@विनोद नेताम
बालोद : भारत के अंदर शुरू से ही पूंजीवाद का दबदबा रहा है। देश के असंख्य गरीब आज भी पूंजीवाद की भयावहता चपेट से जूझ रहे है। ऐसे में देश के अंदर मौजूद मेहनतकश गरीब भी अपनी काबिलियत के दम पर अपनी और अपने साथ जीने वाले गरीबों का भला करने में सफलता हासिल कर रहे हैं यह एक अच्छी बात है। हालांकि गरीबों के लिए यह सब करना आसान नहीं होता है। छत्तीसगढ़ राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने जा रहा है। राज्य की पावन भूमि को अमीर धरती पर रहने वाले गरीब जनता की धरा माना गया है। ऐसे में प्रदेश के ज्यादातर नेता करोड़पति बताए जाते है। चुनाव आयोग के रिकार्ड में दर्ज प्रदेश के नेताओं की तमाम आर्थिक स्थिति सबूत है, इस बात की लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में मशहूर जननायक विधायक कुंवर सिंह निषाद जिनके कुशल नेतृत्व क्षमता और मधुर व्यवहार ने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर मौजूद गरीब परिवारों में बेहतरीन छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल किया है,बल्कि गरीबों में भी यह अहसास जगाने में सफलता प्राप्त किया है कि एक गरीब भी राजनीति सफलता पूर्वक गरीबों के विकास हेतू कर सकता है। गरीब तबका से जुड़े होने के चलते जन नायक कुंवर सिंह निषाद पूंजीपतियों के निशाने पर शुरू से रहे है, लेकिन पूंजीपतियों के द्वारा बिछाई गई तमाम तरह की उलझनों को खत्म कर आज कुंवर सिंह निषाद गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र की विशेष पहचान बन चुका है। कला संगीत क्षेत्र से जुड़ाव होने के चलते कुंवर सिंह निषाद की लोकप्रियता उनके विरोधियों के लिए जब से वे राजनीति में पदार्पण किए हैं, तब से चिंतन का सबब बना हुआ है। बावजूद इसके कुंवर सिंह निषाद कांग्रेस पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तमाम सरकारी योजनाओं को विधानसभा क्षेत्र के गरीबों तक पहुंचाने हेतू दिन रात मेहनत किया है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी अपने 90 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सुची कभी भी जारी कर सकती हैं। इस वक्त ज्यादातर उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर गहमागहमी चल रही है। इस बीच कुछ गरीब धरती पर रहने वाले कुछ अमीरचंद लोग गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में विकास की परियाय बन चुके जननायक विधायक कुंवर सिंह निषाद की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए उनके नाम को बदनाम करने हेतू अनेक प्रयास करते हुए देखे जा रहे हैं। विरोधियों के समक्ष कुंवर सिंह निषाद के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं बचा है। जिसके चलते उनके द्वारा हाल के दिनों में बनाई गई मकान को जबदस्ती मुद्दा बना कर असंख्य गरीब परिवारों के पेट मारने का जोखिम और घटिया प्रयास किया जा रहा है जबकि हकीकत के धरातल पर मौजूद मंजर कुंवर सिंह निषाद की लोकप्रियता को कम नहीं होने दे रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला में कांग्रेस पार्टी को कुंवर सिंह निषाद को दोबारा विधानसभा चुनाव की कमान देना चाहिए ताकि 90 पल्स की आंकड़ा तक आसानी से पहुंचा जा सके। वैसे भी समाजिक दृष्टिकोण के बिहाब पर देखा जाए तो कुंवर सिंह निषाद समाज के प्रदेश अध्यक्ष है और छतिसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर किसी भी समाज का महत्वपूर्ण भूमिका देखा जाता रहा है। निषाद समाज छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर इससे पहले कभी मजबूत स्थिति में नहीं पहुंच सका है। आज पूरे विधानसभा क्षेत्र में निषाद समाज की एक बड़ी आबादी मौजूद है निषाद समाज से जुड़े हुए गरीब परिवारों के विकास हेतू कुंवर सिंह निषाद हेतू विगत कई वर्षों में अनेक कार्य किए गए हैं। मशलन मछली पालन से जुड़े हुए कार्यों में,ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिये निषाद समाज को साधे रहना जरूरी माना जा रहा है। चूंकि आगे आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव संपन्न होना है। कांग्रेस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी की धार्मिक ऐंजेडा को तहस-नहस करना है। जिसके लिए कांग्रेस पार्टी को छत्तीसगढ़ राज्य की पावन भूमि जंहा की पवित्र धरा को माता कौशल्या का मायका बताया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार माता कौशल्या की इस धाम और रामगमन पथ जैसे धार्मिक स्थलों को जीवंत कर तोड़ सकता है। इन तमाम राजनीतिक गतिविधियों के लिए सफल परिणाम हेतू निषाद समाज की भूमिका अहम होगी इसलिए कुंवर सिंह निषाद की भूमिका आगे आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा।