बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला में आदिवासियों की जनसंख्या छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य दूसरे आदीवासी बाहुल्य जिलों की तरह ही मौजूद बताई जाती है! आदिवासी समुदाय में शामिल गोंड़ और हल्बा जाती से जुड़े हुए लाखों परिवार जिला में सदियों से निवासरत होने की बात कही जाती है! डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में शामिल है 'जबकि दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासियों की संख्या अन्य दूसरे जातियों की अपेक्षा अधिक या बराबर मात्रा में बताई जाती है! ऐसे में जिले के अंदर आदीवासी समाज की एकजुटता बहुत मायने रखती है! चूंकि आदिवासी समाज अपने समाजिक एकजुटता को बनाए रखने हेतू बरसों से संघर्षरत रहते हुए आज भी जिला के अंदर प्रयासरत दिखाई दे रही है! जिसके चलते जिला के गांव गांव व पारा पारा और मोहल्ले मोहल्ले में रहने वाले आदीवासी बांसिदो को समाज से जोड़ा जा रहा है! समूचे प्रदेश भर के लगभग सभी जिलों के गांव गांव में आदीवासी समाज के सामाजिक संगठन मौजूद है! आदीवासी समाज से जुड़े हुए महिलाओं व पुरुषों का अलग-अलग समाजिक संगठन जमीनी स्तर पर मजबूती से अपनी पकड़ को बनाए रखने हेतू संघर्षरत है! जिसके बलबूते आदीवासी समाज अपनी तमाम समाजिक गतिविधियों को अंजाम देने का काम छत्तीसगढ़ राज्य की सरजमीं पर करते हुए दिखाई देती है! आमतौर पर देखा जाए तो आदीवासी समाज के जगह अन्य दूसरे समाज बेटी रोटी और अन्य समाजिक मसला पर ही ध्यान देती है, लेकिन आदीवासी समाज अपनी सभ्यता संस्कृति और परापंरिक रिती रिवाजों को समेटने के लिए जानी जाती है!
आदिवासी गोंडवाना सेवा समिति परिक्षेत्र पेरपार का वार्षिक बैठक विवादों और देशी गंगाजल की भेंट चढ़ी! नशे में टून दिखाई दिए समाजिक पदाधिकारी तो वंही कार्यक्रम से नदारद हुए जिला आदीवासी समाज के मुख्य पदाधिकारी!
समाजिक सूत्रों की मानें तो जिला के गुरूर तहसील गोंडवाना समाज के भीतर विगत कुछ महीनों से अंदर ही अंदर जबदस्त तरीके से खिचड़ी पक रही है! अब इस पकने वाली खिचड़ी को क्यों पकाई जा रही है और कौन पका रहा है और किसके लिए पकाई जा रही है यह तो पकाने वाले लोग और इस खिचड़ी को खाने वाले लोग ही जानते होंगे! दरअसल बिते दिनों गोंडवाना समाज गुरूर जिला बालोद छतिसगढ़ के अंदर आने वाले बारह गांवों में मौजूद समस्त आदीवासीयो का सामुहिक संगठन जिसे परिक्षेत्र कहा जाता है! इस परिक्षेत्र में पेरपार परिक्षेत्र गोंडवाना सेवा समिति का भी नाम जुड़ा हुआ है जिसके महत बिते दिनों ग्राम पंचायत भोथली तहसील गुरूर जिला बालोद में वार्षिक कार्यक्रम व बैठक का आयोजन संपन्न किया गया है! इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतू समूचे पेरपार परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले बारह गांव के आदीवासी परिवार से जुड़े हुए एक सदस्य शामिल हुए! कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय से जुड़े हुए कई मनमोहक झांकियां व कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए! इससे पहले बारह गांव में रहने वाली आदीवासी महिलाओं ने कलश यात्रा निकल कर समाजिक एकता का परिचय दिया, लेकिन इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतू जिन अतिथियों का नाम कार्यक्रम से जुड़े हुए पोस्टर व स्लोगन शामिल करते हुए प्रकाशित करवाया था;"उनमें से ज्यादातर अतिथि बैनर और पोस्टर के अलावा पूरे समय तक इस कार्यक्रम से गायब दिखाई दिए! वंही कार्यक्रम के दौरान रात्रि बैठक के बीचोंबीच देशी गंगाजल की महक काफी चर्चा का विषय बना हुआ है!