गुरुर/तार्री:-छत्तीसगढ़ की महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी हर जिले में गौठान के माध्यम से संचालित एक बेहतरीन योजना के रूप में अपना अलग ही पहचान बना चुका है। जहां पशुओं का सरंक्षण संवर्धन के लिए बेहतरीन आश्रय स्थल व शेड निर्माण कर पानी से लेकर चारे की उत्तम व्यवस्था किया गया है। गाय एवं भैस की उच्च नस्ल पैदा करने के लिए गौठान में कृत्रिम गर्भाधारण की सुविधा प्रदान किया जा रहा है। पशुओं की देख रेख के लिए ग्रामीण व पंचायत स्तर में चरवाहे का भी व्यवस्था किया गया है, जिसके चलते घुमन्तु और फसलो को नुकसान पहुचाने वाले पशुओं में कमी आई है।
ऐसे ही गुरुर जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तार्री का गौठान अपने आप मे कुछ अलग ही पहचान का परचम लहरा रहे है। जहाँ पर समूह की महिलाओं द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण कर सेवा सहकारी समिति के माध्यम से वर्मी खाद को किसानों को बेचा जाता है। जिससे फसलो की पैदावारी में बढ़ोतरी के साथ साथ जमीन भी अब रासायनिक मुक्त होने लगी है। गौठान में लगे छायादार पेड़ पौधों की नियमित देखरेख किया जाता है।समूह की महिलाएं गौठान में एलोवेरा औषधियुक्त पौधा के साथ साग सब्जियों का भरपूर उत्पादन कर समूह में आमदनी का अच्छा स्रोत बन चुका है। ग्राम पंचायत तार्री का गौठान नेशनल हाईवे 930 से बिल्कुल लगा हुआ है।जिसके कारण कभी कभी अधिकारियों की टोली भी अचानक पहुँच जाती है। इस गौठान की सुंदरता रास्ते से गुजरने वाले लोगो का ध्यानाकर्षित करते है। ग्राम पंचायत तार्री की सरपंच राजकुमारी टंडन ने बताया कि गौठान में किसी भी तरह की समस्या अभी तक देखने को नही मिला है पशुओं का विशेष ध्यान रखा जाता है खाने के लिए चारा पीने के लिए पानी टंकी (कोटने) की नियमित साफ सफाई पर सतत निगरानी करते रहते है, और गौठान की सदस्यों को भी सचेत करते हुए सभी सदस्यों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने हेतु प्रेरित करते रहते है।

समूह की महिलाएं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। गौठान से लगे तालाब में विगत वर्ष से समूह की महिलाएं मछली पालन कर रहे है। मछली पालन करने के लिए मत्स्य विभाग से उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिसके चलते सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।
शारदा स्व सहायता समूह की भूमिका निभाने वाली महिलाएं अब आत्मनिर्भर और स्वालम्बी बन रही है। राज्य सरकार द्वारा गौठानो में बहुत सारी योजनाए संचालित कि जा रही है, गोबर खरीदी की शुरुआत जब से हुआ है, तब से गोबर की उपयोगिता और खरीदी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिला है। गौठान में कुछ भी नया योजना लागू होने से पहले समूह की प्रत्येक सदस्यों को पीआरपी द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसके कारण समूह की महिलाएं अपने आप मे सुदृढ़ और आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है।