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जनता की मेहनत और पसीने की कमाई को हजम करने वाले लोगों की तलाश आखिरकार कब पुरी होगी।

विनोद नेताम
रायपुर :  भारत विश्व पटल पर निश्चित रूप से रोजना नये नये किर्तिमान स्थापित करने में जुटी हुई है,लेकिन देश के अंदर आज भी गरीबी,भूखमरी,पिछड़ापन,और बेरोजगारी एक भंयकर बिमारी है। वैसे देखा जाए तो इन सभी बिमारीयो की मुख्य वजह भ्रष्टाचार है यानी कि इन बिमारीयो की मूल जड़ यही भ्रष्टाचार है। छत्तीसगढ़ राज्य जिसे देश दुनिया धान की कटोरा के साथ साथ अमीर धरती के गरीब बासिंदो की बसेरा के तौर पर भी जानती व पहचानती हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य के ज्यादातर नेता करोड़ पति है यानी कि धनपति है। बावजूद इसके 'उन्हें सत्ता पर यंहा के गरीब बांसिदो ने बिठा रखा है निश्चित तौर पर यह हैरत की बात है। आमतौर पर लोग कहते है कि गरीब के दुख को एक गरीब ही समझ सकता है। ऐसे में राज्य के सियासी सरजमीं पर मौजूद करोड़पति और धनपति विधायक एवं मंत्री सूब्बे की गरीब अवाम के दुख और पिड़ा को किस हद तक समझते हैं, यह एक चिंतन का विषय हो सकता है। चूंकि बीते कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में आईटी-ईडी की पड़ताल जोरो पर है। इसके चलते उपर से नीचे तक वालो की सुर बदल गए हैं। आई टी और ईडी के अधिकारी रात दिन चोर पकड़ो, चोर पकड़ो अभियान पूरे राज्य भर में छेड़ रखा है। राज्य के अंदर आईटी और ईडी के अधिकारी लगातार जगह जगह छापा मार रहे है। हालांकि अवाम के द्वारा चुने गए करोड़पति, धनपति विधायक एवं मंत्री खामोश चुप बैठे हुए सिर्फ हमने कुछ नहीं किया है बस इतना कह पा रहे है। हालांकि विधायको और मंत्रियों के गंठ से निकलने वाली आवाज बहुत कुछ इशारा कर रही है। जंहा आई टी और ईडी की अधिकारीयों के छापा से पूरे राज्य भर में हड़कंप मचा हुआ है। आलम यह है छोटे से चौकी में पदस्थ एक आरक्षक से लेकर मंत्री तक की हलक से निवाला कुछ महीनों से अटकी पड़ी हुई नजर आ रही है। कारण स्पष्ट है कुछ जगह अधिकारीयों के द्वारा की गई छापामारी में अधिकारियों को भ्रष्टाचार से संबंधित कई अहम सबूत और रकम सहित अवैध संपत्ति के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। इस दौरान छापो की जद में आए अफसरों के अलावा उनसे जुड़े कई कारोबारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा लगातार बढ़ते जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आई टी और ईडी के अधिकारीयों ने जांच का दायरा को बढ़ाते हुए ना सिर्फ रायपुर,दुर्ग,बेमेतरा,राजनांदगांव, महासमुंद,बिलासपुर,रायगढ़ और बालोद तक सीमित रखा है बल्कि राज्य के अंदर मौजूद अन्य जिलों में भी जांच की दायरा को बढ़ा दिया है। आधा दर्जन अफसरों की लगभग 40 जमीने चिन्हित की है,साथ ही मौजूदा विधायको और उनके करिबियो की जमीन एवं संपत्तियों की भी जांच होने की बात कही जा रही है। ज्यादातर संपत्ति अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की है, वंही मौजूदा सरकार में मंत्री और सत्ता धारी राजनीतिक दल के विधायकों की बताई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो पांच दागी अफसरों समेत कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी और उनके करीबियों की कुछ ख़ास संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रोक की कवायत प्रकियाधीन है तो वंही संदिग्ध नेताओं और नौकरशाहो की पूर्व में किए गए खरीद फरोख्त की तबियत से जांच किया जा रहा है।   इसके लिए ईडी ने कुछ रजिस्ट्रार-पंजीयकों को बकायदा पत्र लिखकर ब्यौरा माँगा है। कुछ स्थानीय सत्ता धारी विधायकों पर भी कड़ी नजर है, चूंकि नौकरशाहो को बैगर राजनीतिक संरक्षण मिले भ्रष्टाचार संभव नहीं है अथवा सत्ता धारी राजनीतिक दल के कई विधायक संदेह के दायरे में मौजूद हैं।
सूत्र बताते है कि सूब्बे के अलग अलग इलाकों में ईडी अफसरों का सादी वर्दी में सक्रियता बढ़ गई है। आई टी और ईडी के अधिकारीयों को आशंका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में खर्च हेतू नौकरशाह सत्ताधारी नेताओं को भ्रष्टाचार में सहयोग कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक ईडी की अन्य टीम इस दौरान सेंट्रल फंडिंग वाली कुछ सरकारी योजनाओं का जायजा भी ले रही है। इसमें वन विभाग की कैम्पा योजना और PHE विभाग की जल-जीवन मिशन योजना के आर्थिक पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है,साथ ही खनिज न्यास मद की लूट को प्रभावी तरीके से खंगाला जा रहा है।  
सूत्र बताते है कि जल-जीवन मिशन के करीब 800 करोड़ के बिलो का भुगतान होना है। केंद्र ने अपने हिस्से की रकम राज्य सरकार को सौंप दी है। बताया जाता है कि इसका भुगतान जल्द शुरू होगा। ईडी की नजर इस भुगतान के तौर -तरीको पर भी बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक बताई जा रही है कि PHE के कई ठेकेदारों ने अपने संगठन के जरिए ईडी को सबूतो के साथ शिकायते की थी। इसमें बिलो के भुगतान में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का पुलिंदा सौंपा गया था। सूत्र बताते है कि राज्य में ईडी की नजर कोल कारोबार ही नहीं बल्कि अन्य विभागों में अफसरों द्वारा अंजाम दिए जा रहे आर्थिक मामलो पर भी है। सुब्बे में मौजूद सत्ताधारी पार्टी के ज्यादातर विधायक और मंत्री अपने सहयोगियों और करीबियों के सहारे कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार सहित रेत खनन, अवैध सट्टा कारोबार, अवैध शराब कारोबार, सहित अन्य स्त्रोतो से अथाह धन उगाही को अंजाम देते हुए अकूत संपत्ति अर्जित किया है। यदि आई टी और ईडी की जांच सही दिशा में हुई तो बड़े बड़े तूर्रम खां आई टी और ईडी की अधिकारीयों के सामने पीना पिते हुए नजर आयेंगे।

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