मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि और मुख्यमंत्री जनसंपर्क राशि में बंदरबांट को लेकर संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में बवाल।
▪️ संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में गुरबती और गरीबी से जूझने वाले परिवारों ने भरोसे की सरकार से भरोसे पूर्ण तरीके से पुछा कि नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान से सिर्फ कांग्रेसी पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही सामान नियम विरुद्ध तरीके से क्यों मिलता है?
आखिरकार बंसत सोनबेर,लता सोनबेर ग्राम पंचायत पलारी,विष्णु राम कोचवाही, भगवान दास ग्राम बालोदगहन और दुर्गू राम सिन्हा ग्राम पंचायत धनोरा किस केटेगरी के मजलूम है?▪️
बालोद : गुरबती के दौर से गुजरने वाले हर गरीब तबके को सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर मिलना चाहिए ताकी देश गुरबती और द्ररिद्रता की श्रेणी से अति शीघ्र बाहर निकल सकें,लेकिन विडम्बना देखिए संसार के सबसे बड़े जमूरिहयत की ठेकेदारों के यंहा तक भी जमूरिहयत के नाम पर नंगा नाच किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य जो कि देश के अंदर द्ररिद्रता सूचकांक की पायदान के दायरे में काफी अव्वल दर्जे पर मौजूद खड़ा हुआ बताये जाता है। प्रदेश में रहने वाले कई गरीब परिवारों को सही बख्त पर दो वक्त की रोटी तक ढंक से नसीब नहीं हो पा रही है, हालांकि सरकार हर परिवार तक राशन दुकानों के जरिए राशन पहुंचा पाने में पूर्ण रूप से सफल हो रही है। बावजूद इसके प्रदेश में रहने वाले गरीब गुर्गों की हालात बदल नहीं पा रही है। अब क्यों बदल नहीं पा रही है यह शोध का विषय हो सकता है,और निश्चित रूप से इस पर शोध होना चाहिए, लेकिन शोध बेरोजगारी से जुड़े हुए फर्जी आंकड़ा प्रस्तुत करने वाले एजेंसियों के मार्फत ना हो कर स्वतंत्रत और स्पष्ट रूप से दुध का दूध और पानी का पानी कर सके ऐसे लोगों के द्वारा हो तो सही है।
बहरहाल प्रदेश में इस वक्त चुनाव का मौहौल है और चुनावी माहौल के बीच में गरीबों की नुमाइंदगी करने वाले लोगों से एक छोटा सा सवाल है। क्या सरकार गरीबों के नाम पर अमीरों और गैर जरूरतमंदों को जनता के मेहनत और पसीने की कमाई को फोकट में बांट सकती है?
यदि नहीं तो, कांग्रेस पार्टी की सरकार संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को किस आधार पर मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि और जनसंपर्क राशि को खैरात में बांटने का काम किया है?
ऐसे में आखिरकार संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक और कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार संगीता सिन्हा के करीबियों को मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि और जनसंपर्क राशि मिलने पर सवाल क्यों न पुछा जाए। क्या संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता भरोसे की सरकार के राज इतना गरीब हो चुके है कि गरीबों के जमात में शामिल होकर सरकारी योजनाओं का लाभ परिवार समेत उठाने को मजबूर हो गए हैं।

बहरहाल मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान की राशि और जनसंपर्क राशि का लाभ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को जिस आधार पर दिया गया है,उसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। लिहाजा माना यह जा रहा है कि इस मामले को लेकर पूरे विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में जो माहौल बन रहा था वह माहौल भी अब तेजी के साथ घटता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 17 नवंबर दूसरे चरण के मतदान में कांग्रेस पार्टी को इसका कितना खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।