बालोद : समस्त मानव समाज के भीतर में सुरक्षा, शांति, सद्भावना और कानून व्यवस्था बनाए रखने का कार्य अनादिकाल से लेकर आज के अमृतकाल इस दौर तक में भी अति महत्वपूर्ण और जरूरी माना जा रहा है! इसके पीछे तर्क यह है कि समाज में असुरक्षा के वातावरण से न तो कोई नागरिक अपना विकास कर सकता है और न ही राष्ट्र! इसलिए प्रत्येक समाज में नागरिकों का चौहमुंखी विकास इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार किस सीमा तक समाज के अंदर कानून एवं शांति की व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम बना रहता है! सरकार अपने सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति तभी समाज के बीचों बीच शांति से स्थापित करने में सक्षम हो पायेगा जब समाज में शांति भाईचारा एकजुटता और स्वंय के साथ राष्ट्र निर्माण के प्रति जागरूकता बना हुआ हो,आज के वर्तमान दौर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है! भले लोगबाग इस युग को अमृतकाल का युग मानकर चल रहे हैं! आधुनिकीकरण के इस दौर में विज्ञान के क्षेत्र में नवीन अविष्कारों ने जंहा समाज के रूप, रंग, तौर तरीका और व्यवस्था में परिवर्तन लाया है,वंही नागरिकों की आकांक्षाओं में भी इसके चलते परिवर्तन देखने को मिला है। अमृतकाल के इस दौर में आज सभी नागरिक अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति करना चाहता है! भारत संसार भर में सबसे ज्यादा युवाओं का देश माना जाता है! विडंबना इस बात को लेकर है कि अमृतकाल के इस दौर में देश में रहने वाले ज्यादातर युवा पीढ़ी अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति हेतू दर दर भटकने को मजबूर हो चले हैं,जबकि सरकार युवाओं को सपने दिखाकर भूल गई है! ऐसे में बेरोज़गारी की बिमारी से शिकार आखिरकार युवा बेरोजगार यह क्यों न कहें कि न नौकरी न रोजगार कैसे चले जीवन और कैसे चले घर-बार, जवाब दो सरकार! ऊपर से पुलिस जबदस्ती पकड़ कर पैसा मांग रही है ! जरा सोचिए इस वातावरण में राष्ट्र और नागरिकों का विकास क्या संभव है!
बालोद पुलिस अधीक्षक एस आर भगत से खाकी के आड़ में अवैध उगाही व जेल भेजने की धमकी देने के मामले में हुई शिकायत!
बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ आई पी एस अफसरों का थोक में तबादला कर दिया है! बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस आदेश में सभी जिलों के अंदर लगभग भारत सरकार के अधीनस्थ पदस्थ अधिकारी यानी कि आई पी एस अफसरों को ही जिला का कमान सौंपा है सिवाय बालोद जिला को छोड़कर! बालोद जिला में राज्य सेवा अधिकारी सरजू राम भगत को जिला का कमान सौंपा गया है 'जबकि जिला में कमान संम्हाल रहे आई पी एस अधिकारी जितेन्द्र कुमार यादव को बीजापुर भेज दिया गया है! इस बीच सरजू राम भगत के बालोद पुलिस अधीक्षक का पदभार ग्रहण करते ही खाकी वर्दी को लेकर एक बेहद ही गंभीर शिकायत उनके समक्ष पेश किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है! जिसमें बालोद पुलिस के अमानवीय व्यवहार से तंग आकर कुछ युवाओ ने जिले के नए एसपी को उनके आते ही उनके महकमे कि करतूतों से अवगत कराते हुए न्याय की दरकार जताई है! शिकायत पत्र में बालोद पुलिस महकमा के अंदर पदस्थ कुछ पुलिस के सिपाहियों से लेकर थाना प्रभारी के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए जांच की मांग की गई है! आरोप जबर्दस्ती पुलिस द्वारा पैसे वसूलने और जबर्दस्ती जैल भेजने का है! खैर ये अब जांच का विषय है! ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिले के अंदर पदस्थ महकमा के नए मुखिया मामले को लेकर कौन सा एक्शन लेते हैं और जिले मे पुलिस पर लगे इस दाग को कौन से सर्फ से साफ़ करते हैं और क्या फ़ार्मूला लगाते हैं!