बालोद: जिला के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सुर्रा के अंदर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े हुए भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सीईओ जनपद पंचायत गुरूर ने बितो दिनों एक जांच कमेटी का गठन किया है। सरकारी नियमों के तहत यदि देखा जाए तो उक्त मामले में ग्राम पंचायत सरपंच, ग्राम पंचायत सचिव एवं फर्जी हितग्राही के खिलाफ़ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकता है। सभी सरकारी योजनाओं में से महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल हैं प्रधानमंत्री आवास योजना,लेकिन विडंबना इस बात को लेकर है कि इस महत्वपूर्ण योजना में भी खुलेआम नियमों को दरकिनार करते हुए धांधली बरता जा रहा है। निश्चित रूप से यह घटनाक्रम सरकार के द्वारा संचालित इस महत्वपूर्ण योजना की सफलता पर कई सवाल खड़ा करता है। वंही गुरुर जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा जो जांच कमेटी बिते दिनों इस मामला को लेकर गठित की गई है,उसे लेकर भी कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लोगों कि मानें तो जनपद पंचायत गुरूर के समक्ष ज्यादातर होने वाली शिकायतों की जांच जनपद पंचायत गुरूर में पदस्थ यही कर्मचारी करते हुए आये है। ऐसे में ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि इन कर्मचारियों के द्वारा आम जनता की शिकायतों को ढंग से लिया ही नहीं गया। ऐसे में जांच क्या घंटा होगा? सूत्रों की मानें तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गुरूर के द्वारा जो जांच कमेटी बनाई गई है। वह जांच कमेटी किसी भरोसे के लायक नहीं है। इससे पहले जांच कमेटी में शामिल गुरूर जनपद पंचायत के कर्मचारियों को कई मामले में जांच की जिम्मेवारी गुरूर जनपद पंचायत की ओर से सौंपी जा चुकी है। जिसमें से ज्यादातर मामलों में इन्होंने खुलेआम अपनी जिम्मेदारीयो का मुजयारा आम जनता के समक्ष घटिया ढंग से प्रस्तुत कर दिखाने का नयाब कारनामा कर दिखाया है। ऐसे में आरोपी ग्राम पंचायत सरपंच,ग्राम पंचायत सचिव और फर्जी हितग्राही को यदि जांच टीम पाक साफ घोषित कर दे तो भी कोई बड़ी बात नहीं होगी। हालांकि संसार में जीवित रहने वाले लगभग सभी मनुष्यों की यह चाह होती है कि उनका भी एक सुन्दर सा घर हो,और उस घर के अंदर उसका भी परिवार खुशी पूर्ण तरीके से जीवन व्यतीत कर सके। किन्तु आधुनिकीकरण की इस दौर में मनुष्य जाति के लिए अपनी मेहनत के दम पर घर बनना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। केन्द्र में स्थित भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार लगातार बिते कई वर्षों से गरीबों को पक्का छत देने का काम कर रही है और गरीबों की घर बनाने की चुनौती को कम करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में बालोद जिले के गुरुर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत सुर्रा के सरपंच, सचिव पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जारी रुपयों को गबन करने का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। जहां पर अन्य व्यक्ति के द्वारा बनाए गए मकान को आवास बता कर एक फर्जी हितग्राही के नाम पर गलत जानकारी प्रस्तुत कर सरपंच, सचिव एवं उक्त कथित हितग्राही के द्वारा एक लाख पांच हजार रुपए निकाल लिए जाने की जानकारी मिला है। वहीं सरपंच सचिव के द्वारा जिस मकान को आवास बताया जा रहा है,उक्त मकान पर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा अपने नाम का भूमि स्वामी हक का पट्टा दिखाते हुए उस मकान निर्माण में खुद की लागत लगाए जाने का दावा किया है।
विदित हो कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना जिसके तहत इस प्रदेश में निवासरत गरीब परिवार (जिनका राशन कार्ड बी.पी.एल. सूची में हो ) तथा जिनके नाम पर मकान बनाने हेतु स्वयं का भूखण्ड उपलब्ध हो ऐसे आवेदकों को उनके क्रय शक्ति के अनुकूल शासन के द्वारा आवास बनाने हेतु एक लाख चालीस हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान किया जाता है। लेकिन ग्राम पंचायत सुर्रा के सरपंच, सचिव के द्वारा स्वहित एवं व्यक्ति विशेष को गलत तरीके से लाभ पहुंचने के लिए शासन को गलत जानकारी देकर प्रधानमंत्री आवास योजना के राशि में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया है। उक्त संबंध में मामले में प्रभावित व्यक्ति के द्वारा उनके साथ छल किए जाने को लेकर पुलिस कार्यवाही किए जाने की बात कही जा रही है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आखिरकार देश की सबसे बड़े सरकारी योजना में चल रही भर्राशाही का अंत कैसे होता है।