अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की 85 अधिवेशन इस वक्त छत्तीसगढ़ राज्य की पावन धरा में बड़े भव्य तरीके से आयोजित किया जा रहा है। इस अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी के लगभग हर छोटे बड़े स्तर के नेता पधारे हुए हैं। बकायदा कुछ नेताओं का स्वागत तो फूल बिछा कर भी किया गया है। जिस पर सोसल मीडिया में बहुत कुछ यूजरो के द्वारा पोस्ट किया जा राहा है। कांग्रेस पार्टी के 85 अधिवेशन में पधारे ज्यादातर नेता केन्द्र में मौजूद मोदी सरकार की कमियों को उजागर करने में पूराजोर दम लगा रहे है। लगभग हर कांग्रेसी नेता का भाषण मोदी सरकार की तमाम विफलताओं को गिनाने में भरे पड़े हुए है। वंही पार्टी के बड़े नेता आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी मजबूत दावेदारी को लेकर रणनीति पर भी बात करते हुए नजर आए हैं। निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह अधिवेशन काफी अहम है।
लेकिन भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से गदगद कांग्रेस पार्टी की यह अधिवेशन सफलता की उस ऊंचाई तक पहुंच पायेगी जंहा से केन्द्र में मजबूती से मौजूद नरेंद्र दामोदर दास मोदी की सरकार को उखाड़ने में सफल हो जाएं यह एक बड़ा सवाल है। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो केंद्र में मौजूद मोदी सरकार को लेकर आम जनता के अंदर काफी उथल-पुथल मचा हुआ है। सरकार की कई नितीयां लोगों को रास नहीं आ रही है। ऊपर से सुनी सुनाई भाषण और दलीलें बोर करने लगी है। वैसे भी बड़े बुजुर्ग कह गए हैं, कि बैगर आग धुंआ नहीं निकलता है। यानी कि स्पष्ट है कि आग लग चुका है और इस आग की भनक भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों को भी लग गई है। ऐसे कांग्रेस पार्टी इस आग की तपन को नजदीकी से परखना चाहती है, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की भूमिका को मजबूती से आम जनता के मध्य स्थापित कर सके और सत्ता के जरिए वह राजनीतिक साख को पुनः स्थापित कर सके जिसकी मिटने की रात दिन भाजपाई नेता दुहाई देते है," कांग्रेस मुक्त भारत। बहरहाल कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य की पावन धरा में आयोजित इस महाअधिवेशन से सेवा, संघर्ष, बलिदान सबसे पहले हिंदुस्तान की नारा को बुलंद कर रही है, तो वंही ठीक उसी समय राजधानी रायपुर की अन्य दूसरी जगह में छत्तीसगढ़ के जमीनी आंदोलन से जुड़े संगठनों का जन अधिवेशन भी चल रहा है। सनद रहे इस जन अधिवेशन में वे लोग भी शामिल है, जिन्हें कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओ ने बीच बाजार धोखा दिया है, और धोखा देने वाले ज्यादातर कांग्रेसी नेता राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की 85 महाअधिवेशन में राजधानी रायपुर में इस वक्त मौजूद रहते हुए बड़े बड़े तूर्रा छोड़ते हुए देखे गए है। वे तमाम कांग्रेसी नेता इस बात को भंलिभांती जानते और समझते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने गौतम अडानी ग्रुप को हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र को कोयला खनन हेतू उजाड़ने में साथ दिया गया है। इस अधिवेशन में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के नाम पर आदीवासियों के घरों को उजड़ते हुए देखा है। बकायदा कांग्रेस पार्टी से इन्हें सुधार का भरोसा दिलाया गया था, जबकि हकीकत के धरातल पर आज समूचे बस्तर संभाग नक्सलवाद और निर्दोष आदिवासियों की नरसंहार को लेकर कंलकिंत है। धर्मान्तरण के आड़ और आड़ में बवाल जैसे अनगिनत सवालों के अनसूलझे हुए सवाल बस्तर की लाल भूमि पर जिंदा मौजूद खड़ा है। ऐसे में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का 85 अधिवेशन से निकलने वाली तमाम विचारो पर स्वंय विचार करे।