विनोद नेताम
रायपुर : इस विडियो को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जोड़ कर सोसल मीडिया में बताया गया है। विडियो में मौजूद महिलाएं राजस्थान की बताई जा रही है। सभी महिलाओं को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल किया गया था और यात्रा की पड़ाव खत्म होने पर इन्हें भूखी प्यासी अन्य जगह छोड़ दिया गया है। यदि विडियो में तनिक भी सत्यता है तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत अब यंही से होती है। क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा को लेकर इन दिनों कांग्रेस पार्टी के लगभग हर नेता गदगद हैं और हो भी क्यूं ना आखिरकार इस यात्रा ने काफी हद तक लोगों की दिलों में जगह बनाने हेतू कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को सफलता दिलाई है। हालांकि धरातल पर मौजूद कांग्रेस पार्टी सरकार जंहा पर भी स्थापित है,वंहा वंहा की सरकार की स्थिति डांवाडोल है, चाहे वह राजस्थान हो अथवा छत्तिसगढ़। राजस्थान में जंहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मिस्ट्री डेमोक्रेसी की परत सबके सामने स्पष्ट खड़ी नजर आ गई है, तो वंही छत्तिसगढ़ राज्य में कांग्रेस सरकार चार साल पुरा होने पर गदगद हैं हाल-फिलहाल गौरव दिवस मनाया गया है। गौरतलब हो कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर चेहरा इन दिनों ईडी के दरवजे पर मत्था टेकी मौजूद खड़ी नजर आ रही है। वंही छत्तिसगढ़ कांग्रेस कमेटी राज्य के अंदर भी गुटबाजी पिछले कई वर्षों से हावी होने की बात जग जाहिर है। ऐसे में हालिया कुछ दिनों से चली आ रही कांग्रेसीयों की आपसी प्रेम और भाईचारा, संदेह की दायरे में मौजूद खड़ा होने की स्थिति से बाहर नहीं है। कांग्रेसीयो की प्रेम और आपसी भाईचारा ने हाल फिलहाल हुई उपचुनाव में पार्टी को जबदस्त तरीके लाभ पहुंचाने में कामयाबी तो हासिल किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेसीयो के मध्य महिनों से चली आ रही मनमुटाव खत्म हो गई है। लिहाजा देर सवेर छत्तिसगढ़ राज्य की सीयासी सर जमीं में कांग्रेसीयो की गुत्थमगुत्थी कभी भी चर्चा की बाजार को गर्म कर सकती हैं। वैसे इन दिनों विपक्षी दलों की नेताओं ने राज्य में चिटफंड कंपनियों की माफिक धड़ल्ले से लूटपाट को अंजाम देने वाली आनलाईन सट्टा कारोबार को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर तगड़ी सवाल दाग दिया है। मामले को लेकर ईडी भी सतर्क होने बात कई मिडिया रिपोर्ट में कही जा रही है। सट्टा कारोबार पर ईडी की पुछताछ कांग्रेसी भाईचारा को क्या बरकरार रख पायेगी? यह एक बड़ा सवाल है। कानून व्यवस्था को लेकर तमाशाबिन सरकार होने की तमगा हासिल करने से चंद कदम दूर छत्तिसगढ़ राज्य सरकार राज्य में संचालित अवैध सट्टा कारोबार को लेकर पुरी तरह से जिम्मेदार है। सूत्रों की माने राज्य के ज्यादातर हिस्सों में मौजूद कांग्रेसी विधायक आनलाईन सट्टा अपने गुर्गों के माध्यम से संचालित कराते हुए जग में प्रसिद्ध हासिल कर चुके हैं। प्रसिद्ध का आलम यह है कि राज्य में आम जनता पुरानी वाली सरकार को यदि चाउंर वाले बाबा के नाम से जानती है तो वंही चार वर्षों पूरा होने की खुशी से गदगद नई सरकार को सट्टा और कट्टा के नाम से पहचानने लगी है। उदाहरण के रूप में बालोद जिला को ही ले लीजिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ महीने पहले जिला में भेंट वार्ता मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचे थे, तभी मुखिया जी के सामने में ही लोगों ने अवैध सट्टा कारोबार को लेकर शिकायत किया था। कहने का मतलब स्पष्ट है कि ईडी यदि राज्य में अवैध सट्टा कारोबार को लेकर यदि जांच में जुटती है, तो इस बार बड़े बड़े तूर्मखां राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता में कालिख पोतते हुए कांग्रेस पार्टी के अंदर में मौजूद खड़े मिलेंगे।