बालोद : समाजिक बहिष्कार किसी भी मनुष्य के लिए उसकी समाजिक मुल्यो का हनन करने जैसा है। चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी माना गया है, अतः समाज के बैगर मनुष्य का जीवन व्यर्थ ही माना जाएगा। लिहाजा मनुष्य अपने पूरे जीवन काल के दौरान समाज में बने रहने हेतू दुनिया भर के समाजिक चोंचले को झेलते हुए समाज की मुख्यधारा में बने रहने का प्रयास करता है। गौरतलब हो कि मनुष्यों से जाने अनजाने में मानविय गलती हो जाती है। ऐसे में समाज के मध्य बैठे हुए समाजिक ठेकेदारों के द्वारा ज्यादातर मामलों में लोगों को सजा के तौर पर समाजिक बहिष्कार का डर दिखाते हैं। समाजिक डर की अनदेखी करने वाले लोगों के साथ समाजिक ठेकेदार उसी डर का इस्तेमाल करते हुए समाजिक बहिष्कार जैसे असमाजिक गतिविधियों को कई बार अंजाम देते हुए दिखाई देते हैं। विडंबना यह है कि कई बार ऐसे फैसले समाज की गले का हड्डी बनकर उभर आती है जिसके चलते समाज को शर्मशार होना पड़ सकता है। कुछ ऐसे ही समाज को शर्मशार करने वाली घटना की जानकारी छत्तीसगढ़ राज्य के समाज कल्याण विभाग मंत्री अनिला भेड़िया जी की गृह जिले से भी प्राप्त हुई है। जंहा पर बिते कुछ वर्षों के दौरान लगातार समाजिक बहिष्कार हुक्का पानी बंद करने की फरमान से संबंधित घटनाएं घटने की जानकारी मिली है। हैरत की बात यह है कि समाजिक बहिष्कार का दंश झेलने वाले ज्यादातर पिड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगाई है जिसके बावजूद आजतक जिला प्रशासन बालोद छत्तीसगढ़ की ओर से कोई रियायत पहुंचाने का प्रयास नहीं किया गया है। मामले को लेकर हमारे द्वारा भी लगातार जिला प्रशासन बालोद में पदस्थ नौकरशाहो से चर्चा किया गया है। बावजूद इसके समाजिक शोषण और अत्याचार से संबंधित विषयों को लेकर अधिकारियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
समाज कल्याण विभाग मंत्री अनिला भेड़िया की गृह जिला बालोद में प्रसाशानिक अनदेखी के चलते समाजिक मर्यादाओं की खुलेआम लुटी गई आबरू।
▪️जमूहरियत के नाम पर वाहवाही बटोरने में माहिर कांग्रेस नेताओं की मोहब्बत के दुकान में समाजिक नफरत का समान बिल्कुल मुफ्त में▪️
▪️समाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे परिवार में बुजुर्ग महिला की मौत होने पर गांव और समाज से कोई शामिल नहीं होने की सूचना। समाजिक बहिष्कार से पिड़ित परिवार ने जिला प्रशासन को अपनी वेदना और तकलीफों की जानकारी जनदर्शन कार्यक्रम में दिया कुछ महीने पहले ही दिया था
▪️समाज कल्याण विभाग मंत्रालय की जिम्मा अपनी कंधों पर रख कर समाज के भलाई और योजना हेतू कल्याणकारी योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने वाली समाज कल्याण विभाग मंत्रालय छत्तिसगढ़ शासन की वर्तमान केबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया जी की गृह जिला में समाजिक अत्याचार की पाराकाष्ठा चरम पर ▪️
▪️प्रशासनिक अर्कम्य्ंता का जिंदा मिसाल बना छत्तिसगढ़ राज्य की केबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया की गृह जिला बालोद। समाजिक अत्याचार और शोषण पर जारी नंगा नाच को लेकर सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी▪️
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परिणामस्वरूप जिला के गुरूर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पिकरीपार के पितांबर देवांगन को समाज के मुख्यधारा में शामिल होने के लिए एक लाख रुपया दंड चुकाने का दबाव बना हुआ है। वहीं गुण्डरदेही तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मोखा में एक समाजिक क्रुरता का नंगा नाच दिखाई देने की सुचना है। दराशल गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मोखा में शंकर लाल साहू की धर्मपत्नी तिजिया बाई का निधन बिते दिनों हो गया। तिजिया बाई और उनके परिवारजनों को मोखा के ग्रामीणों ने ग्रामीण समाज से बहिष्कृत कर रखा हुआ है। जिसके चलते तिजिया बाई की अंतिम यात्रा तक में शामिल होने पर पांच सौ रुपए दंड ग्रामीणों से लिए जाने का फरमान सुनाया गया है। वंही ग्राम समाज के आदेश की नाफरमानी करने पर ग्राम समाज से बहिष्कार तक किया जा सकता है। ग्रामीण समाज के द्वारा ली गई इस फैसले के चलते तिजिया बाई की अंतिम यात्रा में गांव और ग्रामीण साहू समाज से कोई भी व्यक्ति शामिल नही होने की बात कही जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि समाज के बीच में उपस्थित समाजिक मुल्यो की जिम्मेदारीयो का ठेंका लेकर रखने वाले लोगों की समाजिक नैतिकता ऐसे असमाजिक कृत्यों की ओर क्या रूख बना रहता है। कुछ दिन पहले जिला के गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत पिकरीपार में जिस तरह से समाज की मुख्यधारा में शामिल करने हेतू एक लाख रुपए का दंड लिया गया है उसे देखकर यह लगता है कि जिला में समाजिक रूप से असामाजिक गतिविधियों के तहत अत्याचार करने वाले लोगों को शासन और प्रशासन बढ़ावा दे रहा है, जबकि यह कानूनी रूप से बिलकुल ठीक नहीं है।