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हाय राम कांग्रेसीयो के भी गोदी मिडिया है!


 बालोद : कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी में मौजूद लगभग सभी सफेद वर्दीधारी नेता इन दिनों मिडिया की दयनीय स्थिति पर तमतमाये हुए है। कांग्रेस पार्टी देश की मुख्य विपक्षी राजनीतिक पार्टी है। ऐसे में उनकी बातों को तव्वजो देना शायद मिडिया का कर्तव्य होना चाहिए, यह शायद पार्टी की सोंच है "लेकिन मिडिया पार्टी की बातों को तवज्जो देना छोड़ कर नमो राग अलापने में तल्लीनता से जुटी हुई है,! और यही कांग्रेसीयो की दुख का मुख्य कारण है, मिडिया को लेकर, जिसके चलते गोदी मिडिया शब्द का चलन भारत गणराज्य में शायद वजूद में आया है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को जनता तक पहुंचाने की बजाए मिडिया नमो राग का धुन जोड़कर एक अलग राग जनता के मध्य प्रस्तुत कर रही है। प्रस्तुत की जाने वाली राग और धुन से सरकार की पक्ष को और ज्यादा लाभ दिया रही है,जबकि कांग्रेस पार्टी की बात जो जनता तक पहुंचनी चाहिए वह पहुंचने से पहले दम तोड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी क्या, कोई भी साधारण से साधारण व्यक्ति बौखला जायेगा, इसमें कांग्रेस पार्टी वाली कोई बात नहीं है। वैसे भी देश के ज्यादातर हिस्सों में मौजूद सियासी राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी की सूर में इन दिनों सुर मिलाते हुए देखे जा रहे हैं। निश्चित तौर पर यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का हनन माना जा सकता है,"और शायद इसलिए कांग्रेस पार्टी जगह जगह देश में मिडिया की गुलामी का दुहाई छाती पिट पिट कर देने में जुटी हुई गाहे बगाहे नजर आ रही है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में मिडिया का स्वतंत्र होना अति आवश्यक माना जाता है, चूंकि भारत में मिडिया की स्थति पहले से ही ठीक नहीं है। ऐसे में क्या भाजपा की सरकार और क्या कांग्रेस की सरकार सब के सब मिडिया को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने हेतू आतूर है,यह डंके की चोंट कहा जा सकता है।

आज कांग्रेस पार्टी केंद्र में उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा राहा है जो कि जनहित में उनके द्वारा उठाए जा रहे हैं। इसलिए गंभीर अवस्था में कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर नेता भी आवाज बुलंद करने हेतू सड़क पर उतरने के लिए दौड़े चले आ रहे हैं,जबकि यही नेता यहां तक भूल गए है, कि मिडिया का मुंह बंद का रिवाज जो बकायदा आज चलन में है, और जिसकी जलन कांग्रेस पार्टी को महसूस हो रही है। दरअसल यह चलन कांग्रेस पार्टी ने ही देश में लांच किया था, और आज भी जंहा जंहा पर कांग्रेस पार्टी की सरकार धरातल पर मौजूद है, वंहा वंहा पर मिडिया की स्थति ज्यादा कुछ अच्छा नहीं है। हालांकि राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता केन्द्र में मौजूद भाजपा सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने का आरोप लगाते हुए मिडिया की अनदेखी पर भी तिखे कटाक्ष करते हुए देखे जाते हैं। ज्यादातर कांग्रेसी नेताओं की बातों को अनसुना करने पर मिडिया संस्थान से जुड़े मिडिया कर्मियों को गोदी मिडिया की उलाहना देते हुए नजर आते हैं, जबकि कई मिडिया कर्मियों का किसी कारपोरेट जगत से कोई लेना-देना नहीं है। यंहा तक कांग्रेस पार्टी के नेताओं से संबंधित खबर प्रकाशित करने पर भी गाली गलौज आम बात है। केन्द्र सरकार पर गोदी मिडिया से संबंधित विषयों को लेकर लगाई जा रही आरोप कई मायनों में लोगों सही भी नजर आ रही है यह अलग बात है, लेकिन जंहा कांग्रेस पार्टी की सरकार है,और उनके पार्टी की सरकार रहने के दौरान मिडिया को कुचलने और दफन करने की दौर खुलेआम जारी हो वंहा पर क्या? राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के लगभग सभी नेता छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में मिडिया की बर्बरता पर गाल क्यों फूला लेते हैं? क्या छत्तीसगढ़ राज्य में कार्यरत मिडिया संस्थान जो सरकार की जनविरोधी नीतियों पर कलम चलाती है,वह भी उनके नजर में गोदी मिडिया है,और जो सरकारी विज्ञापन के जरिए अखबारों के पेजों में आए दिन कांग्रेसी नेताओं के तस्वीर छाप कर विज्ञापनों में पैसा कमा रहे हैं वे कौन है? छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्य में मौजूद सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़े बड़े वादे और इरादे जाहिर किया था मिडिया कर्मियों को लेकर, लेकिन हकीकत के धरातल पर जीरो बट्टा सन्नाटा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वंय खुद राज्य में मौजूद मिडिया की दुर्दशा को लेकर सत्ता में काबिज होने से पहले गिड़गिड़ाते हुए नजर आते थे,लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गिड़गिड़ाते हुए पत्रकारों की दुर्दशा को झांकने हेतू कभी कुर्सी से नीचे उतरने का जहमत नहीं किया है। अलबत्ता सरकार और मुख्यमंत्री खुद  कुछ अनुभवी मिडिया कर्मियों को लेकर अपनी डफली अपना राग अलापते हुए नजर आ जाते हैं। खैर जो भी हो सरकार जब खुद की हो तो सब ठीक हो, यही सबकी सोच और विचार रहती है, और यही सोच विचार के चलते सरकार कई बार खाई में गिरती हैं, क्योंकि सब ठीक है यह बताने वाला मिडिया है, और मिडिया तो सरकार के पास मौजूद है। अब किस हाल में मौजूद हैं और मौजूद मिडिया सरकार को किस हद तक सब ठीक होने की जानकारी बता रहे है। यह भी एक सवाल है..... विनोद नेताम।

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