ग्राम पंचायत पलारी के ग्रामीणों ने संजारी बालोद विधानसभा विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा का जताया आभार साथ ही सरकार से किया अपील मामले में ध्यान दें सरकार! वंही भाजपा नेता मेहतर नेताम ने कहा मामले में पूरा किया धरा कांग्रेस पार्टी सरकार की थी जिसके चलते कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अपने ही पार्टी के खिलाफ सड़क पर उतर कर आंदोलन करना पड़ा है!
बालोद: किसी भी सभ्य समाज के लिए शिक्षा और उद्योग बहुत जरूरी बुनियादी संसाधन माना जाता है! एक राष्ट्र उन्नति और समृद्धि का सपना देखने का अधिकार तभी पूर्ण रूप से रख सकता है 'जब वह अपने नागरिकों तक इन दोनों संसाधनों को निर्बाध तरीके से उपलब्ध करवा पाने में सवा आना सफल हो पा रहा हो,लेकिन विकसित भारत के तौर पर मशहूर अमृतकाल के इस दौर का नया भारत में क्या यह दोनों संसाधन आम जनता को निर्बाध तरीके से उपलब्ध करवा पाने में सरकारें सफल हो पायेगी या फिर अब तक जितने भी सरकारें बनी है वे सफल साबित हुई है! निश्चित रूप से यह एक बड़ा सवाल है! भारतीय अवाम के लिए शिक्षा शेरनी का वह दूध है जिसे जो भी पियेगा वो दहाड़ेगा! मिशाइल मैन पुर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब ने कहा है। हालांकि देश के अंदर मौजूद सरकारी एजुकेशन सिस्टम गाय की बासी दूध तक को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुहैया करा पाने में सही तरीके से सफल हो पा रहे हैं 'इसका कोई गारंटी नहीं है! लोगों की मानें तो शिक्षा को सरकार जनता के मध्य फोकट में मुहैया कराती है,जिसमें सरकार को पैसा खर्च करना पड़ता हैं,जबकि उद्योग में सरकार को बैठे बैठे पैसा मिलता है और लोगों को रोजगार! उद्योग गरीब और पिछड़े तबके से जुड़े हुए जरूरतमंद लोगों के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है! वंही अमिर लोगों के लिए उद्योग एक पेशा है जिसमें वह पैसा लगा कर पैसा कमाता है और इसका कुछ हिस्सा सरकार को भी जाता है!
दोनों संसाधनों में फर्क बहुत स्पष्ट है! एक में सरकार को फोकट में पैसा खर्च करना पड़ता है और दूसरे में सरकार को बैगर पैसा खर्च किए पैसा मिलता है! जरा सोचिए किसी भी सरकार के लिए दोनों संसाधनों में कौन सा बुनियादी संसाधन फायदेमंद साबित हो सकता है और कोई भी सरकार बैगर पैसा के क्या फोकट में बांटी जाने वाले दूसरे संसाधन की पूर्ति बिना पैसा खर्च किये कर सकता है? सनद रहे किसी भी सरकार के पास पैसा की झाड़ नहीं होती है! बहरहाल भारत माता की दुलौरिन बेटी के तौर पर मशहूर छत्तीसगढ़ राज्य की पावन माटी जिसे लोगबाग धान के कटोरा के रूप में पहचानते हैं! जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस राज्य का नाम धान से जुड़ा हुआ है अतः इस राज्य में धान और किसान की क्या क्षमता और औकात हो सकती है यह बताने की आवश्यकता नहीं है! धान इस राज्य की मुख्य फसल है और किसान इस राज्य के सबसे बड़े कर्णधार! ऐसे में जाहिर सी बात है कि इस राज्य में ज्यादातर उद्योग धान से ही रिलेटेड होंगे! वर्तमान समय के दरमियान छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलों की संख्या के मामले में पूरे एशिया महाद्वीप के अंदर सबसे आगे हैं! सूत्रों की मानें तो राज्य के अंदर रोजना एक राइस मिल खुल रही है,जबकि कई राइस मिल खुलने के लिए सरकार के पास लोगों का आवेदन जमा है ! जैसे कि हमने पहले ही बताया है कि उद्योग में सरकार को मुनाफा होता है अतः सरकार भी आये दिन उद्योग में ध्यान लगाये हुए बैठी हुई दिखाई दे रही है! सीधी सी बात है जब सरकार को उद्योग से फायदा मिल रहा है तो किसका क्या बिगड़ रहा है या नुकसान हो रहा है ! उससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है और फर्क पड़ना भी चाहिए हां लेकिन फर्क न पड़े इसके लिए सरकार को भी ध्यान रखना जरूरी है! हाल के दिनों में संपन्न हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी से संजारी बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पलारी अंतर्गत बन चुकी उसना राइस मिल का मुद्दा उठाया सदन में उठाते हुए सरकार के ध्यान में यह बात डालने का सफल प्रयास किया है कि ग्राम पंचायत पलारी में बन चुकी उसना राइस मिल अवैध तरीके से बनाई गई है! जिसके चलते स्कूली बच्चों की भविष्य से खिलवाड़ करने की जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है! विधायक संगीता सिन्हा की बात पर छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग मंत्री ने जवाब देते हुए कहा है कि मौके पर जांच करा देंगे! ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत पलारी में जब से उसना राइस मिल का निर्माण कार्य शुरू किया गया है तब से ग्राम पंचायत पलारी के ग्रामवासी इस मिल का विरोध कर रहे हैं! ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत सरपंच और प्रसाशनिक अधिकारियों की मिली भगत से सरकारी नियमों को ताक पर रख कर सरकारी स्कूल के बगल में उसना राइस मिल का निर्माण किया गया है! हालांकि इस राइस मिल का निर्माण कार्य कांग्रेस पार्टी के शासन काल में शुरू हुई थी बावजूद इसके संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा और कांग्रेस पार्टी के एक एक कार्यकर्ता अपने ही सरकार के खिलाफ आंदोलनरत खड़े दिखाई दिए थे!
