मुकेश कश्यप
कुरूद. जगमगाते दिए और गूंजते फटाखों की रौनकता से सजे मनभावन पर्व दीवाली की तैयारी को लेकर कुरूद में उत्साह जोरों पर है। सुआ गीतों की महक से समूचा वातावरण रोशनी के इस महाउत्सव का श्रृंगार कर रही है ,वहीं नगर की परंपरा के तहत विभिन्न वार्डो में गौरी-गौरा स्थापना को लेकर तैयारी जोरों पर है। इसी तरह धन की देवी महालक्ष्मी माता की स्थापना के लिए भी भक्तगण जुटे हुए है।
बाजार में मिट्टी के दिए ,नांदी ,कलश सहित विभिन्न पूजन सामग्री के साथ अन्य वस्तुएं सजकर ग्राहकों के इंतजार में है। वहीं धन की देवी महालक्ष्मी जी की मनभावन मूर्तियां भी बाजार में पर्व की रौनकता को चार चांद लगा रही है। जिसे खरीदने के लिए लोगों में विशेष आकर्षण बना हुआ है।
इसी तरह नगर के प्रसिद्ध मूर्तिकार पप्पू साहू द्वारा धन की देवी महालक्ष्मी माता की छोटी-बड़ी मनमोहक मूर्तियां बड़ी संख्या में बनाई जा रही है।इसी तरह गौरी-गौरा स्थापना के लिए भी शिव जी और माता गौरी की मूर्तियां बनाई जा रही है। पप्पू साहू ने चर्चा करते हुए बताया कि वे हर साल दीपोत्सव के पूर्व डिमांड के आधार पर मूर्तियों का निर्माण करते आ रहे है। इस बार भी यह क्रम जारी है।
इस तरह कहा जाए तो साल के सबसे बड़े इस महापर्व की तैयारी सभी रूपों में की जा रही है और आमजन इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे है।लोगों को इंतजार है कि जब घरों में लक्ष्मी पूजा के रूप में गौ माता का श्रृंगार होगा,देवों के देव महादेव जी गौरी माता जी के साथ विवाह के रूप में विराजेंगे।गोवर्धन पूजा ,राउत भाइयों के दोहों और मातर की उमंग के साथ भाईदूज पर भाई-बहनों का स्नेह परिवार और मानव समाज में रोशनी के इस उत्सव का श्रृंगार करके लोगों में शांति ,समरसता और भाईचारे की परिणीति करते हुए सबको एक सूत्र में जोड़ने का कार्य करेगा और हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को महकाएगी।