बालोद : बालोद जिले की संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी विगत एक दशक से भी अधिक समय से अंदरूनी अंतकलह और गुटबाजी को झेलते हुए आज फिर उसी मुहाने पर खड़ी हुई नजर आ रही है जिस मुहाने के दरवाज़े पर पहुंचने के बाद भाजपा औंधे मुंह गिर जाती है। इससे पहले लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में पार्टी को संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में बुरी तरह से हार का मुंह तक देखना पड़ा है। बावजूद इसके भाजपाई नेता अपनी अंदरूनी अंतकलह से पार्टी को उबारने की बजाए पार्टी की लुटिया डूबोने पर तुले हुए बताए जा रहे हैं। वैसे वर्तमान समय के दौरान भाजपा का वजूद दूसरे राजनीतिक दलों की लुटिया डूबोने हेतू पहचाना जाता है। महाराष्ट्र में शिवसेना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में इसके उल्ट भाजपाई नेता अपने ही पार्टी की लुटिया डुबोने के लिए तैयार बताये जा रहे हैं। यह निश्चित रूप से यह भारतीय जनता पार्टी के चिंता का विषय है। ऐसे में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है जबकि बालोद जिले के अंदर मौजूद ज्यादातर भाजपाई अपनी अंदरूनी अंतकलह से जूझ रहे है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि अनुशासन प्रिय राजनीतिक दल होने का दम भरने वाली भाजपाई नेताओं को संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में अनुशासनहिनता क्यों नजर नहीं आता है। बहरहाल आपसी गुटबाजी और अंदरूनी अंतकलह से बदनाम हो चुकी भारतीय जनता पार्टी एक फिर परिवार को समेटते हुए संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रणभूमि गुरूर नगर पंचायत मुख्यालय में आज नगर पंचायत गुरूर के द्वारा कथित रूप से स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा की सरपरस्ती और अधिकारियों की जी हुजूरी में बन रही अवैध काम्प्लेक्स निर्माण कार्य को लेकर विरोध प्रदर्शन व चक्का जाम करेंगे।
मौजूदा कांग्रेस पार्टी की सरकार के इस पूरे कार्यकाल के दौरान यह पहली दफा है जब जिला भाजपा की ओर से स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा को लेकर भाजपा के द्वारा किसी भी तरह की विरोध प्रदर्शन को अमलीजामा पहनाने हेतू भाजपा आज दिखाई दे रही है,जबकि बिते कई वर्षों में भाजपा को ऐसे कई मौके मिले हैं, जंहा पर भाजपा खामोश बैठकर सट्टा पट्टी के सहारे राजनीतिक किस्मत आजमाते देखें गए हैं। ऐसे में भाजपा की इस विरोध प्रदर्शन पर सबकी निगाहें बनी हुई है। वैसे भी नगर पंचायत गुरूर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से विवादों में घिरी हुई है। लोगों की मानें तो नगर पंचायत गुरूर कार्यालय में पदस्थ रह चुके या पदस्थ रहने वाले अधिकारी और विपक्षी नेता स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा और उनके चेले चपाटों की दखलांदाजी से परेशान हो चुके है। नगर पंचायत गुरूर में कांग्रेसी नेताओं का सिक्का चल रहा है,वह भी मनमाने तरीके से। स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के नेता नियमों के विपरित जाकर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। जिसके चलते नगर पंचायत गुरूर में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने अपने ही पार्टी की अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को स्वार्थ सिद्धि प्रयोजन और मनमानी के चलते बलिदान कर दिया है जब से टिकेश्वरी साहू को नगर पंचायत गुरूर से साजिश के तहत हटाया गया है तब से कांग्रेसी नेताओं की मनमानी बढ़ गई है। जिसके चलते नगर पंचायत गुरूर के गलियों में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पसरा हुआ है।