रायपुर : किसी भी सरकार के लिए बढ़िया प्रसाशानिक सेवा प्रदान करना ही उस सरकार की नैतिक जिम्मेदारी माना गया है। बढ़िया प्रसाशानिक सेवा सरकार की मान मर्यादा में बढ़ोतरी करता है। जिस सरकार की प्रशासनिक सेवा बहाली करने का तरीका बेहतर होता है जनता उस सरकार को सम्मानित करते हुए सत्ता की कुर्सी दोबारा सौंपने की दिशा में विचार करता है।यदि कोई सरकार जनता के लिए बढ़िया प्रशासनिक सेवा बहाल नहीं कर पाता है 'तब उस स्थिति में जनता भी सरकार के प्रति लापरवाह हो जाती है और लापरवाही में जनता अक्सर इधर का वोट उधर कर देता है। अब सीधी सी बात नुकसान किसे होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है। शायद इसी लापरवाही की दंत कथा को समझते हुए लापरवाह और भ्रष्ट सरकारी सेवकों के खिलाफ लामबंद हुई साय सरकार। पुरे प्रदेश भर में सांय सांय हो रहा है कार्यवाही। बावजूद इसके भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों की पूरे प्रदेश में कोई कमी नहीं है। शायद इसलिए समूचे छतिसगढ़ प्रदेश की सरजमीं से एक आवाज निकल कर लोगों को सुनाई देती है। आवाज है 'बैगर पैसा के कुछू काम नी होवय, पंचायत से लेकर मंत्रालय तक आम जनता ल झक मार के पैसा,चिरहा खिसा ले घलो टमर के देय ल पढ़थे। यह आवाज ऐसा नहीं कि सिर्फ जनता को ही सुनाई देता है। सरकार को भी सुनाई दे रही है और तभी धड़ाधड़ भी कार्यवाही हो रही है। बावजूद इसके लापरवाह और भ्रष्ट प्रशासन के चलते त्रिमूर्ति सरकार भी आए दिन हलाकान हो रही सांय सांय। अब ऐसे में कैसे विकसित और समृद्ध छतिसगढ़ प्रदेश बनाने की मुहिम को लेकर जो सपना संजोया गया है 'उसकी पूर्ति कैसे हो सकेगी? यह एक बड़ा सवाल है। हालांकि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि सिस्टम और सरकारी तंत्र में सुधार हो,प्रसाशानिक ढांचा जनता के प्रति जवाबदेह बने रहे और इस प्रयास में लापरवाह और भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को सबक सिखाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में बिते कल बालोद जिला की सरजमीं पर छतिसगढ़ प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक थाना प्रभारी और एक तहसीलदार को निलंबित किया है। दोनों अधिकारियों पर प्रसाशानिक कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। गृहमंत्री विजय शर्मा के द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर जिला में खुशी का माहौल देखा गया है। हालांकि प्रशासनिक अमला में हड़कंप मचने की बात कही जा रही है। इस बीच जिला में पदस्थ कई और लापरवाह अधिकारियों को लेकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग किया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि आगे आने वाले दिनों में बालोद जिला के अंदर कितने अधिकारियों की शिकायतों पर कार्यवाही होती है। सूत्रों की मानें तो जिला में पदस्थ कई लापरवाह और भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी गृहमंत्री विजय शर्मा की तेवर को देखकर सत्ता सरकार में शामिल राजनीतिक दल के नेताओं से मेल-मिलाप करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं। ऐसे में कयास यह लगाया जा रहा है कि सत्ता सरकार की आड़ में कई भ्रष्ट और लापरवाह प्रशासनिक सेवको की लापरवाही का दौर थमने वाला नहीं है। ऐसे में जनता की निगाह भी सत्ताधारी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नेताओं की क्रियाकलापों पर भी टिकी हुई है। चूंकि कहा गया है ज़हां गुड़ रहती है वंहा मख्खी अपने आप खिंची चली आती है।
Home
TOP BHARAT
हराम की खाने वाले सरकार की डंडा से कितना डरेंगे और कब तक बचेंगे? भ्रष्टाचार और लापरवाह प्रशासन बना डबल इंजन सरकार के लिए फंदा।