@विनोद नेताम
बालोद / गुरुर :- छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार चाहे किसी भी राजनीतिक दल रही हो प्रदेश में जनता के लिए लगभग सभी राज्य सरकारों ने बेहतरीन योजनाएं धरातल पर संचालित करने का सफल प्रयास किया है।
हालांकि राज्य सरकारों के द्वारा संचालित की गई कई योजनाएं धरातल पर मंशा अनुरूप सफलता हासिल करने में कई बार विफल साबित हुई है।
बावजूद इसके छत्तीसगढ़ राज्य में शासन करने वाले तमाम सरकारों ने प्रदेश में अपनी अपनी जन हितैषी योजनाओं के जरिए अलग अलग पहचान बनाने में सफल साबित हुई है।
इस बीच कांग्रेस पार्टी की भूपेश बघेल के नेतृत्व में आई सरकार को भला कौन भूल सकता है।
वैसे भी छत्तीसगढ़ राज्य की पवित्र भूमि को धान का कटोरा कहा गया है।
लिहाजा कांग्रेस पार्टी की माटीपुत्र किसानों के सरकार ने पूर्व में पांच साल तक प्रदेश में किसान हितैषी सरकार होने का तमगा हासिल करते हुए गांव, गरीब, मजदूर और किसानों की सेवा करने हेतू धरातल पर बखूबी तरीके से मेहनत करते हुए परचम लहराने का कारनामा कर दिखाया है।
नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के जरिए ग्रामीण भारत को विकसित भारत बनाने की मुहिम पर काम कर रही थी 'कांग्रेस पार्टी की भूपेश बघेल सरकार,लेकिन विडम्बना रही है कि उनकी सरकार प्रदेश में दोबारा बन न सकी और सत्ता वर्तमान समय के दरमियान भाजपा के पाले में आ गई है।
चूंकि भाजपा सनातन संस्कृति को खुद में समेटे रखने हेतू अगवा बने रहना चाहती है, इसलिए भाजपा को कांग्रेस पार्टी के माटीपुत्र किसानों की सरकार के तरह ही व्यवहार करते हुए जन कल्याणकारी योजनाओं को संचालित करते रहना चाहिए, ताकी भाजपा की केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ में मौजूद राज्य सरकार को भी जनता प्रदेश में गांव गरीब मजदूर और किसानों की सेवा करने वाली सरकार समझ सकें,लेकिन जमीनी धरातल पर कांग्रेस पार्टी की सत्ता जाते ही धाराशाही हुई छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में पूर्व सरकार की महत्वकांक्षी योजना।
वैसे तो छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला आज भी प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार बन जाने के बावजूद कांग्रेस पार्टी की बुंलद आवाज से गदगद हैं। कारण जिला के तीनों विधानसभा सीटों में कांग्रेस पार्टी का दबदबा आज भी पुराने दिनों की तरह कायम है,लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बन जाने के चलते जिला के तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी की सरकार के द्वारा संचालित की गई महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी दम तोड़ते हुए नजर आ रही है' जो कि अच्छी बात नहीं है।
आलम किस कदर वर्तमान समय में पसरा हुआ है,इसकी बानगी संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत रमतरा के गोठान में पसरी मंजर को देखकर समझा जा सकता है।
दरअसल पूर्व कांग्रेस पार्टी के शासन काल में बनाई गई गोठान की स्थति इन दिनों जिस हालत में बताई जा रही है उसे देखकर लगता है कि सरकार को इसमें काफी सुधार की गुंजाइश है।हालांकि कि सत्ता परिवर्तन होने के बाद धरातल पर मौजूद गोठानो की बिगड़ती हुई दुर्दशा को लेकर जिला प्रशासन पहले की अपेक्षा सुस्त बताई जा रही है।
जिसे लेकर धरातल पर कई सवाल हैं। जनता के मेहनत और पसीने की कमाई गोठान निर्माण कार्य में खर्च किया गया है, लिहाजा सरकार को जनता की पैसों की सुरक्षा हेतू आगे दो कदम बढ़कर काम करना चाहिए।