बालोद : जिला में राजनीतिक रण क्षेत्र के नाम से मशहूर मां खारून की पवित्र भूमि गुरूर विकासखंड का यह क्षेत्र, राजनीतिक गतिविधियों को लेकर जाना व पहचाना जाता है। लोगों की धारणा है कि जिला के बड़े बड़े राजनीतिक धूंरधर इसी पवित्र भूमि की देन है। निश्चित रूप से यह उपलब्धि काबिले तारीफ है इसमें कोई संदेह नहीं है। गौरतलब हो कि भारत की भूमि को सदैव महिलाओं की सम्मान से जोड़कर देखा जाता राहा है। भारतीय समाज महिलाओं लेकर काफी सजग माना जाता रहा है। बावजूद इसके देश के अंदर जगह जगह महिला अपराध से संबंधित मामला तेजी के साथ बढ़ रहा है। इतिहास गवाह है महाभारत और रामायण में लड़ी गई बड़ी बड़ी लड़ाईयां महिला अपराध की स्पष्ट उदाहरण है। ऐसे में मां खारून की यह पवित्र आंगन भी विगत कुछ दिनों से महिला अपराध को लेकर चर्चा में है। चर्चा का आलम यह है कि इस पवित्र भूमि पर रहने वाली ज्यादातर महिलाएं क्षेत्र में हो रही महिला अपराधों को लेकर आगबबूला है।
भारत में समाज को गंगा के समान माना गया है। समाज में रहने वाले हर प्राणी को समाज रूपी गंगा हर पापो से मुक्ति प्रदान करता है। वंही भारतीय समाज महिलाओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा अर्चना करते हुए देखा जाता राहा है। देश के अंदर आज भी किसी परिवार में बेटा पैदा होने पर सिर्फ बेटा हुआ है करके ख़ुशी मनाते हैं, लेकिन बेटी पैदा होने पर लक्ष्मी जी का जन्म हुआ है यह बताने हेतू लोग लालायित नजर आते हैं। पुराने दिनों की अपेक्षा लोगों की दिलों में बेटियों को लेकर सुधार यह एक बढ़िया समाजिक उदाहरण है, लेकिन महिलाओं को लेकर किया गया घटिया आचरण और गलत व्यवहार समस्त मानव जाति को शर्मशार होने पर मजबूर कर रही है। लोगों की मानें तो बालोद जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कोसागोंदी में एक रावण का जन्म हुआ है। लोगों के द्वारा इस रावण का एक ही सिर होने की बात कही जा रही है, लेकिन इस रावण ने एक सिर के बदौलत गांव में रहने वाली कई सीता जैसी महिलाओं का जीना दुश्वार कर रखा है यह बड़ी बात है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार कौन है वो रावण,जिसने बालोद जिला के कोसागोंदी गांव में महिलाओं की अधिकारों को कुलचने का प्रयास किया है?
कौन है वो रावण जिसने अपने नापाक इरादों से खारून की पवित्र भूमि पर मौजूद कोसागोंदी की आंगन को लज्जित करने का दूसाहस किया है। आखिरकार कंहा पर मौजूद है कलयुग के वो राम जो इस एक सिर वाला रावण के अंहकार को समाज रूपी गंगा में धोएं और समाज में महिलाओं को न्याय दिलाएं।