▪️बागी हो चुके अपने ही पुराने साथीयों को दिखाया आईना। कहा जो सो गए हैं, उनकी चिंता नहीं करना चाहिए और "जो है वो आपके खुशहाली के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है, उनके बारे में सोचना चाहिए!▪️
बालोद : पूरे राज्य भर में कका निक नेम से मशहूर सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिपावली पर्व के शुभ अवसर पर बालोद जिला में कांग्रेस पार्टी के द्वारा समर्थित विधानसभा चुनाव उम्मीदवारों की चुनावी रैलियों में उनके प्रचार के लिए उपस्थित नजर आए। इस दौरान कका अपने चीर परिचित अंदाज में मुख्य विपक्षी राजनीतिक पार्टी भाजपा और संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की बेटी मानी जा रही पूर्व कांग्रेसी नेत्री जो कि कांग्रेस पार्टी से बागी होकर निर्दलीय संजारी संजारी बालोद विधानसभा सीट से बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान पर है। उन पर इशारों इशारों में ही बरसते हुए देखे गए। अब बागी निर्दलीय को कका क्यों ताड़ रहे है तासीर बंया करने की आवश्यकता नहीं है। ज्ञात हो कि बड़े बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेता जो कभी कका के अगल बगल उनके प्रिय पगला भाई यानी कि छोटे कका के रूप में अक्सर लोगों को राजनीतिक मंचों पर दिखाई देते थे। आजकल छोटे कका तक ने पाला बदल दिया है। पाला बदलकर संजारी बालोद विधानसभा की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया है जिसका नाम है मीना सत्येन्द्र साहू।
भाजपा को कहा जूमले बाज तो किसानो की कर्जा माफी बताया जनसेवा।
संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक रण भूमि और पांड़े बबा की तपोस्थली गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत पावन धरा ग्राम पंचायत पेंन्डरवानी में सूबे के मुखिया जी यानी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए हुंकार।
सरकार के द्वारा किए गए पुराने कार्यों की बखान से लेकर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई नई घोषणाओं के बलबूते ठोंका ताल कहा हमारे सभी विरोधी होंगे इस चुनाव बेहाल।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह आगमन बतौर कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ रही श्रीमती संगीता सिन्हा की चुनाव प्रचार के लिए हुआ था। इस चुनावी कार्यक्रम में क्षेत्र के सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उपस्थिति में सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने हेतू कमर कस कर जोश के साथ काम करने का दम भरा।
कका के चुनावी रैली और संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक संगीता सिन्हा के प्रचार प्रसार में उमड़े सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता, लेकिन इस दौरान गायब नजर आए उनके पुराने खास करीबी नेता और कांग्रेस पार्टी के कई कर्मठ कार्यकर्ता। सियासी सरजमीं से जुड़े हुए जानकारों की मानें तो संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के अंदर कांग्रेस पार्टी में पड़ी फूट पार्टी को अंदर से ले डूबी है।
मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है, लेकिन बालोद जिला के तीनों कांग्रेस प्रत्याशियों के उनके अपने क्षेत्र में बतौर कांग्रेस उम्मीदवारों को बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब यह देखना यह है कि आगे आने वाले समय में ऊंट किस करवट बैठता है।