बालोद : संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की धरती आज 7 साल की मासूम बच्ची के साथ घटित दुष्कर्म की वारदात को लेकर दुखी और चिंतित हैं। दरअसल विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक रण भूमि की पावन धरा कहलाने वाले गुरूर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक और संवेदनशील घटना घटने की सुचना है। घटना में एक वहशी दरिंदे ने 7 साल की मासूम बच्ची को अपने हवस का शिकार बना लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना तीन चार दिन पुरानी है। हालांकि गुरूर पुलिस ने मासूम नाबालिग से दुष्कर्म को लेकर आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है और इसके साथ ही बच्ची की डाक्टरी जांच करा भी करा लिये जाने की सूचना व जानकारी प्राप्त हुई है। बावजूद इसके मामले में हुई देरी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। फिलहाल मामले पर तमाम सवालों की जवाबदेही शासन और प्रशासन पर तय होती है। वंही मामले में आरोपी वहशी दरिंदा अब तक पुलिस के पकड़ से फरार बताए जा रहा है। आरोपी को पकड़ने हेतू पुलिस की टीम लगातार हाथ पैर चला रही है। इस बीच स्थानीय नेताओं का घटना स्थल पर पिड़ित परिवार से मिलने हेतू उन्हें अपनी संवेदना प्रदान करने के लिए आना जाना लगा हुआ है। जाहिर सी बात है नेता पिड़ित परिवार से मिलने जायेंगे तो राजनीति होना स्वाभाविक सी बात है। ऐसे में मामले को लेकर संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने मिडिया पर बयान जारी करते हुए उक्त मामले को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बहरहाल सूत्रों के हवाले से मामले को लेकर यह जानकारी निकल कर बाहर आ रही है कि घटना स्थल पर मासूम बच्ची की परिवार को अपने पोल्ट्री फॉर्म के अंदर काम पर रखने वाला फार्म मालिक एक बड़े राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले किसी रसूखदार नेता का लाडला सुपूत्र है। जिनके जरिए संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की सरजमीं पर मासूम पिड़ित बच्ची के परिजन पोल्ट्री फार्म में मजदूरी करने हेतू फार्म मालिक के कहने पर बाहर से आये है। वंही आरोपी भी बाहर से आकर उनके साथ ही फार्म में मजदूरी का काम करता था। इसी तरह से राजनीतिक रसूख के हुनक से लबरेज पोल्ट्री फॉर्म मालिक ने नाबालिग बच्चों को बाहर से लाकर काम पर रखा हुआ है। मामले को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी काफी आक्रोशित नजर आ रही है जो कि पहले से ही महिलाओं पर हो रही लगातार अत्याचार के खिलाफ लामबंद है। वंही दुसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता इस घृणित घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए पिड़ित परिवार को न्याय दिलाने के साथ साथ उनके हर सुख-दुख में साथ देने की बात कह रहे हैं। बहरहाल मामले को लेकर राजनीतिक विचारधाराओं का आदान-प्रदान लगा हुआ है। अब ऐसे में गौर करने वाली बात यह है कि सरकार किसी भी पार्टी की रहे महिला सशक्तिकरण एवं बेटी सुरक्षा की बड़ी बड़ी बाते तो करती रही है,लेकिन आज तक बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं दिख रही है। अवगत हो कि पिछले दस वर्षों से संजारी बालोद विधान सभा क्षेत्र में महिला विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा नेतृत्व कर रही हैं। इसी प्रकार बालोद जिले में जिला पंचायत में भी महिला अध्यक्ष नेतृत्व कर रही है। बालोद जिले में विगत दस सालों से दो–दो महिला नेत्री विधान सभा में प्रतिनिधित्व कर रही है, विगत पांच साल तक प्रदेश की सत्ता में सत्तासीन रहे कांग्रेस पार्टी का जिला अध्यक्ष का कमान भी एक महिला के ही हाथों में है। इसके बाउजुद महिलाएं एवं बेटियों का असुरक्षित होना इनकी नेतृत्व क्षमता तथा इनकी कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।
सनद रहे,
संजारी बालोद विधान सभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा को तो अनुसूचित जन जाति के एक बेटी के अस्मत के लुटेरा ओंकार महमल्ला जो कि अभी जमानत पर जेल से बाहर है तथा मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिसका पैरोकार करते एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में मंच साझा करते हुए सैकड़ों बार देखा गया है। पता चला है कि उक्त बलात्कार के आरोपी ओंकार महमल्ला को विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने कई अहम जिम्मेदारी दे रखा है। जिसके चलते जगह जगह पर उक्त बलात्कार के आरोपी ओंकार महमल्ला का बड़े बड़े फ्लैक्स एवं पोस्टर कांग्रेस के नेताओं एवं विधायक के साथ देखे जा सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब क्षेत्र के बड़े बड़े संवैधानिक पदों पर विराजमान नेता गण इस तरह से बलात्कार के आरोपियों को संरक्षण देंगे तो महिलाओं एवं बेटियों पर हो रहे अत्याचार कैसे रुकेगा?