मुकेश कश्यप
कुरूद. लगभग दो महीने से भी अधिक समय के ग्रीष्मावकाश के उपरांत स्कूलों में घंटी की शोर और नन्हें-नन्हें कदमों की मधुर ध्वनि फिर से उमड़ने लगी और मन में मीठी मुस्कान लिए बच्चों का विद्यालयों में शानदार स्वागत के साथ विधिवत रूप से कक्षाएं प्रारंभ हुई।
इस बार भीषण गर्मी की वजह से कुछ दिनो के लिए बच्चों के अवकाश को बढ़ाया गया था,जिसके उपरांत तरोताजा होकर बच्चे पहले दिन मन में ऊंची उड़ान और मीठे अरमान लिए अपने -अपने स्कूल पहुंचे।जहां उनका स्वागत तिलक वंदन , फूल और मिठाई के साथ हुआ।
स्कूल चले हम के गाने को मधुर बनाते हुए बच्चों की चहल कदमी ने न केवल पालकों बल्कि शिक्षकों को भी भावविभोर कर दिया।शिक्षकों द्वारा बच्चों का स्वागत किया गया और उन्हें संदेश दिया गया कि यह नया सत्र आपके नए दौर की गाथा लिखने तैयार है।आपकी मेहनत और लगन के तिलक से आने वाले कल में आपके सपनों को हकीकत बनाने यह एक शानदार आगाज है।बच्चों ने मनभावन मुस्कान के साथ इस नए सत्र में कदम बढ़ाते हुए ज्ञानदायनी मां सरस्वती की वन्दना के साथ यादगार आगाज करते हुए अपने आने वाले सुनहरे भविष्य की नीव रखने एक नए चरण का सूत्रपात किया।