मुकेश कश्यप
कुरूद. कुरूद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के छटवे दिन छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का आगमन हुआ। उन्होंने कथावाचक श्री प्रदीप मिश्रा जी का स्वागत अभिनंदन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा प्रदेश धर्म और आस्था का संगम है।कुरूद में इतना बड़ा शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है,मैं परम पूज्य श्री मिश्रा जी को इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हु।इस आयोजन के लिए मैं श्रीधर शर्मा परिवार को भी धन्यवाद देता हु,जिन्होंने इतना बड़ा आयोजन किया है।हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि है और ऋषि मुनियों की तपोस्थली भी है।आप सबको मालूम है कि भगवान श्री राम चंद्र जी अपने चौदह साल के वनवास का अधिकांश समय हमारे छत्तीसगढ़ दंडकारण्य क्षेत्र में बिताए है।हमारे छत्तीसगढ़ में शिवरीनारायण स्थल है जहां शबरी माता का धाम है। जहां भगवान श्री राम जी ने झूठे बेर खाए थे।हमारे प्रदेश में भोले बाबा अलग अलग नामों से विराजित है।यहां के लोग शुरू से ही बड़े धार्मिक रहे है।हमारे प्रदेश में आध्यात्म का विकास हो रहा है।छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का जो कार्य हो रहा है उसे हम शिवमहापुराण कथा सुनकर रोकने का प्रयास करें।सनातन धर्म की रक्षा करें।
व्यासपीठ से प्रदीप मिश्रा जी ने मुख्यमंत्री जी के उनके अब तक के जनहित कार्यों के लिए उनकी तारीफ की और कहा कि प्रदेश में आज सभी कार्य साय साय हो रहा है। इसी तरह आप सभी लोग शिव जी की भक्ति में पूरे भाव के साथ जुड़ जाओ,आपके जीवन में भी प्रगति साय साय होगी।आज सभी भक्त पर शिव जी ने कृपा की है तभी आप सभी इतनी चिलचिलाती धूप में शिव महापुराण कथा सुनने आए हो।बगीचे में वही फूल तोड़ा जाता है जो सुंदर होता है,आपको प्रिय होता है। उसी तरह शिव महापुराण में वही पहुंचते है जिन पर शिव जी की कृपा होती है।
मिश्रा जी ने कहा कि माता पार्वती जी से हमें सीखना चाहिए हमें परीक्षा नही प्रतीक्षा करनी होगी उन्होंने शिव जी की कभी परीक्षा नही ली ,बल्कि प्रतीक्षा की फिर उन्हे पाया।शिव महापुराण की कथा कहती है कि आप भोले बाबा की कभी परीक्षा मत लो,उन्हे एक लोटा जल चढ़ाते जाओ,थोड़ी प्रतीक्षा करो,थोड़ा इंतजार करते जाओ,मेरा भोले बाबा आप पर उपकार करते जायेंगे।
मिश्रा जी ने कहा कि जिस तरह महिलाएं मसाले द्वारा पूरी सब्जी को एक बार में बना देती है,उसी तरह आप शिव महापुराण की कथा को पढ़ो और अपने जीवन को संवार दो। वेद व्यास जी ने पूरी दुनिया के दुखो को मिटाने के लिए शिव महापुराण की रचना की है और उन्होंने कह दिया कि जो भी इस शिव महापुराण कथा को दिल से श्रवण करेगा उसके जीवन के सारे दुख मिट जाएंगे।
मंगलवार को कथा को सुनने के लिए सुबह से ही लोगों का आना जाना लगा रहा।सभी चिलचिलाती धूप में अपने आपको रोक नही पाएं और शिव महापुराण की कथा का श्रवण करने और व्यासपीठ की एक झलक पाने आए।दोपहर होते ही पूरा पंडाल खचाखच भरा रहा।वही जिन्हे जगह नही मिली वे पंडाल के बाहर और अन्य स्थानों से कथा का रसपान करने लगे।
कथा के अंतिम दिन का समय सुबह आठ बजे से 11 बजे रखा गया है।जिसके तहत एकदम सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ने की प्रबल संभावना है। लोग गर्मी और प्यास को भूलकर भोले बाबा की भक्ति में लीन होकर पुण्य लाभ में लगे हुए हैं।आस्था और भक्ति चरम पर है।