क्या कका और भतीजे के लड़ाई में तुरूप का इक्का साबित होंगे अमित जोगी? अमित जोगी के समर्थकों ने लगाया नारा : विजय बघेल से बैर नहीं, लेकिन दाऊ तोर खैर नहीं।
रायपुर : कहा जाता है कि वक्त खुद को दोहराता है। एक समय हुआ करता था जब छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी गलियारों में जोगी परिवार की तूती बोला करती थी लेकिन जोगी सरकार की बोलती कब बंद हुई और कैसे बंद हुई किसी को भनक तक नहीं लगी साथ ही पाटन वाले कका कब सबके दिलों में राज करने लगे,यह भी किसी को पता नहीं चल पाया। कहा जाता है कि राजनीति में नेताओं का लेखा-जोखा खुद राजनेताओं के हाथों में होता है। जिसका कर्म बढ़िया उसका कद भी बड़ा और राजनीतिक समीकरण के हिसाब से राजनीति में नेताओं का कद कभी घटते हुए देखे जाते हैं तो कभी बढ़ते हुए। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के सुपूत्र अमित जोगी अपने परिवारिक सीट मारवाही की सियासी मैदान को विवादों के चलते छोड़कर पाटन के सियासी मैदान से उतरने का ऐलान करते हुए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। अमित जोगी के पाटन विधानसभा सीट से चुनाव नामांकन पत्र के दाखिल करते ही पूरे विधानसभा क्षेत्र में हड़कंप मचने की खबर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के मध्य वैसे तो सार्वजनिक जगहों पर मधूर दिखाई दिए हैं, लेकिन अंदर खाने दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिपर्धा होने की बात जग जाहिर है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो जोगी परिवार की राजनीतिक समीकरण बिगाड़ने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस भूमिका के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को कांग्रेस पार्टी से अलग हो कर ना सिर्फ एक नई पार्टी बनाने की आवश्यकता पड़ी ब्लकि वर्षों कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहने के बाद कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खड़े होकर आवाज बुलंद करते हुए भी दिखाई देना पड़ा है। अब जब पाटन विधानसभा सीट से अमित जोगी उतर चुके हैं, तब लोगों के द्वारा कयास यह लगाया जा रहा है कि पाटन के मुखिया का इस बार 75 पार करने की योजना कंही पाटन में ही ध्वस्त ना हो जाए क्योंकि पाटन विधानसभा सीट में ज्यादातर मतदाताओं की संख्या सतनामी समाज से जुड़े हुए गरीब और मध्यम वर्गीय किसान परिवारों की बताई जा रही है। आमतौर देखा जाता है कि किसी भी तरह की असमाजिक गतिविधियां गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के मध्य ही पलता है। पूरे पाटन विधानसभा क्षेत्र में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अवैध सट्टा कारोबार और अवैध शराब व्यापार ने इन परिवारों के आसपास जगह बनाने में कामयाबी हासिल किया है। क्षेत्र के कई युवा बेरोजगारी के चलते नशे की लत में बर्बाद हो चुके है तो वंही कई परिवार इसके चलते आग में जल कर राख और मिट्टी में दफन हो कर खाक हो चुके है। ऐसे में इन ग़रीब परिवारों की संवेदना को समझने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को समझाने के लिए अमित जोगी ने पाटन विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है।