रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिते कल छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा में बजट सत्र के दौरान धमाकेदार बजट प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी की सरकार का यह विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अंतिम बजट था। इस बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने लगभग सभी क्षेत्रों को छूने का प्रयास किया है। इसका मतलब यह नहीं है कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अपनी धमाकेदार बजट से राज्य में मौजूद सभी नागरिकों का दिल जीत लिया है, और यह भी सही नहीं है कि मौजूदा सरकार ने सभी क्षेत्रों को शामिल करने हेतू प्रयास नहीं किया है। अब सभी की अपेक्षाओ को पूरा करना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है, लेकिन जो भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बजट के माध्यम से करने की मंशा जाहिर की है, वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है। अतः यह बजट मिला जुला और ठीक ठाक बजट माना जा राहा है। लगभग हर क्षेत्र से जुड़े हुए लोग सरकार के द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट को सराह रहे है। हालांकि कुछ लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा प्रस्तुत इस बजट को सरकार की होली गिफ्ट के तौर पर भी देख रहे हैं, लेकिन सरकार में शामिल कुछ विधायकों और कांग्रेसी नेताओं को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जबदस्ती की होली गिफ्ट पकड़ाने पर तुली नजर आ रही है। ईडी के इस कार्यवाही को लेकर राज्य सरकार और कांग्रेसी नेता भड़क गए हैं, चूंकि छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग व कोल परिवहन में अवैध लेवी के मामले पर विगत कई महीनों से धर पकड़ मचा रखी है। ऐसे में सोमवार की तड़के ईडी ने एक बार फिर होली के अवसर पर खनिज निगम के अध्यक्ष गिरिश देवांगन से राजधानी रायपुर में पुजारी पार्क स्थित ईडी दफ्तर में दिनभर पुछताछ करने हेतू घंटों बिठाकर रखने की खबर है। वंही कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 7 मार्च के दिन पूछताछ के लिए तलब करने की भी जानकारी मिली है। इधर ईडी के स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में जेल में बंद राजेश चौधरी के जमानत आवेदन और अन्य आरोपियों से जेल में पूछताछ के मामले पर सुनवाई होने की खबर है। सुनवाई में ईडी के स्पेशल जज ने चौधरी को जमानत देने से इंकार करने की जानकारी प्राप्त हुई है। वंही जेल में बंद अन्य और भी आरोपियों को लेकर लगाई गई अर्जी पर एक अप्रैल को सुनवाई होने की बात कही जा रही है। विदित हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवर्तन निदेशालय की कई टिम कोल परिवहन से जुड़े अवैध लेवी मामले को लेकर काफी दिनों पहले से जांच कर रही है। जांच के दौरान ईडी के निशाने पर राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक तक घिरे हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ईडी की कार्यवाही को राजनीति साजिश का करार देते हुए पाक साफ होने का दम भर रही है, वंही विपक्षी राजनीतिक दल ईडी की कार्रवाई पर सरकार की बयानबाजी को झूठ का पुलिंदा बता रही हैं। अब देखना यह है कि मौजूदा सरकार विधानसभा चुनाव से पूर्व ईडी की इस कार्यवाही को अपनी बयान के मुताबिक सही खाने में बिठा पाने में सफल हो पाती है की नहीं, हालांकि कांग्रेसी नेताओं और विधायकों से पूछताछ पर कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकता आगबबूला होते हुए देखे गए है, लेकिन तमतमाये कांग्रेसी नेताओं की हूजूम क्या ईडी की कार्यवाही को बाधित कर पायेगी यह एक बड़ा सवाल है।
रंग में भंग
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिते कल छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा में बजट सत्र के दौरान धमाकेदार बजट प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी की सरकार का यह विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अंतिम बजट था। इस बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने लगभग सभी क्षेत्रों को छूने का प्रयास किया है। इसका मतलब यह नहीं है कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अपनी धमाकेदार बजट से राज्य में मौजूद सभी नागरिकों का दिल जीत लिया है, और यह भी सही नहीं है कि मौजूदा सरकार ने सभी क्षेत्रों को शामिल करने हेतू प्रयास नहीं किया है। अब सभी की अपेक्षाओ को पूरा करना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है, लेकिन जो भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बजट के माध्यम से करने की मंशा जाहिर की है, वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है। अतः यह बजट मिला जुला और ठीक ठाक बजट माना जा राहा है। लगभग हर क्षेत्र से जुड़े हुए लोग सरकार के द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट को सराह रहे है। हालांकि कुछ लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा प्रस्तुत इस बजट को सरकार की होली गिफ्ट के तौर पर भी देख रहे हैं, लेकिन सरकार में शामिल कुछ विधायकों और कांग्रेसी नेताओं को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जबदस्ती की होली गिफ्ट पकड़ाने पर तुली नजर आ रही है। ईडी के इस कार्यवाही को लेकर राज्य सरकार और कांग्रेसी नेता भड़क गए हैं, चूंकि छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग व कोल परिवहन में अवैध लेवी के मामले पर विगत कई महीनों से धर पकड़ मचा रखी है। ऐसे में सोमवार की तड़के ईडी ने एक बार फिर होली के अवसर पर खनिज निगम के अध्यक्ष गिरिश देवांगन से राजधानी रायपुर में पुजारी पार्क स्थित ईडी दफ्तर में दिनभर पुछताछ करने हेतू घंटों बिठाकर रखने की खबर है। वंही कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 7 मार्च के दिन पूछताछ के लिए तलब करने की भी जानकारी मिली है। इधर ईडी के स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में जेल में बंद राजेश चौधरी के जमानत आवेदन और अन्य आरोपियों से जेल में पूछताछ के मामले पर सुनवाई होने की खबर है। सुनवाई में ईडी के स्पेशल जज ने चौधरी को जमानत देने से इंकार करने की जानकारी प्राप्त हुई है। वंही जेल में बंद अन्य और भी आरोपियों को लेकर लगाई गई अर्जी पर एक अप्रैल को सुनवाई होने की बात कही जा रही है। विदित हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवर्तन निदेशालय की कई टिम कोल परिवहन से जुड़े अवैध लेवी मामले को लेकर काफी दिनों पहले से जांच कर रही है। जांच के दौरान ईडी के निशाने पर राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक तक घिरे हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ईडी की कार्यवाही को राजनीति साजिश का करार देते हुए पाक साफ होने का दम भर रही है, वंही विपक्षी राजनीतिक दल ईडी की कार्रवाई पर सरकार की बयानबाजी को झूठ का पुलिंदा बता रही हैं। अब देखना यह है कि मौजूदा सरकार विधानसभा चुनाव से पूर्व ईडी की इस कार्यवाही को अपनी बयान के मुताबिक सही खाने में बिठा पाने में सफल हो पाती है की नहीं, हालांकि कांग्रेसी नेताओं और विधायकों से पूछताछ पर कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकता आगबबूला होते हुए देखे गए है, लेकिन तमतमाये कांग्रेसी नेताओं की हूजूम क्या ईडी की कार्यवाही को बाधित कर पायेगी यह एक बड़ा सवाल है।