धमतरी :-जैसा कि भारत ऋषियों का देश है और यहां अलग-अलग राज्य में अपनी अलग-अलग पारंपरिक संस्कृति भी है और पूरा विश्व भारत की संस्कृति को अपनाने की दिशा में अग्रसर है। भारत की संस्कृति पूरे विश्व स्तर पर विशेष रूप से जाने जानी वाली संस्कृति है।
इसी तरह से छत्तीसगढ़ में माताओ बहनों के लिए तीजा पर्व की संस्कृति बहुत ही प्रसिद्ध है। किसी गांव में बेटियां शादी होकर के जब दूसरे ग्राम जाती हैं तो वर्ष में एक बार उसे ग्राम के सभी बेटियां तीजा के अवसर पर एकत्रित होती है और एक दूसरे से मुलाकात करते हुए अपने हाल-चाल को जानने का प्रयास करते हैं ।इस अवसर पर हर घर में करेले की सब्जी बनाई जाती है जिसको करु भात के नाम से जाना जाता है। उस दिन हर घर में करेले की सब्जी खाई जाती है ।जैसे-जैसे धर्म को लोग जानने और समझने लगे हैं वैसे-वैसे इसको और मजबूत करने के लिए इसको निरंतर बनाए रखने के लिए अलग-अलग विद्वानों समाज के वरिष्ठों के द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं की जाती हैं ।इसी क्रम में वर्तमान में देखा जा रहा है कि कई ग्रामों में ग्राम वासियों के द्वारा या समिति के द्वारा ग्राम में आए सभी माता बहनों को एक साथ सामूहिक रूप से करु भात का आयोजन किया जाता है। जिसमें सभी माताए बहने आकर के एक साथ ऊंच नीच अमीर गरीब जात-पात का भेदभाव मिटा करके एक साथ सामूहिक भोज करते हैं।
उमेश साहू सांसद प्रतिनिधि ने निमंत्रण के आधार पर ऐसे कई गांव में गए जहां पर जाकर के उन्हें बहुत खुशी हुई उन्होंने ग्राम वासियों से कहा कि जिस आयोजन को कई बड़े-बड़े संस्थानों के द्वारा करने के लिए काफी लंबा समय लगता है ऐसे महत्वपूर्ण सामाजिक समरसता के आयोजन को ग्राम वासियों ने स्वतःसहज रूप से करके आज बहुत बड़ा सामाजिक समरसता का परिचय दिए हैं ।उन्होंने आगे कहा की आने वाले समय में लगभग सभी ग्रामों में यह परंपरा शुरू हो जाएगी जिससे भारत अपने संस्कृति को लेकर के और समृद्ध हो जाएगा।