विपक्षी पार्टियों के बागी नेताओं की फौज भाजपा में घुंसी,भाजपाई कार्यकर्ताओ में फैली सनसनी!

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के ज्यादातर नेता और पार्टी कार्यकर्ता कसमस में, जिसको पानी पी पी कर भ्रष्टाचारी है,जेल भेजो, जेल भेजो कहा था, आज उसी भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त रहने वाले नेता को अगवा मानकर दूसरे को जेल भेजो, जेल भेजो ये भ्रष्टाचारी है 'यह कहना पड़ रहा है। ऐसे में संस्कारवादी पार्टी से जमीर बजाए रखने की उम्मीद लगाना क्या जायज है? मामले को लेकर लोगों के बीच यह भी चर्चा बना हुआ है कि चौकीदार का हाथ भ्रष्टाचारियों के साथ @ विनोद नेताम #
रायपुर : राजनीतिक पंडितों की मानें तो राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या फिर दुश्मन नहीं होता है। लिहाजा मुद्दों के आधार पर विचारधारा की सहमति या फिर असहमति ही राजनेताओं की राजनीतिक क्रियाकलाप माना जा सकता है! हालांकि इन दिनों देश के सियासी गलियारो में सियासी वासिंग मशीन की चर्चा जबदस्त तरीके से सुर्खियां बटोर रही है! देश के अंदर मौजूद सभी विपक्षी राजनीतिक दल के नेताओं की जमात सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए जगह जगह यह आरोप लगा रहे हैं,कि भाजपा अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को किचड़ मताने में भिड़ा कर दूसरे दलों के भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त नेताओं को वासिंग मशीन के जरिए धो कर जनता के मध्य अगवा बना कर प्रस्तुत कर रही है,जबकि सालों से कमल खिलाने हेतू सियासी धरातल पर किचड़ मताने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को अब भी किचड़ मताने हेतू प्रेरित किया जा रहा है! ऐसे में भाजपा की विचारधारा में उंच नीच, अमीरी, गरीबी और जाती धर्म को लेकर गहरा भेदभाव व्यापक स्तर पर मौजूद होने की बात कही जा रही है! लोगों की मानें तो भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त दूसरे दल के नेताओं को पार्टी में हंसी खुशी घुंसाने के चलते पार्टी के अंदर मौजूद आम कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर काफी रोश व्याप्त है! कई पार्टी कार्यकर्ता इस सच्चाई को भरे मन से स्वीकार करते हुए महज चुनाव के समय और बड़े नेताओं की रैलियों में भीड़ बढ़ाने की खुद को भाजपाई सामन तक समझ रहे हैं ! हालांकि विरोधी राजनीतिक दल की तमाम आरोप से पल्ला झाड़ते हुए भाजपा आरोप पर जवाब देते हुए गर्व के साथ यह कहते हुए दिखाई देता है कि भाजपा में सच्चे मन से शामिल होने की इच्छा रखने वाले हर नागरिक का स्वागत है। अब ऐसे में यह दिलचस्प सवाल है कि भाजपा आखिरकार सत्ता हासिल करने हेतू जमीर बजाए रखने में क्या सचमुच कामयाब हो पा रही है या फिर सत्ता के लालच में अंधा होकर राजनीतिक विचारधारा के विपरित अपनी राजनीति की उलटी गंगा बहा रही है! सनद रहे किसी भी राजनीतिक दल के लिए पार्टी के अंदर मौजूद रहने वाले पार्टी कार्यकर्ता ही पार्टी की असल पुंजी होती है! न कि चुनावी बांड के जरिए अर्जित की गई पुंजी। यंहा तक भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त रहने वाले दूसरे दल के नेता भी मेहनत करने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं से बड़ा नहीं हो सकता है क्योंकि दिन-रात मेहनत करके भारतीय जनता पार्टी को अंधियारा से उजियारा में इन्होंने ने पहुंचाया है।