पर पुरा नही हो पायेगा। चूंकि ज्यादातर धान खरीदी केन्द्रों पर आज भी धान खरीदी को लेकर प्रसाशनिक अव्यवस्था पसरा हुआ बताया जा रहा है। बता दें कि बालोद जिला के गुरूर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत मिर्रीटोला धान खरीदी केंद्र में इन दिनों अव्यवस्था का आलम इस कदर पसरा हुआ है कि आगे आने वाले दिनों में धान खरीदी केंद्र को बंद तक करना पड़ सकता है।
एक दर्जन से अधिक गांव के किसान मिर्रीटोला धान खरीदी केंद्र में हर साल धान बेचते हैं और इस वर्ष भी खराब मौसम के बीच इन गांवों में रहने वाले मेहनतकश किसान अपनी मेहनत और पसीने से उपजाये हुए धान को बेचने के लिए पहुंच रहे हैं किन्तु धान खरीदी केंद्र से धान का उठाव नहीं होने के चलते धान खरीदी केंद्र धान से लबालब भर गया है। धान खरीदी केंद्र के उप संचालक की मानें तो मिर्रीटोला धान खरीदी केंद्र से टी ओ नहीं कांटा जा चुका है जिसके कारण धान का उठाव नहीं हो रहा है और वंही दूसरी ओर किसान धान को बेचने के लिए रोजाना भटक रहे हैं। हमारे द्वारा लगातार उक्त मामले में आगे जानकारी दिया जा रहा है किन्तु धान का उठाव नहीं होने के चलते हम भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस बीच धान खरीदी केंद्र मिर्रीटोला के अंदर मची अफरातफरी को लेकर पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवान दास ने कहा है कि हमने पूरा जीवन बिता दिया इस धान खरीदी केंद्र में किसानों से धान खरीदी करते हुए लेकिन इस तरह की स्थिति हमें कभी देखने को नहीं मिला था यदि इसी तरह से व्यवस्था बनी हुई रही तो किसानों के द्वारा आगे आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जायेगा और इसका सम्पूर्ण जवाबदेही शासन और प्रशासन की होगी।
एक दर्जन से अधिक गांव के किसान मिर्रीटोला धान खरीदी केंद्र में हर साल धान बेचते हैं और इस वर्ष भी खराब मौसम के बीच इन गांवों में रहने वाले मेहनतकश किसान अपनी मेहनत और पसीने से उपजाये हुए धान को बेचने के लिए पहुंच रहे हैं किन्तु धान खरीदी केंद्र से धान का उठाव नहीं होने के चलते धान खरीदी केंद्र धान से लबालब भर गया है। धान खरीदी केंद्र के उप संचालक की मानें तो मिर्रीटोला धान खरीदी केंद्र से टी ओ नहीं कांटा जा चुका है जिसके कारण धान का उठाव नहीं हो रहा है और वंही दूसरी ओर किसान धान को बेचने के लिए रोजाना भटक रहे हैं। हमारे द्वारा लगातार उक्त मामले में आगे जानकारी दिया जा रहा है किन्तु धान का उठाव नहीं होने के चलते हम भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस बीच धान खरीदी केंद्र मिर्रीटोला के अंदर मची अफरातफरी को लेकर पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवान दास ने कहा है कि हमने पूरा जीवन बिता दिया इस धान खरीदी केंद्र में किसानों से धान खरीदी करते हुए लेकिन इस तरह की स्थिति हमें कभी देखने को नहीं मिला था यदि इसी तरह से व्यवस्था बनी हुई रही तो किसानों के द्वारा आगे आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जायेगा और इसका सम्पूर्ण जवाबदेही शासन और प्रशासन की होगी।