जगह जगह सुहागिन महिलाओं ने रखा वट सावित्री का व्रत ...वही मुजगहन ग्राम में भी महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु आयु के लिए रखा व्रत

धमतरी :- धमतरी के मुजगहन ग्राम में हर साल ज्‍येष्‍ठ मास की अमावस्‍या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है, इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। बरगद के वृक्ष को वट वृक्ष भी कहा जाता है। साथ ही सत्‍यवान और सावित्री की कथा पढ़ी जाती है। इसलिए इस दिन को वट अमावस्‍या, बड़ अमावस्‍या और वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है, आज 19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा गया। वट सावित्री व्रत के दिन बरगद की पूजा की जाती है, साथ ही बरगद की परिक्रमा करके सात बार सूत का धागा लपेटा जाता है और वृक्ष के नीचे सत्‍यवान सावित्री की कथा पढ़ी जाती है‌। इसका कारण है कि हिंदू धर्म में वट वृक्ष को पीपल की तरह ही पूज्‍यनीय माना गया है, इस वृक्ष की आयु बहुत लंबी होती है, इस कारण इस वृक्ष को अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है। ऐसे में सुहागिन महिलाएं इस वृक्ष की पूजा करके और वृक्ष के नीचे सत्‍यवान और सावित्री की कथा पढ़कर ये प्रार्थना करती हैं कि बरगद के पेड़ की तरह उनके पति को भी दीर्घायु मिले और जिस तरह सावित्री ने अपने पति और उसके परिवार के सभी संकटों को चतुराई से दूर कर दिया था, उसी तरह हम सभी के परिवार से भी संकट दूर हों। बरगद में सात बार सूत लपेट कर हर महिला ये प्रार्थना करती है कि उसका पति के साथ सात जन्मों तक संबन्‍ध रहे और जीवन सुख और समृद्धि से बीते। जिस व्रत पूजा में सुहागिन महिलाएं सुबह उठकर स्‍नानादि करने के बाद व्रत का संकल्‍प लें, वट वृक्ष के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति स्थापित कर। वट वृक्ष की जड़ में जल डालते हैं। रोली, अक्षत, पुष्‍प, धूप-दीप से वट वृक्ष की पूजा कर। भोग के तौर पर प्रसाद अर्पित कर और वृक्ष के नीचे बैठकर सत्‍यवान और सावित्री की कथा पढ़ें या सुनाते हैं इसके बाद बरगद के वृक्ष की सात बार परिक्रमा करते हुए कच्‍चा सूत लपेट कर और यमराज से प्रार्थना कर कि जिस तरह उन्‍होंने सावित्री के जीवन के सारे दुख दूर किए उसी तरह हमारे जीवन के भी दुख दूर करें. साथ ही पति को बरगद के वृक्ष की तरह दीर्घायु प्रदान करें। पूजा के बाद बड़ों का आशीर्वाद लेकर व्रत का पारण किया जाता है। वही ग्राम मुजगहन में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत रख पूजा अर्चना की जिस पूजा अर्चना में रेणुका गोस्वामी, पूजा गोस्वामी, बिंदिया, केसर आदि महिलाएं सम्मिलित हुई।