क्या वाकई में फर्जी मुठभेड़ के जरिए निर्दोष ग्रामीणों को नक्सलवादी बता कर सुरक्षा बलों के द्वारा मरवा रही है छत्तीसगढ़ राज्य के आदीवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार?
@ विनोद नेताम प्रदेश सचिव अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति छत्तीसगढ़।
रायपुर : देश के अंदर बिते कुछ दिनों से चल रही सात चरण वाली लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी और उनके सभी सहयोगी राजनीतिक दल अपने 400 पार की आंकड़ा को लक्ष्य बनाकर चुनाव लड़ते हुए देशवासियों को दिखाई दिया है। वंही इंडिया गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दलों ने जिसमें मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस,आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस शामिल हैं। उनके ओर से भी लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को केन्द्र की सत्ता से बाहर करने हेतू देश की सियासी सरजमीं पर बखूबी तरीके से माहौल बनाने का प्रयास किया गया है। चुनाव परिणाम 4 जून के बाद घोषित कर दी जाएगी और इसी के साथ यह साफ हो जाएगा कि देश की सत्ता पर आखिरकार कौन बैठ रहा है। गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव के चलते सारे नेता थके हुए थे। लिहाजा इस वक्त ज्यादातर नेता आराम फरमाते हुए देखे जा रहे हैं। कोई ध्यान लगा रहा है तो कोई शादी का प्लान बना रहा है। कोई जेल की रोटी खाने हेतू निकल गया है तो कोई हारने की स्थिति में मुंह छुपाने हेतू बिल की तलाश करने में लगा हुआ बताया जा रहा है। बहरहाल लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों को लेकर देश की सरजमीं पर मौजूद सारे नेताओं की सांस चुनाव परिणाम को लेकर अटकी हुई है और इस बीच बस्तर की लाल भूमि से समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने मानवता और इंसानियत को कंलिकींत और शर्मशार कर देने वाली वाकैया को विडीयो के माध्यम से जारी करते हुए सरकार और समाज को यह बताने का प्रयास किया है कि बस्तर में आदीवासी महफूज नहीं हैं।
मणिपुर के कुकी जनजाति समुदाय को दूसरे जातियों के लोगों ने मारा बिच सड़क पर नंगा घुमाया,लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर में निर्दोष आदीवासियों को सरकार और सुरक्षाबल भरे बंदूकों से मार रहे है। बस्तर में जारी फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर विपक्षी राजनीतिक के नेता और आदीवासी समाज से जुड़े हुए लोग भी लगातार आवाज उठा रहे है। बावजूद इसके केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ राज्य की सरजमीं पर नक्सलवाद की खात्मे को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। वंही उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा नक्सलवाद से निपटने हेतु नक्सलवादियों से बंदूक छोड़कर समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने की लगातार अपिल कर रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने नक्सलवाद पुनर्वास योजना अंतर्गत नक्सलियों से सुझाव भी मांगा है। इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य की लाल धरा बस्तर की घने जंगलों में लगातार सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगातार मूढ़भेंड़ की घटना घट रही है। सरकार की मानें तो उन्हें नक्सलवाद की खात्मे में सुरक्षाबलों के द्वारा चलाई जा रही अभियान के चलते बहुत सहयोग मिल रहा है और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, लेकिन जिस तरह से समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने अपने विडीयो के माध्यम से सरकार की नक्सलवाद खात्मे की जो दावा है उसकी पोल पट्टी खोल कर जमीनी हकीकत को उजागर करने का प्रयास किया है वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है। देश के सभी नागरिकों को इस विडियो को देखना चाहिए और सरकार से सवाल पुछना चाहिए कि बेटीयां तो सबकी सांझी होती है साहब फिर नक्सलियों का कपड़ा बस्तर की बेटियों को पहना कर उन्हें नक्सली बताकर क्यों मारा जा रहा है। क्या उन्हें जीने का अधिकार नहीं है? आखिरकार बस्तर की गरीब आदीवासियों की बेटियों ने किसका क्या बिगाड़ा है जो उन्हें नक्सली बताकर कर मारा जा रहा है।