बालोद: संसार भर में शराब के बाद सबसे ज्यादा सेंवन करने वाली नशा का नाम है गांजा। पूरे विश्व भर में हर साल गांजा की खप्त जनसंख्या की तरह तेज गति से बढ़ रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। हालांकि गांजा की असल पैदाइश का जन्मदाता भारत को ही माना जाता रहा है, लेकिन बावजूद इसके संसार के कोना कोना में इसकी खेती के साथ गांजा का इस्तेमाल बढ़ चुका है। गौरतलब हो कि भारत के धार्मिक स्थलों पर गांजा आज भी आस्था के साथ श्रद्धा से जुड़े हुए दिव्य बुटी व प्रसाद के तौर पर सेंवन किया जाता है,लेकिन वंही दुसरी ओर देश के ज्यादातर युवा इस महा प्रसाद को तेज नशे के लिए बड़ी मात्रा में सेवन कर रहे हैं। नशा किसी भी राष्ट्र को पतन के राह पर ढकेल सकता है। अतः युवाओं को इसका इस्तेमाल करने से पहले भली-भांति से सोचना व समझना चाहिए। इसके साथ ही देश के सरकार को भी ध्यान रखना होगा कि युवा पीढ़ी इस नशे से कैसे दूर रहें। हालांकि सरकार लगातार गांजा की अवैध कारोबार, अवैध परिवहन, अवैध खेती पर कार्यवाही करते हुए दिखाई दे रही है। बावजूद इसके यह सवा आना सत्य है कि अमृतकाल के इस दौर में गांजा की खप्त भारत की आत्मा मानें जाने वाले गांव खेड़ा तक पहुंच चुका है। ऐसे में सरकार को इस विषय को लेकर जड़ से चिंतन करने की आवश्यकता है ताकि सही मायने में गांजा की अवैध खेती और अवैध कारोबार पर लगाम लगाया जा सकें, चूंकि इस अवैध कारोबार को लेकर आये दिन कई युवा अधिक पैसा कमाने के चलते अपनी जीवन बर्बाद करने के लिए उतारू नजर आ रहे हैं।
उड़ीसा से निकलने वाली गांजा की महक कम करेगी छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस। सफल नक्सल आपरेशन हेतू राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामिनेट पुरूर थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा ने गांजा की अवैध परिवहन को पकड़ने का बनाया रिकॉर्ड।
यह सर्व विदित है कि गांजा के अवैध कारोबार और खेती के लिए उड़ीसा राज्य स्वर्ग बना हुआ है। जिसके चलते उड़ीसा से रोजाना सैकड़ों टन गांजा अवैध परिवहन करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जाता है और इसी गांजा को चिलम या किसी अन्य चीजों में भरकर युवा पीढ़ी अपनी जवानी नशे में झोंक रहे हैं। चूंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश उड़ीसा राज्य के पड़ौसी राज्य में शामिल है और छत्तीसगढ़ राज्य से होकर उड़ीसा से सप्लाई गांजा देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंदर मौजूद ज्यादातर थानो में अवैध गांजा परीवहन से जुड़े हुए मामले आये दिन नजर आते हैं। इस कड़ी में नेशनल हाईवे नंबर 30 पर स्थित बालोद जिले के पुरूर थाना पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही करने का रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। सफल नक्सल आपरेशन को लेकर राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा के नेतृत्व में पुरूर थाना पुलिस बल लगातार अवैध गांजा परीवहन करने वाले आरोपीयों के खिलाफ कार्यवाही कर रहे है। इस दौरान पुरूर पुलिस ने अब तक कई बड़े बड़े गांजा के खेप को तस्कारों सहित कानून के हवाले जप्त करने में सफलता हासिल किया है। इस बीच यह भी ध्यान रखने वाली योग्य बात है कि पुरूर पुलिस के द्वारा की गई कानूनी कार्यवाही के चलते कई युवा पीढ़ी गांजा के फूंक से दूर रहेंगे। हालांकि कि इसके फूंक को खत्म करने हेतू कई और बिंदु है जिन पर भी सरकार को विचार करते हुए ध्यान देना चाहिए।