गरीब मजदूरों की लूटाई डूबोकर रख दिया मोहब्बत के दुकानदारों ने,
कहा नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानदारी खोल रहें हैं।
अपनी मेहनत और पसीने की कमाई को हमारे इमान पर भरोसा रखकर दे दिजिए हम पूरे निष्ठा और सच्चाई से तौल रहे हैं।
मजदूरों ने सर्वस्र्थ निवछावर कर दिया मोहब्बत के दुकानदारों पर इन्हें क्या पता था कि मोहब्बत के दुकानदार भी नफरत के बाजार में झूठ बोल रहे हैं।
@ Vinod Netam #
आमतौर राजनीतिक पंडितों की ज्यादातर जमात भारत को दुनिया भर के राजनीतिक आखाड़ा का माई बाप मानकर चलता है। भारतीय राजनीति के विषय में दुनिया भर के अंदर मौजूद राजनीतिक पंडितों की ज्यादातर जमातों का यह मानना है कि मानव सेवा का जिंदा वजूद यदि किसी सियासी सरजमीं पर है तो वह यंही पर है। कहा तो यंहा तक जाता है कि भारतीय सियासी सरजमीं पर मौजूद ज्यादातर जन सेवक नेता अपने घर को आग में फूंककर गरीब और जरूरतमंद लोगों की घरों में चूल्हा जलाते है। शायद इसलिए लोगबाग इन जन सेवक नेताओं के पीछे अपना जीवन झोंक देते हैं,लेकिन समय का तकाजा का नाजारा को देखिए इसे नकारा नहीं जा सकता है। हैरानी होती है जब भारतीय राजनीति के अंदर अमृतकाल के इस दौर में जन सेवा की भाव के जगह चंदा के आड़ में धंधा करने जैसी वाकया को लेकर बात खुलेआम हो रही है।
अब जब सत्ता से पैसा वसूल करने की नियत ही राजनीतिक पेशा बनकर रह गई है 'तब सरकारी योजनाओं में धांधली आखिरकार क्यों नहीं होगी? सनद रहे अमृतकाल के इस दौर के अंदर ज्यादातर सरकारी अफसर सरकारी योजनाओं को लेकर कार्यालयों में ही जमे हुए नजर आते हैं,जबकि जमीनी धरातल पर इमानदारी के साथ चंदा के आड़ में धंधा करने वाले ठेकेदारों की हुजूम मौजूद रहता है। ऐसे में जाहिर सी बात है धांधली और भ्रष्टाचार पूरे निष्ठा और ईमानदारी से निभाई जायेगी। बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले अंतर्गत संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की सरजमीं से राजनीतिक पृष्ठभूमि के अंदर से एक शर्मनाक खबर निकल कर आई है। दरअसल कांग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायक के चहेते बने हुए नजर आने वाले ठेकेदार उर्फ ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तामेश्वर साहू अपने खिलाफ उसके स्वंय के मजदूरों का मजदूरी भुगतान राशि रोके जाने की शिकायत और मिडिया में मजदूर उमेश ठिमर के बयान को देखकर बौखला गए हैं, जबकि राष्ट्रीय राजनीतिक दल के महत्वपूर्ण सदस्य और जनसेवक होने के नाते उनका जवाबदेही बनता है कि वह मजदूरों को उनका बकाया भुगतान करें या फिर करवायें।
चूंकि लगभग सभी मजदूर उनके गांव के रहने वाले हैं और कई मजदूर ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तामेश्वर साहू के पड़ोसी भी हैं। ऐसे में उन मज़दूरों का कमाई का पैसा समय से भुगतान नहीं होना निश्चित तौर पर चिंता पैदा करता है। ऊपर से मजदूरों के हक में प्रकाशित की गई खबर को देखकर बखौलाहट में ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गुरूर तामेश्वर साहू जहां पर जहां उनसे जुड़े हुए खबर को पढ़ा व सुना जा रहा है वहां वहां से कल्टी मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी एक बात कहते हुए बिते दिनों से काफी मशहूर रहे है,डरो मत,अब सोचने वाली बात यह है कि आखिरकार ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गुरूर तामेश्वर साहू मजदूरों की हक से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर इतना गंभीर क्यों नहीं है और डरे हुए क्यों नजर आ रहे हैं? आखिरकार आर्दश विधायक ग्राम पंचायत के अंदर निवासरत गरीब मजदूरों को अपने मेहनत और पसीने की कमाई का पैसा इतने सालों तक रोके जाने की जानकारी उन्होंने ने स्थानीय विधायक को क्यों नहीं दिया,जब कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता गरीब मजदूर और किसानों की हक में आवाज बुलंद करते हुए दिखाई देता है 'तब ऐसे में ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तामेश्वर साहू का इस तरह गैर जिम्मेदार रवैया अख्तियार करना क्या सही तरीका है? आखिरकार गरीब मजदूरों को उनका हक दिलाने हेतू ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तामेश्वर साहू क्यों पीछे हो रहे हैं? एक जिम्मेदार राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल के जिम्मेदार सदस्य होने के नाते उन्होंने गरीब मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट क्यों पैदा किया? क्या कांग्रेस पार्टी मजदूरों की व्यथा को लेकर इस बार भी चुप्पी साध लेगी क्योंकि यह विधायक और उनके चहेते नेता ऊर्फ ठेकेदार का मामला है? आखिरकार झूठ की तवा पर बनाई गई रोटी को खाकर कांग्रेस पार्टी संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की पावन धरा पर मौजूद आवाम के बिच कैसे सही राजनीति कर सकती हैं? ऐसे अनगिनत सवाल लोगों की जुबान में कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखने वाले इस नेता को लेकर कहा व सुना जा रहा है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के ठीक पहले क्या इस मामले पर भी आंख मूंदकर बैठ जाती है। चूंकि भारतीय जनता पार्टी इस वक्त आगे आने वाले दिनों में होने वाली नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को किसी स्तर पर छोड़ने के मुंड़ में नहीं दिखाई दे रही लिहाजा कांग्रेस पार्टी की क्या भूमिका होती है या फिर रहती है यह दिलचस्प बात होगी।