धमतरी: सरकारी नियमावली के अनुसार देश के अंदर चप्पे-चप्पे पर मौजूद एक एक इंच जमीन चाहे वह जमीन खोचका,डबरा,तरीया,नदियां,पहाड़,परिया, खेत,खलिहान या फिर अन्य किसी भी तरह की जमीन हो सबसे पहले अधिकार देशवासियों का होना बताया गया है। चूंकि सरकार जनता का नुमाइंदगी करने वाला नुमाइंदा होता है,लिहाजा सभी तरह की सरकारी जमीन की रक्षा और उस जमीन की देखभाल सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। आखिरकार जनता अपनी जान माल की सुरक्षा और देखभाल के खातिर ही तो सरकार को अपनी नुमाइंदगी करने का पांच साल तक का ठेंका सौंपता है। गौरतलब हो कि बढ़ती हुई जनसंख्या का बोझ धरती पर तेजी के साथ बढ़ रही है। इसका असर स्पष्ट तरीके से रहने और खेती करने लायक जमीन पर नजर आ रहा है। शायद इसलिए आज के वर्तमान समय में एक एक इंच जमीन के लिए इस बख्त समस्त संसार भर के अंदर मारामारी मची हुई है। ऐसे में जनता की नुमाइंदगी करने का ठेंका हासिल करने वाले सरकार की जवाबदेही और नैतिक जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि जवाबदेही और नैतिक जिम्मेदारी की इस कड़ी को बरकरार रखने के लिए सरकार ने राजस्व विभाग से लेकर ग्राम पंचायत,नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम के अंदर अपने सिपेहसालार तैनात कर रखा है और इन तमाम जगहों पर तैनात रखें गए सिपेहसालारों की जानकारी को आधार बनाकर जनता की पांच साल तक नुमाइंदगी करने का ठेंका प्राप्त करने वाला नुमाइंदा (सरकार) यह दावा करते हुए जनता से कह सकता है कि आपकी जान और माल सुरक्षित है और हम आपकी नुमाइंदगी के लिए सदैव तत्पर है। वैसे गौर करने वाली बात यह है कि जनता का पूरे पांच साल तक की नुमाइंदगी का ठेंका हासिल करने वाले ज्यादातर नुमाइंदे अपनी जवाबदेही और नैतिक जिम्मेदारीयो को सही तरीके से निभा पाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा जनता के तमाम नुमांइदों को इस विषय को लेकर गंभीरता से चिंतन शिविर आयोजित करना चाहिए ताकि दावा करते समय उनके जुबान से चूं की जगह चूं ही निकले जूं नहीं, वरना जनता समझ जायेगी कि उनके नुमाइंदगी करने वाले नुमाइंदो की नियत में झोलझाल है।
दरअसल छत्तीसगढ़ प्रदेश को बने हुए 24 बरस हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश बनने से पहले धमतरी शहर के पास गंगरेल बांध का निर्माण किया है। गंगरेल बांध के अंदर 55 गांव डूब कर पानी में समा गए हैं। पानी में 55 गांव के ग्रामीणों का सब कुछ डूब गया है। ऐसे में उनका पुनर्वास और दैनिक रोजमर्रा से जुड़े हुए रोजी-रोटी का जवाबदेही सरकार पर निर्भर होता है। चूंकि गंगरेल बांध के पानी से सरकार लगातार मुनाफा अर्जित करने में सफल साबित हो रहा है लिहाजा गंगरेल बांध में मौजूद पानी के असल जमीनदारों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए। गौरतलब हो कि गंगरेल बांध के जरिए नहरों के माध्यम से जगह जगह पानी पहुंचाया जाता रहा है। पानी पहुंचाने हेतू जल संसाधन विभाग ने जगह जगह कार्यलय और कर्मचारी तैनात कर हुए हैं लेकिन डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को इन कार्यों में नहीं लिया गया है। चूंकि विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्तियां लगभग अंतिम पड़ाव की ओर है। अतः क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए ताकि डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल सके। बहरहाल अपनी इसी मांग को लेकर डूब प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं ने धमतरी जिला के जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से अध्यक्ष निखिलेश देवान के नेतृत्व में जल जगार महाउत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करते हुए बेरोजगार युवाओं ने अपनी समस्याओं को उनके समक्ष प्रस्तुत करते हुए अपनी मांगों को रखा है। वंही जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला अध्यक्ष निखिलेश देवान साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से निवेदन करते हुए डूब प्रभावित 52 गांव की समस्याओं पर ध्यान देने की बात कहा है।