विनोद नेताम
छत्तीसगढ - 04 फरवरी 2024 की तड़के छत्तीसगढ़ राज्य के उपमुख्यमंत्री जिनके कंधों पर गृहमंत्रालय भी है। गृहमंत्री विजय शर्मा अचानक 4 फरवरी को सिलेगर पहुंच गए जंहा पर उन्होंने कैम्प के जवानों व स्कूली बच्चों और ग्रामीणों से बातचीत की! इस दौरान हाल के दिनों में हुए नक्सलि हमला में नक्सलियों के साथ लोहा लेने वाले जवानों से गृहमंत्री विजय शर्मा स्वंय रूबरू होते हुए और उनका जोश बढ़ाया! गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने हेतू,क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं विकास के लिए हमारे सुरक्षा बलो के जवान संकल्पित है। घटना के बाद भी हमारे जवानों के हौसले नही टूटे हैं 'वे दुगुने जोश से शांति एवं सुरक्षा हेतु लग गए हैं। इस दौरान उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा के साथ प्रमुख सचिव गृह मनोज पिंगुआ और प्रमुख सचिव पंचायत निहारिका बारीक़ उपस्थित रहीं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सुरक्षा बलों के जवानों के हौसले बुलंद है! जवान चर्चा या निर्णय चाहते हैं। हम नई योजना के साथ इस क्षेत्र में विकास के कैम्प स्थापित करने जा रहे हैं। इस कैंप के माध्यम से हम क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचायेंगे। हम सभी ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान कार्ड खेतो में स्थाई पम्प कनेक्शन, आंगनबाड़ी, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र, पेयजल, सड़क,अधोसंरचना, मोबाइल टावर, हर बसाहट में टीवी सेट और डीटीएच देने हेतू ईमानदारी से काम कर रहे हैं। यहां स्थापित होने वाला कैम्प विकास का कैम्प साबित होगा, इस कैम्प के माध्यम से निश्चित रूप से सभी शासकीय योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता को मिलेगा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों का विकास चाहती है। शहरों की विकास के साथ साथ गांव और नक्सल क्षेत्र के गांव का भी विकास चाहती है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में विकास को बाधित करने वाले सभी ताकतों को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।
बस्तर के बच्चे भी डॉक्टर और कलेक्टर बनना चाहते हैं- गृहमंत्री विजय शर्मा
छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद लगातार दो मासूम आदीवासियों की सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई गोलीबारी में मौत और निर्दोष आदीवासीयो पर सुरक्षा बलों के द्वारा नक्सलवाद फैलाने का आरोप से बस्तर के आदिवासी हलकान हो चुके है! चूंकि छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर बस्तर की लाल भूमि पर बरसों से यही देखने को मिला है! इसलिए बस्तर में निर्दोष आदीवासीयो की नरसंहार बंद हो करके लाखों आदीवासी मंगली के लिए एक सुर में बिते दिनों जगह जगह खड़े होते हुए दिखाई दिए हैं'! वंही हसदेव अभ्यारण्य क्षेत्र की जंगलों से हाल के दिनों में हुए वृक्षों की कटाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार साफ कहने से बचती हुई नजर आई है, जबकि दूसरी ओर बस्तर में नक्सलवाद की खात्मा के विषय में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार कूद के कूद भाषण ऊपर भाषण देने पर उतारू दिखाई दे रही है! गौरतलब हो कि सरकार विकास की पृष्ठभूमि को बस्तर के लाल धरा में मौजूद आदीवासीयो के बीच मजबूती से स्थापित करना चाहती है! सरकार इसके लिए बस्तर की अंदरूनी हिस्सो में बरसों से सुरक्षा बलों की कैंप स्थापित करने में जुटी हुई है! आदीवासीयो की मानें तो वे भी विकास चाहते हैं स्कूल, हास्पिटल, बिजली, सड़क पानी उन्हें भी चाहिए लेकिन बंदूक की गोली और मां,बहन बेटियों की इज्जत के दम पर नहीं! सुरक्षा बल के जवान ज्यादातर निर्दोष आदीवासीयो को नक्सली बताकर खुलेआम गोली मार रहे है! जबकि विकास के लिए सुरक्षा बलों की मौजूदगी हो यह जरूरी नहीं है! आज बस्तर के आदिवासी भी विकास की मायने समझते हैं और सरकार को भी समझना चाहिए कि विकास के लिए शांति और भाईचारा जरूरी है न कि प्रशासनिक शक्ति का इस्तेमाल! हसदेव अभ्यारण्य क्षेत्र की जंगलों में वृक्षों को कांटने के लिए छत्तिसगढ़ राज्य सरकार ने बकायदा प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती कर दी थी,जबकि वृक्षों को कांटने के बाद वंहा से कोयला निकाला जायेगा और इसका फायदा अडानी की कंपनी और राजस्थान को मिलेगा! ठीक उसी तरह बस्तर के पावन धरा की छाती में मौजूद बहुमूल्य खनिजों को पार करने हेतू सरकार सुरक्षा बलों की तैनाती कर रखी! जिनके हाथों रोजना आदीवासियों को शोषण का शिकार बनना पड़ रहा है, जिसके चलते उन्हें अपने घर बार छोड़ कर बाहर रहना पड़ रहा है, जबकि उनके घर और जमीन पर बाहर से आकर दूसरे लोग कब्ज़ा कर रहे हैं! साथ ही खनिजों के लिए बड़ी बड़ी कंपनियों को सरकार औने-पौने दाम पर बेंच रही है! ऐसे में विकास की परिभाषा को समझने की नितांत आवश्यकता जताई जा रही है!