विनोद नेताम
बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य के सियासी सरजमीं पर मौजूद बालोद जिला के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक हालात प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद अस्थिरता की सारी हदें पार करते हुए अबतक दिखाई दिया है। जिला के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मौजूद नगरी निकाय इस अस्थिरता से अछूता नहीं रहा है। लगभग तीनो विधानसभा के अगल अलग हिस्सों में मौजूद नगरी निकाय सत्ता समीकरण के लपेटे में बिखरी हुई नजर आई जिसके चलते उस हिसाब से काम नहीं कर पाई है, जिसकी कामना लोगों ने नगरी निकाय हेतू किया था। हालांकि राजनीति में सत्ता का समिकरण बदलते और बिगड़ते रहते हैं। जिसके चलते लोगों की भावनाएं कई बार आहत होती है, और कई बार खुशी भी प्राप्त होती है, लेकिन क्या करें सत्ता है, और यह सत्ता वह ताकत है, जिसके बुनियाद पर काबिज व्यक्ति किसी गरीब का भला चाहे तो मिनटों में संभव कर सकता है और किसी का बुरा चाहे तो चुटकी में संभव कर सकता है। बहरहाल हम जिक्र कर रहे हैं बालोद जिला की उस भूमि की जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भूमि राजनीतिक योद्धाओं की वह पवित्र भूमि है जिन्होंने संजारी बालोद विधानसभा की पत्थरीली जंमी पर सोने लहलहाती हुई फसल को तैयार करने का हूनर सिखाया है। जी हां हम बात कर रहे हैं संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक रण भूमि गुरूर की जंहा के विकासखंड मुख्यालय में स्थित नगर पंचायत गुरूर में पिछले दिनों एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है। दरअसल नगर पंचायत गुरूर में विगत काफी लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता का दौर पनपा हुआ था। आलम यह बनकर रह गया था की नगर के जनता इस राजनीतिक अस्थिरता से परेशान हो गए थे। पूर्व में नगर पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी तक ने इस अस्थिरता को लेकर चिंता जाहिर किया था लेकिन राजनीतिक नफा-नुकसान के चलते यह अस्थिरता का दौर फिलहाल जारी है। इस राजनीतिक अस्थिरता को लेकर बहूत सारी राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र सहित अन्य और हालतो पर पिछले दिनों लोगों को स्पष्ट और अस्पष्ट तौर पर बहुत कुछ देखने व सुनने को मिला है। मशलन पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू का कांग्रेस पार्टी के साथ अनसुलझे सवाल, अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर बवाल, और भी अन्य वैगरह वैगरह शामिल है। खैर जो भी हुआ वैसे भी कहा जाता है कि सत्ता पर काबिज लोगों के अनुसार ही राजनीतिक हवा का रूख होता है। अतः इस बात को चरितार्थ करते हुए पिछले दिनों एक राजनीतिक घटनाक्रम संजारी बालोद विधानसभा की राजनीतिक रनभूमि गुरूर में और देखने को मिली है। प्राप्त जानकारी अनुसार भाजपा से निकाषित पार्षद श्री मती महिला साहू कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई है। श्री मती महिमा साहू के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से नगर पंचायत गुरूर राजनीतिक घटनाक्रम का मंजर पहले से काफी बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। विदित हो कि पूर्व में महिमा साहू भाजपा समर्थित पार्षद नेत्री के तौर पर पहचानी जाती थी, लेकिन भाजपा से उनका नाता बस कुछ दिनों के लिए था। चूंकि कांग्रेस पार्टी में बतौर पार्षद वह शामिल हो चुकी है ऐसे में नगर पंचायत गुरूर में सत्ता का समिकरण कांग्रेस पार्टी के पाले में फिट बैठ रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा के एक और पार्षद काफी दिनों से कांग्रेस पार्टी की गलियों में गुलाटी खा राहा है। कभी भी समय आने पर वो भी अपना असली रंग दिखा सकता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले यह रंग बदलने वाले पार्षद राजनीतिक रण भूमि की मशहूर कर्म जुंआ लिप्त पाए गए थे। खैर नगर पंचायत गुरूर के अंदर यह कोई बड़ा विषय या मसला नहीं है नगर में जुंआ सट्टा आम है। बात नगर पंचायत गुरूर में फैली अस्थिरता को लेकर है जो कि श्री मती महिमा साहू के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से जल्द ठीक होने की उम्मीद है।