


दरअसल डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के अंतिम सीमा छोर में बसे गांव पिपरखार (ख) में मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया का दौरा कार्यक्रम था जिसमे पिपरखार पंचायत क्षेत्र के ग्राम गोटीटोला में उचित मूल्य की दुकान व पिपरखार में सामुदायिक भवन का भूमिपूजन मंत्री के हाथों होना था लेकिन मंत्री अनिला भेड़िया जैसे ही उचित मूल्य की दुकान निर्माण का भूमिपूजन करने के बाद पिपरखार पहुंची व सामुदायिक भवन निर्माण हेतु भूमिपूजन करने वाली थी उसी समय नाराज ग्रामीण कार्यक्रम स्थल में पहुंचे व मंत्री के समक्ष स्थानीय विषयों को लेकर नाराजगी व्यक्त की व ग्रामीणों के विरोध के चलते मंत्री अनिला भेड़िया कार्यक्रम को छोड़कर वापस लौटना पड़ गया।
उचित मूल्य दुकान का मामला –सूत्रों की माने तो पिपरखार के ग्रामीण लम्बे समय से ग्राम में उचित मूल्य की दुकान खोलने की मांग कर रहे थे। लेकिन दुकान निर्माण हेतु भूमिपूजन पास में लगे दूसरे ग्राम गोटीटोला में कर दिया गया जिससे ग्रामीणों में नाराजगी व गुस्सा व्याप्त हो गया है। गांव में पहुंची मंत्री के सामने ग्रामीणों ने इस बात को लेकर कड़ा विरोध जताया व मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की जिससे ग्रामीणों के इस व्यवहार को लेकर मंत्री आग बबूला हो गई और कार्यक्रम को अधूरा छोड़कर वापस लौट गई जबकि उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह नाराज जनता के समक्ष मोहब्बत की दुकान खोल कर बैठे।
इससे पहले मंत्री महोदया राहुल गांधी के रैली में जाकर मोहब्बत की दुकानदारी खोलने की बात पर हांमी भरते हुए दिखाई दी थीं, लेकिन जब असल मायने में मोहब्बत की दुकानदारी खोलने की बात आई तो मंत्री महोदया का इस तरह से भाग खड़ी हो जाना कांग्रेस पार्टी की दुकानदारी पर गहरा सवाल खड़ा करती है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अंदर मौजूद तमाम नेताओं को मोहब्बत की दुकानदारी चलाने पहले से मोहब्बत की असली परिभाषा सिख लेना चाहिए ताकि जनता उन्हें दुकान सौंपने से पहले जनता उनकी दुकानदारी पर फिदा हो सकें। मामले को कांग्रेस पार्टी से जुड़े जानकारों का कहना है कि उनके प्रतिनिधि के कारण मंत्री महोदया की छवि विधानसभा क्षेत्र में धूमिल हो रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव में मंत्री अनिला भेंडिया को टिकट मिलना भी मुश्किल है। विधानसभा क्षेत्र में मंत्री महोदया की छवि धूमिल हो चुकी है। मंत्री महोदया को चंद चाटुकारों की बात ज्यादा पसंद है,जो अपनी छवि चमकाने इस तरह का कृत्य कर रहे है। ऐसे मामले एक नही बल्कि बहुत सारे है, जिसपर कार्य करने में मंत्री महोदया विफल रही है। चाहे क्षेत्र के ग्राम अरजपुरी के पोल्ट्री फार्म का मुद्दा हो, चाहे रेंगडबरी में केंद्रीय बैंक का हो, चाहे डौंडीलोहारा मुख्य मार्ग में रोड चौड़ीकरण का हो, दल्लीराजहरा में भी उचित मूल्य की दुकान को लेकर विरोध हो रहा है, चाहे क्षेत्र में शिक्षको की कमी का हो, इनके विधानसभा क्षेत्र ने सड़को का बुरा हाल हो, इनके ही विभाग से जुड़ी आंगनबाड़ी का हो, जिसके छत से टाइल्स गिरने की वजह से मासूम बच्चों को लगी चोट का हो, खुद महिला एवं बाल विकास मंत्री के क्षेत्र में एक नवविवाहित महिला को बारहवी कक्षा में प्रवेश नही मिलने का मामला भी है, जिसमे एक महिला को पढ़ाई से वंचित रखा गया।