ग्राम पंचायत कार्यालय कवंर में ग्राम पंचायत सरपंच दिव्या पटेल ग्रामीणों की सवालों से उलझी हुई नजर आई। मिडिया की नजरों से ग्रामीणों को हड़काते हुए चुपचाप निकलते बनी ग्राम पंचायत सरपंच दिव्या पटेल। सरपंच पर ग्रामीणों ने लगाया धांधली करने का आरोप।
बालोद : हिन्दू आस्था के प्रतिक मानें जाने वाला महापर्व नवदुर्गा पूजा और उसके बाद दशहरा पूरे देश भर के अंदर जल्द ही मनाई जाएगी। इस पर्व को लेकर इन दिनों पूरे देश भर में जगह जगह तैयारीयों का दौर चल रहा है। विशेष रूप से मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों पर यह महापर्व हर साल के भांति इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले अंतर्गत राजनीतिक रण क्षेत्र की भूमि के रूप में विख्यात गुरूर विकासखण्ड के पावन धरती पर स्थिति ग्राम पंचायत कवंर जहां पर मां चंडी का पावन धाम है। हर साल इस मंदिर पर नवरात्र के दिनों में मां चंडी के असंख्य भक्त श्रद्धा भाव से इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत कवंर की पावन भूमि के अंदर प्राचीनकाल से जुड़े हुए कई प्राचीन धरोहर पुरातत्व विभाग को खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत कवंर के अंदर स्थित यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्र के दिनों में काफी मायने रखता है। वैसे इन दिनों भी आगे आने वाले नवरात्र के मद्देनजर चंड़ी मंदिर ग्राम पंचायत कवंर में तैयारी जोरों की चल रही है। हालांकि क्वांर नवरात्री के शुरू होने से पहले चंड़ी मंदिर के बगल में बन रही राइस मिल निर्माण को लेकर ग्राम पंचायत कवंर में रहने वाले ज्यादातर नागरिक नाखुश बतायें जा रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत कवंर सरपंच दिव्या पटेल ने नियम विरुद्ध तरीका को अपनाते हुए धांधली कर उक्त राइस मिल निर्माण कार्य शुरू करने हेतू मिल मालिक को एन ओ सी सौंप दिया है जबकि राइस मिल निर्माण होने के चलते चंडी मंदिर में आने जाने वाले श्रद्धालुओं को आगे आने वाले दिनों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही राइस मिल बनने के चलते मंदिर के आसपास में गंदगी फैलने का पूरी संभावना है। गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत कवंर के द्वारा जारी राइस मिल को एन ओ सी के संबंध में बकायदा ग्राम पंचायत कवंर के चुने हुए प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर मौजूद है। ऐसे में चुने हुए जनप्रतिनिधियों का इस मामले में कर्तव्य बनता कि वे ग्रामवासियों से उक्त मामले से सलाह मशविरा लेकर कार्य करें। हालांकि यह स्थिति निर्मित हुई रहती तो ग्रामीणों का इस मामले में ग्राम पंचायत कवंर सरपंच के खिलाफ विरोध दर्ज करने का सवाल ही नहीं बनता था,लेकिन जिस तरह से ग्राम पंचायत कवंर के चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा राइस मिल निर्माण कार्य को लेकर ग्राम पंचायत कवंर में रहने वाले ग्रामीणों को अंधेरे में रखकर धांधली करने का नायाब तरीका इजाद किया है, उसे लेकर ग्राम पंचायत कवंर में रहने वाले ग्रामीण विशेष तौर पर नाराज हैं। ग्रामीण अपनी इस नाराजगी के चलते लगातार जिला प्रशासन बालोद के समक्ष प्रस्तुत होकर न्याय हेतू गुहार लगा रहे हैं। ग्राम पंचायत कवंर के ग्रामीण जिला कलेक्टर बालोद को उक्त मामले को लेकर एक फिर आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए आवेदन दिया है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एवं ग्राम पंचायत कवंर के ग्रामीणों की भावनाओं को समझते हुए गुरूर तहसीलदार हनुमत श्याम की ओर से मामले की गहनता से जांच की जा रही है। जांच पड़ताल के पश्चात ही जांच अधिकारी उक्त राइस मिल निर्माण कार्य को लेकर कोई जानकारी स्पष्ट कर सकते हैं। वंही ग्राम पंचायत कवंर के ग्रामीणों की मानें तो मामले में शासन और प्रशासन जांच पड़ताल के नाम पर कोताही बरत रही है। इस कोताही के चलते कृषि भूमि पर बैगर डार्यवन किये ग्राम पंचायत से एन ओ सी दे दिया गया है। मामले में जबकि राजस्व विभाग की भूमिका भी ग्राम पंचायत कवंर के जनप्रतिनिधियों की तरह संदेहास्पद है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आगे जांच में क्या सामने आता है।