गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट देने की फैली अफवाह।
रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिसे लेकर सभी राजनितिक पार्टियां अपने-अपने तैयारियों में लग गई है। राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी अपनी सियासी मोहरे को तय जगह में फिट करने की जुगत में इन दिनों जोर शोर से दमखम अजमा रहे हैं। सियासी पंडितों की मानें तो कांग्रेस पार्टी की सरकार ने राज्य की सियासी सरजमीं पर कई काम भाजपा के विचारधारा से भी बेहतर कर दिखाया है। जिसके चलते मौजूदा सरकार की सत्ता में वापसी तय मानी जा रही है,लेकिन जिन जगहों पर सत्ताधारी विधायकों का प्रदर्शन उम्मीद से ज्यादा खराब है। उन जगहों पर कांग्रेस पार्टी की सरकार अपनी पकड़ मजबूत करने हेतू क्या प्रयास कर रही है? क्या विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी नया चेहरों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही ? जंहा पर सरकार की इकबाल कम है। उन जगहों पर कांग्रेस पार्टी का नया चेहरा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कौन होगा? चूंकि जूमा जूमा कुछ दिन पहले राज्य के खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने मिडिया में बयान जारी कर बकायदा कांग्रेस पार्टी की 70 प्लस की आंकड़ा को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इस बार कमजोर प्रदर्शन वाले 35 प्रतिशत विधायकों के टिकट कट सकते हैं। विधायकों की परफॉर्मेंस के अनुसार कुंडली तैयार हो रही है। जरा सोंचिए एक ओर जहां विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व सत्ता धारी राजनीतिक दल के नेता, मंत्री स्वंय बयान जारी कर सत्ता धारी राजनीतिक दल के 35 प्रतिशत विधायको के प्रर्दशन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। वंही दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सरकार में बतौर मुखिया भूपेश बघेल और उनकी तमाम कांग्रेसी सेना दोबारा सत्ता में वापसी का बाट जोह रहे हैं। आखिरकार जब सरकार के नेता ही अपने पार्टी के 35 प्रतिशत विधायको की काम को उम्मीद से ज्यादा बेहतर नहीं बता रहे हैं,तो 35% प्रतिशत विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने वाले मतदाता सरकार के काम से क्या खाक संतुष्ट होंगे। निश्चित रूप से यह बड़ा सवाल है और इस सवाल की सनक सरकार के मन में भी निश्चित रूप से कंही ना कंही गुंज रही होगी। हालांकि सरकार अपनी ओर से जो भी खाई बनी हुई है,या बनी हुई बताई जा रही है। उसे पाटने की कवायद में लगी हुई है। इस बीच यह भी खबर है कि जिन विधायकों के पर्फार्मेंस जमीनी स्तर पर जीरो बट्टा सन्नाटा बना हुआ है। उन विधायकों के मन में टिकट छिन जाने का डर बना हुआ है। जानकारों की मानें तो छत्तिसगढ़ राज्य में मौजूदा सत्ता धारी राजनीतिक दल के विधायकों और मंत्रियों में से कई ऐसे नाम हैं, जिनका टिकट कटना तय माना जा राहा है। हालांकि जानकार यह भी बताते हैं, कि इस बार कांग्रेस पार्टी अपने पुराने नेताओं को उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र से बाहर टिकट दे सकते है। वंही कुछ विधायक जो लगातार दो बार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं उनको भी इस बार टिकट की रेस से बाहर किया जा सकता है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को लेकर भी कुछ दिन पहले अफवाह फैला हुआ था। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की बात फैली अफवाह में कहीं गई थी वजह यह भी बताया गया था कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू स्वंय के विधानसभा क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान लड़खड़ा सकते हैं। यानी कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विधानसभा क्षेत्र में उनकी खुद की छवि चुनाव जीतने की नहीं रही है। वंही संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक की स्थिति भी कुछ इसी तरह से है बनी हुई है। हालांकि इस अफवाह का असली सच क्या है यह सामने अभी तक नहीं आया है, लेकिन यह भी सत्य है कि बालोद जिला के सभी विधानसभा सिट कांग्रेस पार्टी के लिए आगामी विधानसभा के दौरान एक बड़ी चुनौती बनकर साबित होगी। जिला के तीन विधानसभा क्षेत्रों में सभी के सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के, बकायदा सभी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बंम्पर वोट हासिल किया था। किसी ने पचास हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाया है तो किसी की मिठी बोली बोलकर दिल जीता है। अब ऐसे में यह बात चिंतन करने वाली है कि ऐसा क्या हो गया कि सरकार के पांच साल पूरा होने के पहले ही इस तरह अफवाहों का बाजार गर्म है।