गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू करेंगे बालोद जिला अंतर्गत दो नवीन थाना का उद्घाटन।
बालोद/गुरूर :- भगवत गीता का श्लोक “परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥” छत्तीसगढ़ पुलिस का आदर्श वाक्य भी “परित्राणाय साधूनां” इसी श्लोक से लिया गया है "जिसका अर्थ होता है, सज्जनों की रक्षा करना। सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए पुलिस विभाग निरन्तर प्रयत्नशील है। अच्छे समाज की कल्पना वैसे भी बगैर पुलिस बल के नही किया जा सकता। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ पुलिस बल द्वारा भी समाज की बेहतरी हेतू अनेकानेक पहल जनता के करीब रह कर किया जा रहा है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस के प्रयास का लाभ आम जनता को किस आधार पर उपलब्ध हो राहा है यह एक बड़ा सवाल है। चूंकि आज से कुछ वर्ष पहले छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय और सम्मानिय गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बालोद जिला के राजनीतिक रणभूमि गुरूर में नवीन थाना भवन का उद्घाटन अपने करकमलों से करते बख्त खुद के मुखारविंद से जुंआ, सट्टा,और शराब पर सख्ती से पाबंदी की बात गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने स्वंय कहा था साथ ही पांबदी पर ध्यान नहीं देने वाले महकमा के गैरजिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारीयों पर बकायदा कार्यवाही तक करने की बात उनके मुखारविंद से लोगों को सुनने को मिला था, लेकिन अरसा बीत जाने के बाद आज बालोद जिला के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रणभूमि का यह पवित्र सरजंमी जुंआ, सट्टा और शराब का गढ़ बनकर इतिहास के सुनहरे अक्षरों में नाम दर्ज करा चुका है। इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस महकमा के जिम्मेदार अधिकारीयों और कर्मचारीयों ने इस समाजिक अपराध को रोकने का प्रयास ही नहीं किया है। निश्चित तौर पर बालोद पुलिस महकमा के अधिकारी और कर्मचारी दिन रात मेहनत और पसीने अपराध मुक्त समाज और जिला बनाने की कोशिश में ईमानदारी से जुटे हुए थे और जुटे हुए हैं। जिला के लगभग हर थाना क्षेत्र में पदस्थ पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस अपराध को रोकने में समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान अर्पित किया है। हर थाना क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों के दौरान जिस तरह से इन अपराधिक गतिविधियों को खत्म करने हेतू लगातार अभियान चलाया गया और इस अभियान में जो सफलता प्राप्त हुई है।
वह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है। हालांकि जानकार इसे महज छोटी मछली का शिकार मनाते हैं। जिसके बावजूद जुंआ, सट्टा,और शराब के विषय में पुलिस विभाग को मिल रही जबदस्त कामयाबी जो आये दिन अखबारों की सुर्खियां बनकर जिला वासियों को पढ़ने मिलता है। निश्चित रूप से महकमा मेहनत कर राहा है,तभी महकमा के सर कामयाबी ताज जमकर चढ़ बोल राहा है और तभी अखबारों में खबर छप रही है। शायद इसी कामयाबी के चलते हो सकता है, बालोद जिला वासियों को छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय और सम्मानिय गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू दो और थाना का सौगात भेंट दिया है। सरकार की नया थाना प्रारंभ करने के पीछे मंशा आम नागरिकों तक सूरक्षा की भावना को महसूस करना है। अथवा नया थाना के आड़ में फिर से नया सट्टा साम्राज्य स्थापित करना है यह तो समय ही तय करेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजनीतिक रण भूमि के नाम से मशहूर गुरूर विकासखंड क्षेत्र की यह पावन धरा' जंहा से जिवनदायनी मां खारून की पवित्र जलधारा का उद्गम होती है। विगत कुछ वर्षों से यह पवित्र भूमि अवैध सट्टा कारोबार, अवैध शराब सहित अवैध जुंआ संचालित करने का हब बन गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक को उनके भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के दौरान इस काले कारनामों की शिकायत लोगो के माध्यम से मिली थी। बहरहाल इस क्षेत्र के दो अहम ग्राम पंचायतों में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने नवीन थाना खोलने का फैसला किया है। जिसके उद्घाटन में एक पुनः राज्य के यशश्वी और सम्मानिय गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू देखें गए हैं बिलकुल गुरूर नवीन थाना भवन उद्घाटन समारोह के माफिक।
"महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी ने विगत कुछ माह पहले एक सभा में देश के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में नया जेल बनाए पर जताई थी कड़ी आपत्ति। जाहिर है नया जेल बनेगा तो नया थाना क्षेत्र का भी निर्माण होगा। इस सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित कानून मंत्री और अन्य जाने-माने हस्ति विराजमान थे। इस दौरान महामहिम ने पिछड़े हुए राज्यों की जेल में मौजूद कैदियों का हवाला देते हुए समाज को अपराध मुक्त माहौल बनाने पर बल दिया था, साथ ही जेलों में वर्षों से बंद कैदियों की कानूनी अधिकारों को लेकर सवाल भी किया। कुछ दिन पहले एक जानकारी सामने आई है जिसमें यह बताया गया है कि देश के ज्यादातर जेलों में पिछड़े और गरीब तबके से जुड़े हुए लोग बंद है। महामहिम ने उड़ीसा और झारखंड राज्य का इस दौरान ज्रिक भी किया है। वैसे छत्तीसगढ़ राज्य के यह दोनों राज्य पड़ोसी है और इन दोनों राज्यों से छत्तीसगढ़ राज्य की आबोहवा बहुत कुछ मिलता-जुलता है। छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर विगत कई वर्षों से राज्य सरकारे नये नये थानो और नये नये जेलों का निर्माण कर रही है। जबकि नया थाना खोले जाने को लेकर बस्तर संभाग में जगह-जगह विरोध में प्रदर्शन भी कर रहे है। हालांकि बालोद जिला जैसी मैदानी क्षेत्र में बस्तर संभाग की तरह नया थाना को लेकर कोई वाद विवाद नहीं है। लेकिन थाना के नाम पर यंहा के लोगों में भी ज्यादा कुछ खुशी देखने को नहीं मिलती है यह भी स्पष्ट है। लोगों की मानें तो छत्तीसगढ़ राज्य में मूल आवश्यकताओं के विपरित सरकार पुलिस के जरिए कार्य कर रही है चाहे वह कोई भी जगह हो। राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुरूर नवीन थाना भवन उद्घाटन के दौरान जो बयान दिया था या फिर जनहितैषी सरकार की मंशा जो इस वक्त मौजूद बताई जाती है तमाम कांग्रेसी नेताओं की ओर से उसके उलट विगत कई सालों में लोगों को देखने व सुनने को मिला है कम-से-कम संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रणभूमि में। वंही राज्य के समूचे भूभाग में अवैध कारोबार और अपराधिक मामले पुलिस विभाग की मौजूदगी के बावजूद हो रही है यह भी कटू सत्य है। जिसमें बालोद जिला के विषय में भी बहुत कुछ कहा व सुना जाता राहा है। अब देखना यह है कि बालोद जिला में दो अतिरिक्त थाना बनने के बाद लोगों की इस सोच में क्या बदलाव आ पायेगा या फिर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के पूर्व में दिए बयान के विपरित यह नवीन थाना भी कुछ नए नामों से पहचाना जायेगा।